बैतूल। कोरोना काल में जब कोरोना के डर से लोग घर से नही निकल रहे थे और जिला चिकित्साल के ब्लड बैंक में रक्तदान शिविर स्थगित कर दिए गए तो रक्त की कमी सामने आई थी. ऐसे में ब्लड बैंक की चिंताएं बढ़ गई कि जरूरतमंद मरीजों के लिए ब्लड की व्यवस्था कैसे होगी. संकट की घड़ी में बैतूल के रक्तवीरों का उत्साह कम नही हुआ. कोरोना कर्फ्यू के दौरान बैतूल में 915 यूनिट रक्तदान हुआ. ब्लड डोनेट करने में बैतूल ने प्रदेश में अव्वल स्थान पाकर रिकॉर्ड बनाया है.
बैतूल में हुआ प्रदेश में सबसे ज्यादा रक्तदान
दरअसल रक्त की कमी को लेकर रक्तकोष अधिकारी डॉक्टर अंकिता सीते ने छोटे-छोटे केम्प ब्लड डोनेशन बस के माध्यम से करने की योजना बनाई और इस योजना से सीएमएचओ डॉ एके तिवारी और सिविल सर्जन डॉ अशोक बारंगा को अवगत कराया. ब्लड की कमी से जूझ रहे ब्लड बैंक की स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने भी कलेक्टर अमनबीर सिंह बैस से रक्तदान शिविर को लेकर चर्चा की. इसके बाद ये तय हुआ कि डोनेशन बस के माध्यम से 1 दिन में दो कैंप लगाए जाएं जिसमें कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सिर्फ 20 रक्तदाता ही एक कैंप में रक्तदान करने की अनुमति दी. अनुमति मिलने के बाद बैतूल शहर सहित ब्लॉक मुख्यालय और ग्रामीण क्षेत्रों में कैंप आयोजित किए गए और 9 अप्रैल से 31 मई तक कोरोना कर्फ्यू के दौरान 22 केम्प आयोजित किये गए और उसमें 915 यूनिट रक्तदान किया गया.
प्रदेश में बैतूल रहा प्रथम स्थान पर
प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने 47 जिला चिकित्सालय को ब्लड कलेक्शन और ट्रांसप्रोटेशन वैन प्रदान की थी और ये वैन प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी के द्वारा दी गई थी. इन वैन के द्वारा कैम्प लगाए गए जिसमें बैतूल ब्लड बैंक की ब्लड कलेक्शन वैन के द्वारा किये गए केम्प में 578 यूनिट रक्तदान हुआ जो प्रदेश में सर्वाधिक है. इसके अलावा बैतूल के बाद दूसरे नम्बर पर बालाघाट जहां 431 और तीसरे नम्बर खरगोन जहां 411 यूनिट रक्तदान हुआ. इस उपलब्धि पर ब्लड सेल की डिप्टी डायरेक्टर डॉ रूबी खान ने बैतूल ब्लड बैंक की रक्तकोष अधिकारी डॉ अंकिता सीते एवं स्टाफ और रक्तदाताओं को बधाई दी.