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सारणी के सतपुड़ा पावर प्लांट में घुसा टाइगर, टॉर्च की रोशनी में सर्च अभियान जारी

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Published : Jun 3, 2023, 5:10 PM IST

सारणी के सतपुड़ा पावर प्लांट में वन अमला को चकमा देकर टाइगर अंदर घुस गया. वन विभाग ने पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर टॉर्च की रोशनी में सर्च अभियान जारी रखा है.

betul tiger enters at satpura power plant
सारणी के सतपुड़ा पावर प्लांट में घुस गया टाइगर
सारणी के सतपुड़ा पावर प्लांट में बाघ घुसा

बैतूल। जिले के सारणी में लगातार टाइगर की मूवमेंट बनी हुई है. शुक्रवार रात करीब 9 बजे टाइगर सतपुड़ा पावर प्लांट सारणी के अंदर घुस गया, इससे पावर हाउस प्रबंधन में दहशत का माहौल है. बता दें कि शुक्रवार पूरे दिन CCF, DFO, SDO, रेंजर से लेकर पूरा वन अमला कोल हैंडलिंग प्लांट में टाइगर की मौजूदगी को देखते हुए सर्च करते रहे. सफलता नहीं मिली तो दोपहर बाद ड्रोन कैमरे की मदद भी ली गई, लेकिन टाइगर दिखाई नहीं दिया. शाम से लेकर रात करीब 9 बजे तक पूरा वन अमला आला अफसरों के साथ कोल हैंडलिंग प्लांट में टाइगर को सर्च करते रहे. इसी बीच पूरे वन महकमे को चकमा देकर टाइगर सतपुड़ा पावर प्लांट सारनी के अंदर घुस गया.

पहले भी 2 बार घुसा है टाइगर: पहले भी दो बार सतपुड़ा पावर प्लांट में टाइगर घुस चुका है, जिसे सर्च करने में वन विभाग को खासी मशक्कत करनी पड़ी थी. दरअसल, पावर प्लांट के अंदर ऊंची-ऊंची घास और झाड़ियां हैं, कई जगहों से दीवार टूटी है जहां से कुत्ते, गाय भी प्लांट में घुस जाते हैं. प्लांट के अंदर घनी घास और झाड़ियों के बीच भरपूर मात्रा में पानी भी है. यहां से टाइगर को खदेड़ना वन विभाग के लिए मुश्किल भरा काम है.

बाघ से जुड़ी खबरें...

प्रशासन ने शहर में कराई मुनादी: इधर, टाइगर की मौजूदगी को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन द्वारा शहर में मुनादी कराई जा रही है. दिन के उजाले में ड्रोन कैमरे से सर्चिंग की जा रही है, लेकिन घने जंगल और ऊंची-ऊंची घास की वजह से ड्रोन कैमरे में टाइगर कैद नहीं हो पा रहा. रिहायशी क्षेत्र में टाइगर की मौजूदगी से स्थानीय वन विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं.

टॉर्च और बैटरी की मदद से जारी सर्चिंग: पावर प्लांट के अंदर टाइगर की दस्तक होते ही कार्यरत अधिकारी और कर्मचारियों में दहशत का माहौल है. सुरक्षा विभाग, पुलिस विभाग और वन विभाग टॉर्च और बैटरी की मदद से प्लांट के अंदर झाड़ियों में टाइगर को सर्च कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि वन विभाग की पूरी कोशिश है कि टाइगर को जंगल में खदेड़ दिया जाए. दरअसल, जहां टाइगर मौजूदा स्थिति में है वहां पर उसे रेस्क्यू कर पाना वन विभाग के लिए उतना ही मुश्किल है जितना दुर्गम पहाड़ी में लगी आग पर काबू पाना. इसी वजह से वन विभाग की हर संभव कोशिश है कि टाइगर जंगल में चला जाए. सारणी थाना प्रभारी रत्नाकर हिंग्वे ने बताया कि रात करीब 9 बजे टाइगर सतपुड़ा पावर प्लांट में आ चुका है. पुलिस विभाग के अधिकारी संयुक्त अभियान चलाकर टाइगर की तलाश कर रहे हैं.

सारणी के सतपुड़ा पावर प्लांट में बाघ घुसा

बैतूल। जिले के सारणी में लगातार टाइगर की मूवमेंट बनी हुई है. शुक्रवार रात करीब 9 बजे टाइगर सतपुड़ा पावर प्लांट सारणी के अंदर घुस गया, इससे पावर हाउस प्रबंधन में दहशत का माहौल है. बता दें कि शुक्रवार पूरे दिन CCF, DFO, SDO, रेंजर से लेकर पूरा वन अमला कोल हैंडलिंग प्लांट में टाइगर की मौजूदगी को देखते हुए सर्च करते रहे. सफलता नहीं मिली तो दोपहर बाद ड्रोन कैमरे की मदद भी ली गई, लेकिन टाइगर दिखाई नहीं दिया. शाम से लेकर रात करीब 9 बजे तक पूरा वन अमला आला अफसरों के साथ कोल हैंडलिंग प्लांट में टाइगर को सर्च करते रहे. इसी बीच पूरे वन महकमे को चकमा देकर टाइगर सतपुड़ा पावर प्लांट सारनी के अंदर घुस गया.

पहले भी 2 बार घुसा है टाइगर: पहले भी दो बार सतपुड़ा पावर प्लांट में टाइगर घुस चुका है, जिसे सर्च करने में वन विभाग को खासी मशक्कत करनी पड़ी थी. दरअसल, पावर प्लांट के अंदर ऊंची-ऊंची घास और झाड़ियां हैं, कई जगहों से दीवार टूटी है जहां से कुत्ते, गाय भी प्लांट में घुस जाते हैं. प्लांट के अंदर घनी घास और झाड़ियों के बीच भरपूर मात्रा में पानी भी है. यहां से टाइगर को खदेड़ना वन विभाग के लिए मुश्किल भरा काम है.

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प्रशासन ने शहर में कराई मुनादी: इधर, टाइगर की मौजूदगी को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन द्वारा शहर में मुनादी कराई जा रही है. दिन के उजाले में ड्रोन कैमरे से सर्चिंग की जा रही है, लेकिन घने जंगल और ऊंची-ऊंची घास की वजह से ड्रोन कैमरे में टाइगर कैद नहीं हो पा रहा. रिहायशी क्षेत्र में टाइगर की मौजूदगी से स्थानीय वन विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं.

टॉर्च और बैटरी की मदद से जारी सर्चिंग: पावर प्लांट के अंदर टाइगर की दस्तक होते ही कार्यरत अधिकारी और कर्मचारियों में दहशत का माहौल है. सुरक्षा विभाग, पुलिस विभाग और वन विभाग टॉर्च और बैटरी की मदद से प्लांट के अंदर झाड़ियों में टाइगर को सर्च कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि वन विभाग की पूरी कोशिश है कि टाइगर को जंगल में खदेड़ दिया जाए. दरअसल, जहां टाइगर मौजूदा स्थिति में है वहां पर उसे रेस्क्यू कर पाना वन विभाग के लिए उतना ही मुश्किल है जितना दुर्गम पहाड़ी में लगी आग पर काबू पाना. इसी वजह से वन विभाग की हर संभव कोशिश है कि टाइगर जंगल में चला जाए. सारणी थाना प्रभारी रत्नाकर हिंग्वे ने बताया कि रात करीब 9 बजे टाइगर सतपुड़ा पावर प्लांट में आ चुका है. पुलिस विभाग के अधिकारी संयुक्त अभियान चलाकर टाइगर की तलाश कर रहे हैं.

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