बैतूल। मध्य प्रदेश के बैतूल के रिहायशी इलाकों में तेंदुए की उपस्थिति से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है. तेंदुए के हमले से 18 बकरे बकरियों की मौत हो गई है. वहीं दो घायल है. वन विभाग इस तेंदुए की सर्चिंग कर रहा है. आशंका जताई जा रही है कि यह हमला तेंदुए ने किया है.
बकरियों के बाड़े में किया हमलाः बैतूल के भैंसदेही में इन दिनों दक्षिण वन मंडल के रेंज में खूंखार जंगली तेंदुए ने गांव मे घुसकर 18 बकरियों पर हमला कर उन्हें मार डाला. घटना भैंसदेही रेंज के देड़पानी सर्किल के अंतर्गत आने वाले चिखलाजोड़ी गांव की है. जहां गुरुवार की रात हमलावर तेंदुआ घुसा था. जानवर ने आदिवासियों के घरों के सामने बने मवेशियों के बाड़ों को निशाना बनाया जहां बकरियां थी. इस खूंखार जानवर ने एक दो नहीं बल्कि बाड़े में मौजूद पूरी 18 बकरियों मार डाला.
पोते को बचाने के लिए तेंदुए से भिड़ गए दादा-दादी, मारकर जंगल की ओर भगाया
वन विभाग की टीम ने माना हमला तेंदुए ने ही किया थाः फुटप्रिंट देखकर ऐसा लग रहा है कि यह हमला तेंदुए द्वारा ही किया है. इस घातक हमले के बाद वह एक ही बकरी को ले गया. हालांकि उसके हमले के दौरान कारण बाकी मवेशी भी मारे गए. इस घटना से गांव में दहशत के मारे लोगों का बुरा हाल है. ग्रामीण इतने डरे हुए हैं कि वो जंगल तो दूर अपने खेतों में भी जाने से बच रहे हैं. वन विभाग की टीम ने गांव पहुंचकर जांच पड़ताल की तो ये स्पष्ट हो गया कि हमलावर जानवर तेंदुआ ही था.
किसान को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरूः जिस किसान के मवेशी इस हमले में मारे गए हैं, उसे वन विभाग की तरफ से मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. वन विभाग ने इस पूरे इलाके में ग्रामीणों को चेतावनी दी है कि वो रात में अकेले ना घूमें और दोपहर के वक्त भी खेत खलिहानों में झुंड बनाकर जाएं. किसी भी तरह का खतरा महसूस होने पर वन विभाग को सूचित किया जाए. बैतूल में दक्षिण वन मंडल का ये वो इलाका है जिसका अधिकतर हिस्सा टाइगर कॉरिडोर से भी जुड़ा है. इसके बावजूद यहां ज्यादातर तेंदुए और भालूओ के मूवमेंट रहते हैं. जिससे जंगल जाने वाले आदिवासी मजदूरों की जान खतरे में रहती है.