बैतूल। कोरोना संकट के दौरान प्रदेश के कई अस्पतालों में ब्लड न होने को लेकर मरीजों को रेफर किया जा रहा है क्योंकि रक्तदान शिविर न होने से यह समस्या आ रही है. ऐसे में बैतूल के रक्तदाताओं के सहयोग से बैतूल के ब्लड बैंक ने लॉकडाउन के दौरान नया कीर्तिमान स्थापित किया है. जहां बैतूल ब्लड बैंक ने लॉक डाउन के 27 दिन में 322 यूनिट रक्तदान करवाया.
डॉ अंकिता सीते का कहना है की सीएमएचओ डॉ जीसी चौरसिया, सिविल सर्जन डॉ अशोक बारंगा और सीनियर पैथोलॉजिस्ट डॉ डब्लू ए नागले के मार्गदर्शन में ब्लड बैंक के स्टाफ के सहयोग से आज बैतूल का नाम पूरे प्रदेश में रोशन हो रहा है. इस बात की पुष्टि एड्स कंट्रोल सोसायटी भोपाल की असिस्टेंट डायरेक्टर मोनल सिंह ने की है और बैतूल ब्लड बैंक को बधाई दी. लॉक डाउन में जहां पूरा प्रदेश ब्लड को लेकर संकट में था तब बैतूल ब्लड बैंक ने लॉक डाउन के दौरान 322 यूनिट रक्तदान करवाया. यह सब उस कार्य योजना से संभव हुआ जो रक्तकोष अधिकारी डॉ अंकिता सीते ने बनाई थी. जिन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए सोशल मीडिया पर अपील करके रक्तदाताओं से ब्लड बैंक में ही रक्तदान करवाया. रक्तदाताओं को अपार्टमेंट देकर रक्तदान करवाया गया, जिससे ब्लड बैंक में भीड़ ना लगे.
अब तक 1865 यूनिट रक्तदान हो चुका है, यही कारण है कि बैतूल में बिना एक्सचेंज के अधिकांश जरूरतमंद मरीजों को ब्लड उपलब्ध कराया गया. दूसरे जिलों की तुलना में बैतूल से रक्त की कमी को लेकर किसी मरीज को दूसरे अस्पताल में रेफर नहीं किया जाएगा. सीएमएचओ डॉ जीसी चौरसिया का कहना है कि जिले का ब्लड बैंक पूरे मध्य प्रदेश में टॉप पर चल रहा सबसे ज्यादा कलेक्शन हुआ है. हर दिन ब्लड डोनेशन कराया गया, रक्तदाता भी इसे उपलब्धि बता रहे है. रक्तदाता पवन शर्मा का कहना है कि लॉक डाउन के दौरान सभी समितियों ने बढ़-चढ़ कर रक्तदाताओं ने रक्त दान किया. इस भीषण परिस्थिति में भी रक्त की कमी नहीं आई यह बड़ी उपलब्धि है.