बैतूल। एमपी में अधिकारी कुछ तुफानी करने के लिए हमेशा से जाने जाते हैं. इस बार तो एक तहसीलदार ने अतिक्रमण हटाने के लिए ऐसे जोश में आए कि लहलहाती फसल को गुस्से में खुद ही उजाड़ने लगे. उनके इस एक्शन पर लोग हैरान हो गए. मामला घोड़ाडोंगरी तहसील के खमालपुर गांव में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण का था. यहां अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन को कोई ट्रैक्टर चालक नहीं मिल रहा था. जिसके चलते अतिक्रमण हटाने में देरी हो रही थी. बस फिर क्या था, तमतमाए तहसीलदार बाबू ने आव देखा ना ताव और चढ बैठे ट्रैक्टर की ड्रायविंग सीट पर. घोड़ाडोंगरी तहसीलदार ने खुद ही ट्रैक्टर चलाकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की. तहसीलदार के अतिक्रमण हटाने का वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.
ट्रैक्टर चलाने के लिए नहीं मिला चालक: घोड़ाडोंगरी तहसीलदार अशोक कुमार डेहरिया ने बताया कि खमालपुर गांव में एक व्यक्ति द्वारा साढ़े तीन एकड़ शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर लिया गया था. इसकी शिकायत मिलने पर राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची थी, लेकिन ट्रैक्टर चलाने के लिए कोई चालक उपलब्ध नहीं था. जिस पर स्वयं ट्रैक्टर चलाकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की. इस दौरान करीब 40 लाख रुपए की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया. हालांकि इस पूरे एक्शन के दौरान वो किसान सामने नहीं आया जिसने सरकारी जमीन पर गेहूं की फसल बोई थी.
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खेल मैदान की भूमि से हटाया अतिक्रमण: इसके साथ ही घोड़ाडोंगरी तहसीलदार अशोक कुमार डेहरिया एवं अधिकारियों द्वारा घोड़ाडोंगरी तहसील के कुही में दो एकड़ शासकीय भूमि पर किए गए. अतिक्रमण को हटाकर भूमि खेल मैदान के लिए ग्राम पंचायत को सौंपी गई. रानीपुर में अनावेदक कमलेश द्वारा एक हजार वर्गफीट भूमि पर किया गया अवैध कब्जा हटवाकर आवेदक भद्दू को जमीन का कब्जा सौंपा गया. इस दौरान तहसीलदार डेहरिया द्वारा प्राथमिक शाला जूनाढाना एवं कुही का निरीक्षण किया गया एवं शैक्षणिक व्यवस्थाएं देखी.