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मुलताई के 16 छोटे बांध हुए लबालब, किसानों को मिलेगा भरपूर पानी

बैतूल के मुलताई क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के चलते क्षेत्र के कई डैम लबालब हो चुके हैं और पानी ओवरफ्लो हो रहा है. इसी को लेकर किसानों के चेहरे पर खुशी नजर आ रही है.

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Published : Aug 14, 2020, 8:08 PM IST

16 miniature dams of Multai filled with water
मुलताई के 16 लघु डैम पानी से हुए लबालब

बैतूल। मुलताई क्षेत्र में झमाझम बारिश के चलते लघु और मध्यम डैम में तेजी से पानी की आवक हो रही है. मध्यम परियोजना का बुंडाला डेम भी लबालब हो गया है. बुंडाला डैम के वेस्टवेयर से पानी निकलना शुरू हो गया है. इसके अलावा क्षेत्र के 16 लघु डैम भी लबालब हो चुके हैं. बता दें कि क्षेत्र में 37 लघु डैम हैं, जिसमें से 16 डैम में शतप्रतिशत पानी संग्रहित हो चुका है. बीते कुछ दिनों से हो रही बारिश से डैमों में पानी की आवक शुरू हो गई थी. पानी की तेज आवक और डैम लबालब होने से किसानों ने राहत की सास ली है. किसानों को रबी फसलों के लिए सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सकेगा. वहीं अभी लगातार बारिश होने की संभावना है. जिससे क्षेत्र के अन्य डैम में भी पर्याप्त पानी की आवक हो जाएगी.

जल संसाधन उपसंभाग के एसडीओ सीएल मरकाम ने बताया कि बुंडाला डैम का फुल टैंक लेवल 734.55 मीटर है. बुंडाला डैम में पर्याप्त पानी संग्रहित होने के साथ वेस्टवेयर से पानी निकलना शुरू हो गया हैय इस डैम से 36 सौ हैक्टेयर में सिंचाई होती है. डैम में पर्याप्त पानी का संग्रहण होने से इस साल सिंचाई के लिए किसानों को भरपूर पानी दिया जाएगा. इसके अलावा क्षेत्र के लघु डैमों में भी लगातार पानी की आवक हो रही है. इस साल सभी डैम में पर्याप्त पानी संग्रहित होने की उम्मीद है.

ओवरफ्लो हो रहे डैम

वहीं उपयंत्री सीबी पाठेकर ने बताया चंदोरा डैम में भी पानी की आवक शुरू है. डैम का फुल टैंक लेवल 685.95 मीटर है. फिलहाल डैम में 684.55 मीटर तक पानी संग्रहित हो चुका है. डैम के गेटों को बंद रखा है. इन डैमों में संग्रहित हुआ पर्याप्त पानी क्षेत्र के 37 लघु डैमों में से 16 डैम पानी से लबालब होकर ओवरफ्लो हो गए हैं. माथनी, महिलावाड़ी, छिंदी, सेंद्रया, हिवरा, रिधोरा, सिपावा, पराखाती, खैरवानी, पिपरिया, जंबाड़ी, बाड़ेगांव, करपा, परसठानी, बघोली और डहुआ डैम पूरी तरह पानी से भर चुके हैं. इस साल बना खंबारा डैम में भी 90 प्रतिशत पानी का संग्रहण हो चुका है. अब 21 डैमों के ओवर फ्लो होने का इंतजार है. झमाझम बारिश के चलते नगर का ताप्ती सरोवर भी ओवरफ्लो हो गया है.

इन डैमों में 50 से 80 प्रतिशत तक पानी हुआ संग्रहित

क्षेत्र 17 लघु डैमों में 50 से 80 प्रतिशत पानी का संग्रहण हो चुका है. वहीं क्षेत्र में लगातार बारिश का दौर जारी है. जिसके चलते डैम भी एक सप्ताह के भीतर ओवरफ्लो हो जाएंगे. खल्ला, दुनावा, पिसाटा, मायकासर्रा, उभारिया, सूकाखेड़ी, सोंडिया, चिखलीकला, कपासिया, डोब,चौथिया, खड़आमला, एनस, उमनपेठ, पोहर डैम में लगातार 50 प्रतिशत से अधिक पानी संग्रहित हो चुका है. साबड़ी, साईखेड़ा, सोनोरी और झिरीखापा डैम में 50 प्रतिशत से कम पानी संग्रहित हुआ है.

डैम के पानी से होती है 11 हजार हैक्टेयर में सिंचाई

क्षेत्र के लघु और मध्यम परियोजना के डैम से 11 हजार हैक्टेयर में सिंचाई होती है. डैमों में पानी रहने से किसानों के खेतों के कुओं और ट्यूबवेलों का जल स्तर भी बना रहता है. वहीं पानी की आवक होने से किसानों में खुशी है. किसानों का कहना है डैम पानी से लबालब होने पर रबी फसल की सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा. दो साल पहले बारिश कम होने से डैम खाली रह गए थे. जिससे सिंचाई के लिए पानी नहीं मिला था. इस साल ऐसी स्थिति नहीं होगी. डैमों में पानी रहने से क्षेत्र में सिंचाई का रकबा भी बढ़ने की उम्मीद है.

पारसडोह डैम के तीन गेट खोलकर छोड़ रहे पानी

पारसडोह डैम में लगातार पानी की आवक हो रही है. 15 अगस्त तक डैम में 637.68 मीटर तक पानी संग्रहित करके रखना है. निर्धारित लेवल से अधिक पानी की आवक होने से पिछले पांच दिनों से डैम के 6 में से दो गेट को 15 सेमी खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है. उपयंत्री एसके नागले ने बताया दोनों गेट से 32 क्यूबिक प्रति सेकंड पानी निकाला जा रहा है. डैम का फुल टैंक लेवल 639.10 मीटर है. 15 अगस्त के बाद गेट बंद करके फुल टैंक लेवल तक पानी संग्रहित किया जाएगा.

बैतूल। मुलताई क्षेत्र में झमाझम बारिश के चलते लघु और मध्यम डैम में तेजी से पानी की आवक हो रही है. मध्यम परियोजना का बुंडाला डेम भी लबालब हो गया है. बुंडाला डैम के वेस्टवेयर से पानी निकलना शुरू हो गया है. इसके अलावा क्षेत्र के 16 लघु डैम भी लबालब हो चुके हैं. बता दें कि क्षेत्र में 37 लघु डैम हैं, जिसमें से 16 डैम में शतप्रतिशत पानी संग्रहित हो चुका है. बीते कुछ दिनों से हो रही बारिश से डैमों में पानी की आवक शुरू हो गई थी. पानी की तेज आवक और डैम लबालब होने से किसानों ने राहत की सास ली है. किसानों को रबी फसलों के लिए सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सकेगा. वहीं अभी लगातार बारिश होने की संभावना है. जिससे क्षेत्र के अन्य डैम में भी पर्याप्त पानी की आवक हो जाएगी.

जल संसाधन उपसंभाग के एसडीओ सीएल मरकाम ने बताया कि बुंडाला डैम का फुल टैंक लेवल 734.55 मीटर है. बुंडाला डैम में पर्याप्त पानी संग्रहित होने के साथ वेस्टवेयर से पानी निकलना शुरू हो गया हैय इस डैम से 36 सौ हैक्टेयर में सिंचाई होती है. डैम में पर्याप्त पानी का संग्रहण होने से इस साल सिंचाई के लिए किसानों को भरपूर पानी दिया जाएगा. इसके अलावा क्षेत्र के लघु डैमों में भी लगातार पानी की आवक हो रही है. इस साल सभी डैम में पर्याप्त पानी संग्रहित होने की उम्मीद है.

ओवरफ्लो हो रहे डैम

वहीं उपयंत्री सीबी पाठेकर ने बताया चंदोरा डैम में भी पानी की आवक शुरू है. डैम का फुल टैंक लेवल 685.95 मीटर है. फिलहाल डैम में 684.55 मीटर तक पानी संग्रहित हो चुका है. डैम के गेटों को बंद रखा है. इन डैमों में संग्रहित हुआ पर्याप्त पानी क्षेत्र के 37 लघु डैमों में से 16 डैम पानी से लबालब होकर ओवरफ्लो हो गए हैं. माथनी, महिलावाड़ी, छिंदी, सेंद्रया, हिवरा, रिधोरा, सिपावा, पराखाती, खैरवानी, पिपरिया, जंबाड़ी, बाड़ेगांव, करपा, परसठानी, बघोली और डहुआ डैम पूरी तरह पानी से भर चुके हैं. इस साल बना खंबारा डैम में भी 90 प्रतिशत पानी का संग्रहण हो चुका है. अब 21 डैमों के ओवर फ्लो होने का इंतजार है. झमाझम बारिश के चलते नगर का ताप्ती सरोवर भी ओवरफ्लो हो गया है.

इन डैमों में 50 से 80 प्रतिशत तक पानी हुआ संग्रहित

क्षेत्र 17 लघु डैमों में 50 से 80 प्रतिशत पानी का संग्रहण हो चुका है. वहीं क्षेत्र में लगातार बारिश का दौर जारी है. जिसके चलते डैम भी एक सप्ताह के भीतर ओवरफ्लो हो जाएंगे. खल्ला, दुनावा, पिसाटा, मायकासर्रा, उभारिया, सूकाखेड़ी, सोंडिया, चिखलीकला, कपासिया, डोब,चौथिया, खड़आमला, एनस, उमनपेठ, पोहर डैम में लगातार 50 प्रतिशत से अधिक पानी संग्रहित हो चुका है. साबड़ी, साईखेड़ा, सोनोरी और झिरीखापा डैम में 50 प्रतिशत से कम पानी संग्रहित हुआ है.

डैम के पानी से होती है 11 हजार हैक्टेयर में सिंचाई

क्षेत्र के लघु और मध्यम परियोजना के डैम से 11 हजार हैक्टेयर में सिंचाई होती है. डैमों में पानी रहने से किसानों के खेतों के कुओं और ट्यूबवेलों का जल स्तर भी बना रहता है. वहीं पानी की आवक होने से किसानों में खुशी है. किसानों का कहना है डैम पानी से लबालब होने पर रबी फसल की सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा. दो साल पहले बारिश कम होने से डैम खाली रह गए थे. जिससे सिंचाई के लिए पानी नहीं मिला था. इस साल ऐसी स्थिति नहीं होगी. डैमों में पानी रहने से क्षेत्र में सिंचाई का रकबा भी बढ़ने की उम्मीद है.

पारसडोह डैम के तीन गेट खोलकर छोड़ रहे पानी

पारसडोह डैम में लगातार पानी की आवक हो रही है. 15 अगस्त तक डैम में 637.68 मीटर तक पानी संग्रहित करके रखना है. निर्धारित लेवल से अधिक पानी की आवक होने से पिछले पांच दिनों से डैम के 6 में से दो गेट को 15 सेमी खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है. उपयंत्री एसके नागले ने बताया दोनों गेट से 32 क्यूबिक प्रति सेकंड पानी निकाला जा रहा है. डैम का फुल टैंक लेवल 639.10 मीटर है. 15 अगस्त के बाद गेट बंद करके फुल टैंक लेवल तक पानी संग्रहित किया जाएगा.

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