बड़वानी। कोरोना वायरस के खतरे के चलते एक तरफ जहां लोग घरों से बाहर निकलने में परहेज कर रहे हैं तो पलायन कर रहे मजदूरों को बड़वानी जिला प्रशासन ने महाराष्ट्र और गुजरात जाने से रोकने की कार्रवाई की है. बड़वानी के सेंधवा शहर से सीमावर्ती राज्य महाराष्ट्र और गुजरात रोजगार के लिए पलायन करने जा रहे ग्रामीणों को कोरोना वायरस के चलते प्रशासन के द्वारा देर रात रोक लिया गया है. जिला प्रशासन देर रात शहर के नया और पुराना बस स्टैंड के साथ-साथ और सिनेमा चौराहा पहुंचा, जहां मजदूर यात्री बसों में बैठकर पलायन करते हैं. वहां एसडीएम ने मजदूरों को कोरोना वायरस के संबंध में जानकारी देते हुए उनसे आह्वान किया कि वे कोरोना वायरस की रोकथाम होने तक अपने गांव और घर से कहीं और जगह पलायन ना करें.
इसके साथ ही एसडीएम ने ट्रेवल्स एजेंटों को भी निर्देशित किया है कि वे अब इतनी बड़ी संख्या में मजदूरों को महाराष्ट्र और गुजरात के लिए ना भेजें. एसडीएम ने महाराष्ट्र गुजरात जा रहे ग्रामीण लोगों के टिकट की राशि एजेंटों से वापस दिलवा कर उन्हें घर रवाना करवाने की कार्रवाई की.
बता दें कि बड़वानी के सेंधवा सहित जिले भर से हजारों की संख्या में ग्रामीण मजदूर हर साल महाराष्ट्र और गुजरात के शहरों में रोजगार के लिए पलायन करते हैं. इसी बीच आदिवासी समाज के भोंगरिया हाट बाजारों के बाद आदिवासी ग्रामीणों का महाराष्ट्र और गुजरात में रोजगार के लिए लगातार पलायन जारी है.
पलायन पर कोरोना का डंक
बड़वानी जिले में आदिवासी अंचलों से प्रतिदिन सैकड़ों लोग सीमावर्ती राज्यों में मजदूरी के लिए पलायन करते हैं लेकिन महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की आहट से प्रशासन अलर्ट हो गया है. सेंधवा, पानसेमल और खेतिया से महाराष्ट्र आने जाने वाले लोगों पर प्रशासन की विशेष नजर है. वही ऐसे लोगों को रोका जा रहा जो मजदूरी की तलाश में महाराष्ट्र पलायन कर रहे हैं.