बड़वानी। चितावल गांव में पानी की पाइपलाइन बिछाने के दौरान किए गए ब्लास्टिंग की वजह से मकान की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई, ब्लास्ट से आसपास के मकान में रहने वाला ग्रामीण परिवार दहशत में है. जब पीड़ित ग्रामीण ने निर्माण एजेंसी के ठेकेदार को क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत कराने के लिए कहा तो उसने पहले तो मकान की मरम्मत कराने को तैयार हो गया, बाद में ठेकेदार और कंपनी के प्रंबधक ने ऐसा करने से मना कर दिया. तब पीड़ित परिवार, ठेकेदार और कंपनी प्रंबधन के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराने गया, लेकिन उन्हें थाने से खाली लौटना पड़ा क्योंकि पुलिस ने मामला दर्ज करने से साफ इनकार कर दिया.
ठेकेदार की मनमानी और दादागिरी के खिलाफ एक स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता की मदद से पीड़ित ग्रामीण आरोपी के खिलाफ शिकायत करने थाने पहुंचा था, लेकिन फरियादी की वहां कोई सुनवाई नहीं हुई. फिलहाल पीड़ित आरोपी ठेकेदार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए थाने का चक्कर लगा रहा है.
पीड़ित ने बताया कि एक सप्ताह पहले नहर का निर्माण कर रही कंपनी ब्लास्टिंग कर रही था, जिससे पास में बने मकान की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई, ठेकेदार ने दीवारों की मरम्मत का आश्वासन दिया था, बाद में प्रबंधन ने मकान की मरम्मत न कराते हुए पीड़ित परिवार को धमकाकर चुप करा दिया.
सामाजिक कार्यकर्ता महेश तिवारी ने बताया कि जल परियोजना नर्मदा नागलवाड़ी लिफ्ट इरिगेशन के तहत नहर निर्माण के दौरान एजेंसी द्वारा ब्लास्टिंग की जा रही है. जिसमें नहर के पास बने मकान की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई है, लेकिन निर्माण एजेंसी का ठेकेदार पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की बजाय उसे धमका रहा है.