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नर्मदा नदी के पानी में करंट फैलने से दो की मौत, मंत्री को बुलाने की मांग पर अड़े परिजन

बड़वानी जिला मुख्यालय से महज पांच किमी दूर नर्मदा किनारे स्थित कुकरा गांव टापू बन गया है. बड़वानी से कुछ लोग नाव से कुकरा जा रहे थे, तभी बीच नदी में करंट फैलने से दो लोगों की मौत हो गई है.

नर्मदा नदी के पानी में करंट फैलने से दो की मौत
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Published : Aug 12, 2019, 6:02 PM IST

Updated : Aug 12, 2019, 8:29 PM IST

बड़वानी| सरदार सरोवर बांध के गेट बंद किए जाने के बाद मध्यप्रदेश के डूब प्रभावित 192 गांवों में लगातार नर्मदा का बैक वाटर लेवल बढ़ता जा रहा है. जिसके चलते धीरे-धीरे सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित गांव डूबते जा रहे हैं. धार जिले के निसरपुर और बड़वानी जिले के कुकरा राजघाट क्षेत्र में डूब का सबसे ज्यादा असर देखा जा रहा है.

कुकरा राजघाट में लापरवाही पूर्वक बिजली चालू होने के चलते दो लोगों की करंट लगने से मौत हो गई, जबकि तीन लोग घायल हो गए हैं. लोगों की मौत के बाद राजघाट के लोगों में खासा आक्रोश है. नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख मेधा पाटकर व कार्यकर्ताओं ने शवों को नर्मदा घाटी विकास मंत्री के आने के बाद ही वहां से उठाने को कहा है.

नर्मदा नदी के पानी में करंट फैलने से दो की मौत

बड़वानी जिला मुख्यालय से महज पांच किमी दूर नर्मदा किनारे स्थित कुकरा गांव जिसे सरदार सरोवर बांध ने टापू में तब्दील कर दिया है. इसी टापू पर कुछ परिवार आज भी बसे हुए हैं, जिन्हें खाना पहुंचाने के लिए उनके परिजन नाव से कुकरा जा रहे थे, तभी बीच नदी में करंट फैलने से दो लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन लोग झुलस गये हैं. मृतकों के परिजन और एनबीए नेत्री मेधा पाटकर ने पहले तो कलेक्टर एवं एसपी के आने के बाद ही शवों को नदी से निकालने की मांग की थी. दोनों अधिकारियों के पहुंचने के बाद शवों को नदी से निकाला गया. अब मृतकों के परिजन मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल को घटनास्थल पर बुलाने की मांग को लेकर अड़ गए हैं.

इस मामले में नर्मदा बचाओ आंदोलन दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल ने कहा कि बड़वानी के कुकरा में करंट लगने से जिन दो लोगों की मौत हुई है, वो बड़ी दुखद घटना है. इस मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं, जो भी अधिकारी दोषी पाए जाएंगे, उन पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. नर्मदा नदी किनारे बसे गांव जलस्तर बढ़ने से टापू बन गए हैं. वहीं प्रशासन सबको सुरक्षित निकालने के दावे कर रहा है.

बड़वानी| सरदार सरोवर बांध के गेट बंद किए जाने के बाद मध्यप्रदेश के डूब प्रभावित 192 गांवों में लगातार नर्मदा का बैक वाटर लेवल बढ़ता जा रहा है. जिसके चलते धीरे-धीरे सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित गांव डूबते जा रहे हैं. धार जिले के निसरपुर और बड़वानी जिले के कुकरा राजघाट क्षेत्र में डूब का सबसे ज्यादा असर देखा जा रहा है.

कुकरा राजघाट में लापरवाही पूर्वक बिजली चालू होने के चलते दो लोगों की करंट लगने से मौत हो गई, जबकि तीन लोग घायल हो गए हैं. लोगों की मौत के बाद राजघाट के लोगों में खासा आक्रोश है. नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख मेधा पाटकर व कार्यकर्ताओं ने शवों को नर्मदा घाटी विकास मंत्री के आने के बाद ही वहां से उठाने को कहा है.

नर्मदा नदी के पानी में करंट फैलने से दो की मौत

बड़वानी जिला मुख्यालय से महज पांच किमी दूर नर्मदा किनारे स्थित कुकरा गांव जिसे सरदार सरोवर बांध ने टापू में तब्दील कर दिया है. इसी टापू पर कुछ परिवार आज भी बसे हुए हैं, जिन्हें खाना पहुंचाने के लिए उनके परिजन नाव से कुकरा जा रहे थे, तभी बीच नदी में करंट फैलने से दो लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन लोग झुलस गये हैं. मृतकों के परिजन और एनबीए नेत्री मेधा पाटकर ने पहले तो कलेक्टर एवं एसपी के आने के बाद ही शवों को नदी से निकालने की मांग की थी. दोनों अधिकारियों के पहुंचने के बाद शवों को नदी से निकाला गया. अब मृतकों के परिजन मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल को घटनास्थल पर बुलाने की मांग को लेकर अड़ गए हैं.

इस मामले में नर्मदा बचाओ आंदोलन दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल ने कहा कि बड़वानी के कुकरा में करंट लगने से जिन दो लोगों की मौत हुई है, वो बड़ी दुखद घटना है. इस मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं, जो भी अधिकारी दोषी पाए जाएंगे, उन पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. नर्मदा नदी किनारे बसे गांव जलस्तर बढ़ने से टापू बन गए हैं. वहीं प्रशासन सबको सुरक्षित निकालने के दावे कर रहा है.

Intro:टापू बने राजघाट मे बिजली के तारो की चपेट में आने से 2 डूब प्रभावितो की मौत हो गई। वही घटना में 3 लोग घायल है। बिजली के तारो की चपेट में आने से राजघाट निवासी चिमन पिता नटवर दरबार ओर संतोष पिता लालसिंग की मौत हुई है। 2लोगो की मौत के बाद राजघाट के लोगो मे खासा आक्रोश है। घटना की जानकारी के बाद पुलिस और प्रशाशनिक अधिकारी मौके पर पहुच गए है। प्रशाशन को लोगो के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। राजघाट के लोगो ने शव को नाव में रखा हुआ है और विरोध कर रहे है। नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ता और मेधा पाटकर ने शवों को नर्मदा घाटी विकास मंत्री के आने के बाद ही उठाने को लेकर विरोध जारी है Body:बड़वानी जिला मुख्यालय से महज 5 किमी दूर नर्मदा नदी किनारे स्थित कुकरा गांव जो सरदार सरोवर बांध से प्रभावित होने के चलते टापू के रूप में तब्दील हो गया है । वर्तमान में नर्मदा नदी का जलस्तर 131.500 मीटर है। अभी भी कुछ परिवार टापू बने इस कुकरा राजघाट में बसे हुए जिनके परिजन बड़वानी से खाना देने नाव से कुकरा जा रहे थे तभी बीच नदी के करंट फैलने के चलते जहाँ 2 की मौत हो गई है वही 3 गम्भीर रूप से घायल जिनको जिला अस्पताल भर्ती कराया गया। मृतकों के परिजन तथा एनबीए नेत्री मेधा पाटकर ने पहले तो कलेक्टर एवं एसपी के आने के बाद ही शवो को नदी से निकालने की मांग की वही दोनों अधिकारियों के पहुचने पर और नाव पर सवार होकर शवो को निकाला किन्तु अचानक परिजनो द्वारा एनव्हीडीए मंत्री सुरेंद्र बघेल को घटनास्थल पर बुलाने की मांग को लेकर अड़ गए। बता दे कि ईटीवी भारत ने ग्राउंड रिपोर्ट में जिला प्रशासन के दांवों की पोल खोलते हुए बताया था कि डूब क्षेत्र में अभी भी लोग रह रहे है जबकि प्रशासन का कहना था कि सभी प्रभावित लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल दिया है।Conclusion:नर्मदा नदी किनारे डूब प्रभावित गांव जो कि जलस्तर बढ़ने से टापू बन गया है वहा इसके बावजूद लोग रह रहे है जब कि प्रशासन सबको सुरक्षित निकालने के दांवे कर रहा है। टापू पर घिरे परिजनों को बड़वानी से नाव के द्वारा खाना देने जा रहे 5 लोगो को करंट लगने से 2 की मौत हो गई 3 घायल हो गए।
Last Updated : Aug 12, 2019, 8:29 PM IST
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