बड़वानी। पति-पत्नी एक-दूसरे के पूरक होते हैं. आज के वक्त में जब हम आए दिन पति-पत्नी के बीच मतभेदों की खबर सुनते हैं, तब ऐसे में बड़वानी से आई खबर रिश्तों पर विश्वास को और मजबूत कर देती है. दरअसल यहां चाय की दुकान लगाने वाले राधेश्याम यादव ने अपनी स्वर्गीय पत्नी की याद में घर के सामने मंदिर बनवाया है. उन्होंने इस मंदिर में अपनी पत्नी की मूर्ति की स्थापना की है, जिसकी वे हर रोज पूजा-पाठ तो करते ही हैं, साथ ही पत्नी की हर बरसी पर परिजनों को भोजन भी करवाते हैं.
बता दें कि जिले के पानसेमल विकासखंड के दोन्दवाड़ा की आश्रम अधीक्षिका सावित्री देवी का 10 साल पहले बड़वानी लौटते समय दुर्घटना के चलते मृत्यु हो गई थी. स्वर्गीय सावित्री देवी धार्मिक स्वभाव की थीं, साथ ही आश्रम में राधा-कृष्ण का मंदिर बनवाना चाहती थीं, लेकिन मंदिर में मूर्ति की स्थापना से पहले ही दुर्घटना में मृत्यु हो गई. सावित्री देवी ने घर के सामने एक मंदिर बनवाया था, जहां वह पूजा-पाठ करती थीं. वहीं पत्नी की धार्मिक प्रवृत्ति होने के चलते अपनी पत्नी की याद में मंदिर का निर्माण करवाया है. इसमें उन्होंने अपनी पत्नी की प्रतिमा लगाई है.
राधेश्याम यादव की बेटी सोनू ने बताया कि उनके पिता और मां की शादी लव मैरिज हुई थी. उन्होंने कहा कि दस साल बीत जाने के बाद भी लगता है कि उनकी मां अभी भी उनके साथ है. राधेश्याम यादव अपनी पत्नी के गुजरने के दस साल बाद भी उनके प्रेम की जीवंतता को बरकरार रखे हुए हैं.