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रक्षा बंधन पर लगा कोरोना ग्रहण, ग्राहकों की कमी से सदमें में दुकानदार - Chinese Rakhi

बड़वानी जिले में राखी के त्योहार पर कोरोना महामारी की मार पड़ती साफ दिखाई दे रही है. बाजारों में राखी खरीदी को लेकर कोई खास चहल पहल दिखाई नहीं दे रही है. ऐसे में दुकानकार प्रशासनिक कार्रवाई से निराश हैं.

Reduction in Rakhi purchases
राखी खरीदी में आई कमी
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Published : Aug 1, 2020, 10:44 AM IST

बड़वानी। इस साल तीन अगस्त को भाई भहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन मनाया जाएगा, लेकिन कोरोना महामारी का असर हर जगह दिख रहा है. बड़वानी जिले में राखी के दौरान कारोबार पर कोरोना महामारी की मार पड़ती साफ दिखाई दे रही है. बाजारों में ग्राहकों की कोई खास चहल-पहल दिखाई नहीं दे रही है. ऐसे में दुकानकार प्रशासनिक कार्रवाई से निराश हैं. लॉकडाउन के चलते अंतिम दिन राखी खरीदी को लेकर महिलाओं और युवतियों की कोई खास भीड़ नहीं दिखी. दुकानों में इक्का दुक्का खरीददार ही दिखे. इसके विपरीत प्रशासनिक सख्ती का भी बाजार पर असर देखने को मिल रहा है. जिसके चलते व्यापारी दोहरी मार झेल रहे हैं. इस बार दुकानदार चाइनीज राखी का बहिष्कार कर स्वदेशी राखियों को महत्व दे रहे हैं.

राखी खरीदी पर कोरोना ग्रहण

कोरोना काल में व्यवसाय मंदा

कोरोना काल में हर व्यवसाय पर मंदी का असर देखने को मिल रहा है, भाई-बहन के स्नेह वाले त्योहार पर भी कोरोना का ग्रहण लग गया है. जिले में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते शहर में प्रशासन ने स्थानीय रणजीत चौक पर लगने वाली राखी की दुकानों को दशहरा मैदान शिफ्ट कर दिया है, जहां पहले से ही अव्यवस्थाओं का अंबार लगा है. इसके बावजूद व्यापारी जैसे-तैसे राखी की खरीददारी को लेकर ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं.

Rakhi business reduced
राखी का धंधा हुआ मंदा

राखी के धंधे पर कोरोना ग्रहण

दुकानदारों ने कहा कि हर साल शुभ मुहूर्त में राखी बांधी जाती है, इसमें ग्रहण काल का भी विशेष महत्व रहता है, लेकिन इस साल कोरोना वायरस के चलते राखी के धंधे पर ही ग्रहण लगा है. कोरोना के चलते शहर की 50 प्रतिशत ग्राहकी प्रभावित हुई है. राखी को लेकर दुकानदारों में अनलॉक को देखते हुए कुछ उम्मीद जगी थी और लाखों की राखियां खरीद ली थी, लेकिन बढ़ते संक्रमण के चलते उनकी पूंजी फंस गई है.

Lack of customers in the markets
बाजारों में ग्राहकों की कमी

नायब तहसीलदार ने की चालानी कार्रवाई

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रशासन सख्ती से कार्रवाई कर रहा है, इसी कड़ी में नायब तहसीलदार अपने अमले के साथ दशहरा मैदान पहुंचे, जहां उन्होंने मास्क नहीं लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ 100 से 500 रुपए तक चालानी कार्रवाई की. जिसके चलते दुकानदारों में रोष देखा गया. वहीं दुकानदारों ने कहा कि जितने का धंधा नहीं हुआ था, उतना नुकसान चुकाना पड़ा.

colorful rakhi
रंग बिरंगी राखियां

दुकानों में ग्राहकों का आभाव

बीते सालों में राखी पर बाजार गुलजार रहते थे, इस बार भीड़ न के बराबर दिख रही है. जो लोग दिखाई दे रहे हैं, वह भी कोरोना के भय और प्रशासन के नियमों का पालन करते दिखाई दे रहे हैं, लेकिन राखी खरीदी के दौरान थोड़ी सी भी लापरवाही दिखाई देने पर दुकानदारों को हर्जाना भरना पड़ा रहा है. जहां 10 दिन पहले राखी खरीदी को लेकर उत्साह नजर आता था, वहीं राखी के तीन दिन पहले रौनक गायब है. दशहरा मैदान पर कई प्रकार की रंग-बिरंगी राखियों से दुकानें सजी हैं, लेकिन ग्राहकों का आभाव है.

दुकानदारों ने चाइनीज राखी का किया बहिष्कार

वहीं दुकानदारों ने इस बार चाइनीज राखी का बहिष्कार कर स्वदेशी राखियों को महत्व दिया है, जिसमें भैया-भाभी की राखी, गुजरात व राजस्थान की चूड़ा राखी, कलकत्ता की डोरी राखी, डायमंड राखी, मोर राखी, श्रीकृष्ण और अन्य भगवानों की आकर्षक राखियां उपलब्ध हैं. राखी को लेकर सभी वर्गों के लोगों में खासा उत्साह और बाजारों में भीड़ देखने को मिलती थी, लेकिन कोरोना ने इसे रोक दिया है. इस साल राखी से व्यापारियों को लाभ तो दूर दुकानें लगाने का खर्चा भी निकलना मुश्किल हो गया है. राखी खरीदने के अंतिम दिन कोई भीड़ नहीं दिखाई दी क्योंकि 1 से 3 अगस्त तक लॉकडाउन रहेगा. वहीं कुछ महिलाएं और युवतियां पहुंची, जो दुकानदार के लिए आफत का सबब बन गई.

बड़वानी। इस साल तीन अगस्त को भाई भहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन मनाया जाएगा, लेकिन कोरोना महामारी का असर हर जगह दिख रहा है. बड़वानी जिले में राखी के दौरान कारोबार पर कोरोना महामारी की मार पड़ती साफ दिखाई दे रही है. बाजारों में ग्राहकों की कोई खास चहल-पहल दिखाई नहीं दे रही है. ऐसे में दुकानकार प्रशासनिक कार्रवाई से निराश हैं. लॉकडाउन के चलते अंतिम दिन राखी खरीदी को लेकर महिलाओं और युवतियों की कोई खास भीड़ नहीं दिखी. दुकानों में इक्का दुक्का खरीददार ही दिखे. इसके विपरीत प्रशासनिक सख्ती का भी बाजार पर असर देखने को मिल रहा है. जिसके चलते व्यापारी दोहरी मार झेल रहे हैं. इस बार दुकानदार चाइनीज राखी का बहिष्कार कर स्वदेशी राखियों को महत्व दे रहे हैं.

राखी खरीदी पर कोरोना ग्रहण

कोरोना काल में व्यवसाय मंदा

कोरोना काल में हर व्यवसाय पर मंदी का असर देखने को मिल रहा है, भाई-बहन के स्नेह वाले त्योहार पर भी कोरोना का ग्रहण लग गया है. जिले में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते शहर में प्रशासन ने स्थानीय रणजीत चौक पर लगने वाली राखी की दुकानों को दशहरा मैदान शिफ्ट कर दिया है, जहां पहले से ही अव्यवस्थाओं का अंबार लगा है. इसके बावजूद व्यापारी जैसे-तैसे राखी की खरीददारी को लेकर ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं.

Rakhi business reduced
राखी का धंधा हुआ मंदा

राखी के धंधे पर कोरोना ग्रहण

दुकानदारों ने कहा कि हर साल शुभ मुहूर्त में राखी बांधी जाती है, इसमें ग्रहण काल का भी विशेष महत्व रहता है, लेकिन इस साल कोरोना वायरस के चलते राखी के धंधे पर ही ग्रहण लगा है. कोरोना के चलते शहर की 50 प्रतिशत ग्राहकी प्रभावित हुई है. राखी को लेकर दुकानदारों में अनलॉक को देखते हुए कुछ उम्मीद जगी थी और लाखों की राखियां खरीद ली थी, लेकिन बढ़ते संक्रमण के चलते उनकी पूंजी फंस गई है.

Lack of customers in the markets
बाजारों में ग्राहकों की कमी

नायब तहसीलदार ने की चालानी कार्रवाई

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रशासन सख्ती से कार्रवाई कर रहा है, इसी कड़ी में नायब तहसीलदार अपने अमले के साथ दशहरा मैदान पहुंचे, जहां उन्होंने मास्क नहीं लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ 100 से 500 रुपए तक चालानी कार्रवाई की. जिसके चलते दुकानदारों में रोष देखा गया. वहीं दुकानदारों ने कहा कि जितने का धंधा नहीं हुआ था, उतना नुकसान चुकाना पड़ा.

colorful rakhi
रंग बिरंगी राखियां

दुकानों में ग्राहकों का आभाव

बीते सालों में राखी पर बाजार गुलजार रहते थे, इस बार भीड़ न के बराबर दिख रही है. जो लोग दिखाई दे रहे हैं, वह भी कोरोना के भय और प्रशासन के नियमों का पालन करते दिखाई दे रहे हैं, लेकिन राखी खरीदी के दौरान थोड़ी सी भी लापरवाही दिखाई देने पर दुकानदारों को हर्जाना भरना पड़ा रहा है. जहां 10 दिन पहले राखी खरीदी को लेकर उत्साह नजर आता था, वहीं राखी के तीन दिन पहले रौनक गायब है. दशहरा मैदान पर कई प्रकार की रंग-बिरंगी राखियों से दुकानें सजी हैं, लेकिन ग्राहकों का आभाव है.

दुकानदारों ने चाइनीज राखी का किया बहिष्कार

वहीं दुकानदारों ने इस बार चाइनीज राखी का बहिष्कार कर स्वदेशी राखियों को महत्व दिया है, जिसमें भैया-भाभी की राखी, गुजरात व राजस्थान की चूड़ा राखी, कलकत्ता की डोरी राखी, डायमंड राखी, मोर राखी, श्रीकृष्ण और अन्य भगवानों की आकर्षक राखियां उपलब्ध हैं. राखी को लेकर सभी वर्गों के लोगों में खासा उत्साह और बाजारों में भीड़ देखने को मिलती थी, लेकिन कोरोना ने इसे रोक दिया है. इस साल राखी से व्यापारियों को लाभ तो दूर दुकानें लगाने का खर्चा भी निकलना मुश्किल हो गया है. राखी खरीदने के अंतिम दिन कोई भीड़ नहीं दिखाई दी क्योंकि 1 से 3 अगस्त तक लॉकडाउन रहेगा. वहीं कुछ महिलाएं और युवतियां पहुंची, जो दुकानदार के लिए आफत का सबब बन गई.

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