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सरदार सरोवर बांध में पानी भरे जाने के विरोध में डूब प्रभावितों ने निकाली रैली, लगाया गंभीर आरोप

सरदार सरोवर बांध में पानी भरे जाने के विरोध में बुधवार को नर्मदा बचाओ आंदोलन के नेतृत्व में सैकड़ों डूब प्रभावितों ने रैली निकाली और संकल्प सभा में भाग लिया. इस आंदोलन में डॉ. सुनीलम, मेधा पाटकर सहित कई सामाजिक कर्यकर्ता भी शामिल हुए.

सरदार सरोवर बांध में पानी भरे जाने के विरोध में निकाली गई रैली
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Published : Jul 31, 2019, 9:54 PM IST

बड़वानी। सरदार सरोवर बांध में पानी भरे जाने के विरोध में बुधवार को नर्मदा बचाओ आंदोलन के नेतृत्व में सैकड़ों डूब प्रभावितों ने रैली निकाली और संकल्प सभा में भाग लिया. इस सभा में देश के अन्य राज्यों से सामाजिक क्षेत्रों में काम करने वाले कार्यकर्ता भी शामिल हुए. इस आंदोलन में डॉ. सुनीलम, मेधा पाटकर सहित कई सामाजिक कर्यकर्ता भी शामिल हुए.

सरदार सरोवर बांध में पानी भरे जाने के विरोध में निकाली गई रैली

डॉ सुनीलम ने कहा कि मध्यप्रदेश की वर्तमान सरकार सरदार सरोवर बांध को लेकर मध्यप्रदेश के हक की बात कर रही है. लिंक परियोजनाओं का रिन्युअल होना चाहिए. 1,84,000 किलोमीटर का मूल्यांकन सरकार को करना चाहिए. लोगों को बताना चाहिए कि विकास की नीतियों का उन पर कितना असर हुआ है. साथ ही कहा कि 9 अगस्त से ईवीएम मशीन के विरोध में एवं मतपत्र से मतदान कराने की मुहिम को लेकर आंदोलन किया जाएगा.

मेधा पाटकर ने कहा कि सरदार सरोवर बांध के पानी से गुजरात के लोगों को फायदा नहीं हो रहा है बल्कि 481 कंपनियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है. इसमें अधिकांश अडानी और अंबानी की कंपनी है. नर्मदा नदी से जुड़ी लिंक परियोजनाओं के कारण नर्मदा नदी सूख जाएगी. इस समय नर्मदा से हजारों की लागत से बनने वाली 6 परियोजनाएं हैं. जिसमें नर्मदा का पानी इन परियोजनाओं के चलते बंट जाएगा जिसका कोई फायदा निमाड़ को नहीं मिलना है.

बड़वानी। सरदार सरोवर बांध में पानी भरे जाने के विरोध में बुधवार को नर्मदा बचाओ आंदोलन के नेतृत्व में सैकड़ों डूब प्रभावितों ने रैली निकाली और संकल्प सभा में भाग लिया. इस सभा में देश के अन्य राज्यों से सामाजिक क्षेत्रों में काम करने वाले कार्यकर्ता भी शामिल हुए. इस आंदोलन में डॉ. सुनीलम, मेधा पाटकर सहित कई सामाजिक कर्यकर्ता भी शामिल हुए.

सरदार सरोवर बांध में पानी भरे जाने के विरोध में निकाली गई रैली

डॉ सुनीलम ने कहा कि मध्यप्रदेश की वर्तमान सरकार सरदार सरोवर बांध को लेकर मध्यप्रदेश के हक की बात कर रही है. लिंक परियोजनाओं का रिन्युअल होना चाहिए. 1,84,000 किलोमीटर का मूल्यांकन सरकार को करना चाहिए. लोगों को बताना चाहिए कि विकास की नीतियों का उन पर कितना असर हुआ है. साथ ही कहा कि 9 अगस्त से ईवीएम मशीन के विरोध में एवं मतपत्र से मतदान कराने की मुहिम को लेकर आंदोलन किया जाएगा.

मेधा पाटकर ने कहा कि सरदार सरोवर बांध के पानी से गुजरात के लोगों को फायदा नहीं हो रहा है बल्कि 481 कंपनियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है. इसमें अधिकांश अडानी और अंबानी की कंपनी है. नर्मदा नदी से जुड़ी लिंक परियोजनाओं के कारण नर्मदा नदी सूख जाएगी. इस समय नर्मदा से हजारों की लागत से बनने वाली 6 परियोजनाएं हैं. जिसमें नर्मदा का पानी इन परियोजनाओं के चलते बंट जाएगा जिसका कोई फायदा निमाड़ को नहीं मिलना है.

Intro: बड़वानी जिला मुख्यालय पर नर्मदा बचाओ आंदोलन के नेतृत्व में सैकड़ों डूब प्रभावितों ने शहर में रैली निकालकर संकल्प सभा में भाग लिया इस सभा में देश के अन्य प्रदेशों से सामाजिक क्षेत्रों में काम करने वाले भी शामिल हुए ।


Body:सरदार सरोवर बांध को इस बार गुजरात सरकार ने 139 मीटर तक भरने का निर्णय लिया है , जिसके चलते कई गांव जलमग्न हो जाएंगे वहीं डूब क्षेत्र में 32000 परिवार है । गुजरात सरकार मध्य प्रदेश को बिजली नहीं दे रही है ,हजारों का पुनर्वास बाकी है इसलिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा गुजरात को अधिक पानी नहीं दिया जाना चाहिए। डॉ सुनीलम ने पूर्व भाजपा सरकार पर गुजरात सरकार से समझौता कर घुटने टेकने की बात कहते हुए कहा कि वर्तमान सरकार सरदार सरोवर बांध को लेकर मध्य प्रदेश के हक की बात कर रही है। लिंक परियोजनाओं का रिन्युअल होना चाहिए 184000 किलोमीटर का मूल्यांकन होना चाहिए और लोगो बताना चाहिए कि विकास की नीतियों का उन पर कितना असर हुआ है साथ ही कहा कि 9 अगस्त से ईवीएम मशीन के विरोध में एवं मतपत्र से मतदान कराने की मुहिम आंदोलन का रूप लेगी
मेधा पाटकर ने कहा कि सरदार सरोवर बांध के पानी से गुजरात के लोगों को फायदा नहीं हो रहा है बल्कि 481 कंपनियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है जिसमें अधिकांश अडानी और अंबानी की कंपनी है । नर्मदा नदी से जुड़ी लिंक परियोजनाओं के कारण नर्मदा नदी सूख जाएगी इस समय नर्मदा से हजारों की लागत से बनने वाली 6 परियोजनाएं है जिसमें नर्मदा का पानी इन परियोजनाओं के मार्फत बट जाएगा जिसका कोई फायदा निमाड़ को नहीं मिलना है ।
बाइट01-डॉ सुनीलम
बाइट02-मेधा पाटकर


Conclusion:सरदार सरोवर बांध के विरोध में एनबीए के नेतृत्व में सैकड़ो डूब प्रभावितों ने रैली निकाल कर संकल्प सभा मे भाग लिया, इसमें बड़ी संख्या में अन्य प्रदेशों के सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हुए।
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