बड़वानी। सरदार सरोवर बांध में पानी भरे जाने के विरोध में बुधवार को नर्मदा बचाओ आंदोलन के नेतृत्व में सैकड़ों डूब प्रभावितों ने रैली निकाली और संकल्प सभा में भाग लिया. इस सभा में देश के अन्य राज्यों से सामाजिक क्षेत्रों में काम करने वाले कार्यकर्ता भी शामिल हुए. इस आंदोलन में डॉ. सुनीलम, मेधा पाटकर सहित कई सामाजिक कर्यकर्ता भी शामिल हुए.
डॉ सुनीलम ने कहा कि मध्यप्रदेश की वर्तमान सरकार सरदार सरोवर बांध को लेकर मध्यप्रदेश के हक की बात कर रही है. लिंक परियोजनाओं का रिन्युअल होना चाहिए. 1,84,000 किलोमीटर का मूल्यांकन सरकार को करना चाहिए. लोगों को बताना चाहिए कि विकास की नीतियों का उन पर कितना असर हुआ है. साथ ही कहा कि 9 अगस्त से ईवीएम मशीन के विरोध में एवं मतपत्र से मतदान कराने की मुहिम को लेकर आंदोलन किया जाएगा.
मेधा पाटकर ने कहा कि सरदार सरोवर बांध के पानी से गुजरात के लोगों को फायदा नहीं हो रहा है बल्कि 481 कंपनियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है. इसमें अधिकांश अडानी और अंबानी की कंपनी है. नर्मदा नदी से जुड़ी लिंक परियोजनाओं के कारण नर्मदा नदी सूख जाएगी. इस समय नर्मदा से हजारों की लागत से बनने वाली 6 परियोजनाएं हैं. जिसमें नर्मदा का पानी इन परियोजनाओं के चलते बंट जाएगा जिसका कोई फायदा निमाड़ को नहीं मिलना है.