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कोरोना से निपटने के लिए अब इस शहर में बनाया जा रहा PPE किट, जानिए क्या है इसकी कीमत

मध्यप्रदेश में इंदौर के बाद अब बड़वानी जिले का नाम भी पीपीई किट के निर्माण के लिए जुड़ गया है, जिले के अंजड़ में कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए पीपीई किट का निर्माण किया जा रहा है.रोजाना 200 से अधिक पीपीई किट का निर्माण किया जा रहा है और इस कार्य में 20 महिला पुरूष कर्मचारी जुटे है.

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पीपीई किट का निर्माण
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Published : May 1, 2020, 3:42 PM IST

Updated : May 1, 2020, 5:27 PM IST

बड़वानी। मध्यप्रदेश में इंदौर के बाद अब बड़वानी जिले का नाम भी पीपीई किट के निर्माण के लिए जुड़ गया है, जिले के अंजड़ में कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए पीपीई किट का निर्माण किया जा रहा है. युवा गारमेंट्स व्यापारी द्वारा इन दिनों कम लागत पर बेहतर पीपीई किट का निर्माण किया जा रहा है. ये किट अन्य पीपीई किट्स की अपेक्षा बेहतर साबित हो रही है. ये किट वाटरप्रूफ कोटिंग है. जिसके चलते पानी किट के अंदर नहीं जा सकता है.

PPE किट का निर्माण

इन युवा गारमेंट्स व्यापारियों द्वारा रोजाना 200 से अधिक पीपीई किट का निर्माण किया जा रहा है और इस कार्य में 20 महिला पुरूष कर्मचारी जुटे हैं. दरअसल अंजड़ में रेडीमेड व्यवसायी द्वारा राष्ट्रव्यापी महामारी के चलते लगातार मांग को देखते हुए कम लागत में उच्च क्वलिटी की पीपीई किट बनाकर बड़वानी समेत 4 से 5 जिलों को सप्लाई की जा रही है.

व्यवसायी संतोष गहलोत अपने कारखाने में करीब 20 महिला पुरुषों के द्वारा तैयार की जा रही पीपीई किट के निर्माण में बताते है कि देश में लगातार किट की कमी को देखते हुए कारखाने में कपड़ों की सिलाई बंद कर पीपीई किट को तैयार करना शुरू किया गया है. इस किट को बनाने में लगने वाला कपड़ा उन चुनिंदा कम्पनियों से खरीद रहे हैं जो कि देशभर में केवल 4 से 5 ही है, और वो वर्तमान में उच्च क्वॉलिटी का पीपीई किट निर्माण के लिए कपड़ा तैयार करती है.

पूरे देश में कोरोना संक्रमण के पॉजिटिव मरीजों का सिलसिला जारी है. ऐसे में पीपीई किट की सीमित मात्रा को देखते हुए रेडीमेड कपड़ा व्यवसायी ने कपड़ों के सभी आर्डर कैंसिल करके केवल पीपीई किट बनाने का बीड़ा उठाया है. इतना ही ये किट लागत मूल्य पर ही उपलब्ध करा रहे हैं. जो किट आज बाजार से 1000 से 2000 रुपए में मिल रही है, इनके यहां 650 रुपए के लागत मूल्य में मिल रही है.

लिहाजा कोरोना वायरस की इस जंग में देशभर से हर कोई अपनी क्षमतानुसार अपना योगदान दे रहा है. कहना लाजमी है कि कोरोना वायरस के इस जंग में देशभर से हर कोई अपनी क्षमतानुसार अपना योगदान दे रहा है. कोई खाना खिलाकर, तो कोई चाय पिलाकर तो कोई राशन सामग्री देकर अपने सामाजिक जिम्मेदारियां पूरी कर रहा है. ऐसे में जिले के अंजड नगर के युवा अपना रेडीमेड कपड़े सिलने का कारखाना बंद कर पीपीई किट का निर्माण शुरू कर दिया है.

बड़वानी। मध्यप्रदेश में इंदौर के बाद अब बड़वानी जिले का नाम भी पीपीई किट के निर्माण के लिए जुड़ गया है, जिले के अंजड़ में कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए पीपीई किट का निर्माण किया जा रहा है. युवा गारमेंट्स व्यापारी द्वारा इन दिनों कम लागत पर बेहतर पीपीई किट का निर्माण किया जा रहा है. ये किट अन्य पीपीई किट्स की अपेक्षा बेहतर साबित हो रही है. ये किट वाटरप्रूफ कोटिंग है. जिसके चलते पानी किट के अंदर नहीं जा सकता है.

PPE किट का निर्माण

इन युवा गारमेंट्स व्यापारियों द्वारा रोजाना 200 से अधिक पीपीई किट का निर्माण किया जा रहा है और इस कार्य में 20 महिला पुरूष कर्मचारी जुटे हैं. दरअसल अंजड़ में रेडीमेड व्यवसायी द्वारा राष्ट्रव्यापी महामारी के चलते लगातार मांग को देखते हुए कम लागत में उच्च क्वलिटी की पीपीई किट बनाकर बड़वानी समेत 4 से 5 जिलों को सप्लाई की जा रही है.

व्यवसायी संतोष गहलोत अपने कारखाने में करीब 20 महिला पुरुषों के द्वारा तैयार की जा रही पीपीई किट के निर्माण में बताते है कि देश में लगातार किट की कमी को देखते हुए कारखाने में कपड़ों की सिलाई बंद कर पीपीई किट को तैयार करना शुरू किया गया है. इस किट को बनाने में लगने वाला कपड़ा उन चुनिंदा कम्पनियों से खरीद रहे हैं जो कि देशभर में केवल 4 से 5 ही है, और वो वर्तमान में उच्च क्वॉलिटी का पीपीई किट निर्माण के लिए कपड़ा तैयार करती है.

पूरे देश में कोरोना संक्रमण के पॉजिटिव मरीजों का सिलसिला जारी है. ऐसे में पीपीई किट की सीमित मात्रा को देखते हुए रेडीमेड कपड़ा व्यवसायी ने कपड़ों के सभी आर्डर कैंसिल करके केवल पीपीई किट बनाने का बीड़ा उठाया है. इतना ही ये किट लागत मूल्य पर ही उपलब्ध करा रहे हैं. जो किट आज बाजार से 1000 से 2000 रुपए में मिल रही है, इनके यहां 650 रुपए के लागत मूल्य में मिल रही है.

लिहाजा कोरोना वायरस की इस जंग में देशभर से हर कोई अपनी क्षमतानुसार अपना योगदान दे रहा है. कहना लाजमी है कि कोरोना वायरस के इस जंग में देशभर से हर कोई अपनी क्षमतानुसार अपना योगदान दे रहा है. कोई खाना खिलाकर, तो कोई चाय पिलाकर तो कोई राशन सामग्री देकर अपने सामाजिक जिम्मेदारियां पूरी कर रहा है. ऐसे में जिले के अंजड नगर के युवा अपना रेडीमेड कपड़े सिलने का कारखाना बंद कर पीपीई किट का निर्माण शुरू कर दिया है.

Last Updated : May 1, 2020, 5:27 PM IST
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