बड़वानी। मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के सेंधवा में 21वीं सदी के डिजिटल इंडिया की पोल खोलती ये वो तस्वीरें है, जो प्रदेश सरकर के विकास के दावों पर जोरदार तमाचा मार रही हैं. इन तस्वीरों को देखकर हो सकता है, सूबे के जिम्मेदारों को कोई फर्क ना पड़े, लेकिन ये तस्वीरें प्रदेश की हकीकत बयां कर रही हैं. खास बात तो ये है कि ये वही बड़वानी जिला है, जिसे देश के 117 आकांक्षी जिलों में चयन किया गया है.
गर्भवती महिला को झोली में डालकर पैदल सफर
दरअसल जिले के सेंधवा में जनपद मुख्यालय से महज 35 किलोमीटर दूर चाचरिया पंचायत के नवाड़ फलिया में आज भी सड़कें नहीं हैं. बारिश के दिनों में हालात और भी बद से बदतर हो जाते हैं. इन हालातों के बीच रविवार को एक दिव्यांग गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर जब परिजनों ने उसे झोली में डालकर 3 किलोमीटर का सफर पैदल तय किया. महिला की हालात गंभीर होने पर उसे चाचरिया अस्पताल से सेंधवा के सिविल अस्पताल रेफर कर दिया गया. जहां महिला का इलाज जारी है.
वीडियो वायरल के बाद प्रशासन ने लिया संज्ञान
इन हालातों पर सूबे के मुखिया को जरूर संज्ञान लेना चाहिए, जिनमें उनकी दिव्यांग बहन को सड़क के अभाव से प्रसव पीड़ा के दौरान एक झोली में भरकर ले जाया गया. हालांकि इस वीडियो के वायरल होने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है. कलेक्टर शिवराज सिंह का कहना है कि जानकारी मिलते ही उन्होंने जिला पंचायत सीईओ से इस स्थानों की जानकारी ली है. जिस पर करीब से 10 से 12 स्थान चिन्हित कर लिए गए हैं और जल्द ही कार्रवाई का आश्वासन दे रहे हैं.
प्रदेश में कई जगह हैं ऐसे हालात !
खैर, जिला प्रशासन तत्काल सड़क निर्माण का आश्वासन दे रहा है. लेकिन ये कहानी महज एक पंचायत की नहीं है, ये कहानी महज एक जिले की नहीं है. बल्कि प्रदेश में इस तरह की कई तस्वीरें आए दिन कहीं ना कहीं देखने को मिलती हैं, जिसमें जिम्मेदारों को संज्ञान लेने की तत्काल जरूरत है.