बड़वानी| सरदार सरोवर बांध से पानी छोड़ने एवं पुनर्वास की मांगों को लेकर नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर एवं कार्यकर्ताओं ने नर्मदा किनारे सत्याग्रह शुरू कर दिया है. धार और बड़वानी जिले के सरदार सरोवर बांध प्रभावित गांवों में भी शिविर लगाए जा रहे हैं.
एनबीए ने सरकार से पुनर्वास स्थल पर मूलभूत सुविधाओं की कमी दूर करने तथा जल्द मुआवजे की राशि देने की मांग की है. सरकार ने मांग को पूरा नहीं किया तो सत्याग्रह जारी रहेगा. नर्मदा नदी किनारे बसे कुकरा स्थित राजघाट पर अभी डेढ़ सौ परिवार निवासरत हैं, जबकि वर्तमान में नर्मदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान को अपनी आगोश में लेने की तैयारी में है. जिसके चलते जिला प्रशासन की सांसें फूलती नजर आ रही हैं. डूब प्रभावित भागीरथ यादव का कहना है कि सरकार मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के मात्र छह हजार परिवारों की बात कह रही है, जबकि इसके विपरीत 32 हजार परिवार प्रभावित हैं.
सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित लोगों ने नर्मदा बचाओ आंदोलन के नेतृत्व में सत्याग्रह शुरू कर दिया है. वहीं नर्मदा नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ता जा रहा है. जिसके चलते जिला प्रशासन की नींद उड़ी हुई है. एनबीए नेता मेधा पाटकर का कहना है कि जब तक सरदार सरोवर बांध के गेट नहीं खोले जाते और पुनर्वास संबंधी समस्याओं का निराकरण नहीं हो जाता तब तक सत्याग्रह जारी रहेगा.