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MP Seat Scan Pansemal: 15 साल पहले बनी पानसेमल विधानसभा, 3 चुनाव हुए, दो में जीती कांग्रेस, इस बार त्रिकोणीय संघर्ष के आसार

मध्यप्रदेश की राजपुर (ST) रिजर्व सीट से अलग करके बनाई गई पानसेमल विधानसभा सीट 2008 में अस्तित्व में आई. खरगोन लोकसभा का एक खंड और कुल तीन चुनाव यहां हो चुके हैं. तीन विधानसभा चुनाव में से दो बार कांग्रेस तो एक बार बीजेपी जीती, लेकिन इस बार चुनौती तगड़ी है. ईटीवी भारत के इस सीट स्कैन में यह भी सामने आया कि अब यहां से आप और जयस इंट्री की तैयारी कर रही हैं.

Number of voters in Pansemal Assembly
पानसेमल विधानसभा सीट का रिजल्ट
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 7, 2023, 2:45 PM IST

Updated : Nov 14, 2023, 8:24 PM IST

बड़वानी। पानसेमल विधानसभा पर पहला चुनाव 2008 में हुआ और बाला बच्चन यहां से विधायक बने. 2013 में बीजेपी के दीवान सिंह पटेल और 2018 में कांग्रेस की चंद्रभागा किराड़े ने चुनाव जीता, अभी यह सीट कांग्रेस के पास है. लेकिन बीते दिनों जिस तरह से किराड़े को आक्रोश रैली में विराेध का सामना करना पड़ा, उससे विधायक के प्रति जनता का आक्रोश समझ आता है. चूंकि यह एसटी सीट है तो यहां सबसे अधिक वर्चस्व इसी वर्ग के मतदाआतों का है.

अगर बड़वानी जिले के पानसेमल विधानसभा सीट की बात करें तो यहां से कांग्रेस ने चंद्रभागा किराडे़ पर अपना भरोसा जताते हुए टिकट दिया है. जबकि बीजेपी श्याम बर्डे को टिकट दिया है. वहीं बीजेपी कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी भी यहां जोर आजमाइश कर रही है. आप ने दयाराम जाम सिंह डावर को टिकट दिया है. इसके अलावा रमेश भंगी निर्दलीय चुनावी मैदान में हैं.

Number of voters in Pansemal Assembly
पानसेमल विधानसभा में मतदाताओं की संख्या

अनुसूचित जनजाति तय करती है हार-जीत: यदि कुल मतदाताओं की बात करें तो पानसेमल विधानसभा में 2 लाख 40 हजार 864 के मतदाता हैं. इसमें से 1 लाख 20 हजार 162 पुरुष और 1 लाख 20 हजार 7 सौ महिला मतदाता है. यानी लगभग मामला बराबर का है. कुल वोटर में से 60 फीसदी वोटर अनुसूचित जनजाति वर्ग का है और यही हार जीत का फैसला करते हैं. लेकिन पानसेमल विधानसभा की कुल चार नगरपरिषद में शामिल पानसेमल, खेतिया, नवगठित निवाली और पलसूद नगर परिषद में दूसरे वर्ग के प्रत्याशी अब होल्ड करते हैं.

बीजेपी ने घोषित किया प्रत्याशी, कांग्रेस के सामने चुनौती: बीजेपी ने हाल ही में इस सीट से अपने प्रत्याशी के रूप में श्याम बर्डे का नाम घोषित कर दिया है. श्याम बर्डे की पत्नी को बीजेपी ने जिला पंचायत सदस्य चुनाव में खुलकर सहयोग किया था और खुद श्याम बर्थडे को भाजपा ने बड़वानी जिला महामंत्री के पद विराजित किया है. यह सरकारी नौकरी छोड़कर पार्टी में आए हैं. हालांकि इनके अलावा बीजेपी में लाल वसावे भी दावेदारी कर रहे हैं. पूर्व में 6 बार विधायक का चुनाव लड़ चुके पूर्व विधायक दीवान सिंह पटेल भी दावेदारों में शामिल हैं. इनके अलावा बीजेपी की तरफ से तीसरा नाम प्रोफेसर डॉ प्रकाश सोलंकी हैं. अब जबकि प्रत्याशी घोषित हो चुका है तो श्याम बर्डे को इन दावेदाराें को मनाना मुश्किल होगा.

Number of voters in Pansemal Assembly
पानसेमल विधानसभा सीट का रिजल्ट

पानसेमल में आम आदमी पार्टी सक्रिय: अब कांग्रेस की बात करें तो सबसे ऊपर पानसेमल की वर्तमान विधायक चंद्रभागा किराड़े हैं. यह कमलनाथ के करीबी नेताओं में शामिल हैं. दूसरा नाम गजानंद ब्राह्मणे का है, जो आदिवासी एकता परिषद के प्रदेश अध्यक्ष है. तीसरा नाम जयस संगठन की तरफ से डॉ. राजू पटेल का है. राजू पटेल जयस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष है. जबकि चौथा नाम प्रकाश धुरसिंह खेड़कर का है, जो मध्यप्रदेश आदिवासी विकास परिषद युवा विभाग से जुड़े हुए है और अगला नाम रमेश चौहान का है, जो घोडलीया पानी के सरपंच है. उनकी पत्नी निवाली क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य है. इस सीट पर आम आदमी भी सक्रिय है और आम आदमीं पार्टी की तरफ से महेश चौहान दावेदारी कर रहे हैं.

Number of voters in Pansemal Assembly
पिछले तीन सालों का रिजल्ट

पानसेमल क्षेत्र का विकास और समस्याएं: इस विधानसभा में ग्राम गुल्लर पानी में 4 करोड़ की लागत से सिंचाई तालाब का कार्य जारी है. वहीं विधायक निधि से पन्नाली में तालाब निर्माण, ग्राम पिपरानी में पुलिया, ग्राम पंचायत वांगरा मोविदा में कंक्रीट रोड और ग्राम पंचायतों में बिजली के पोल लगाए गए हैं. लेकिन इन विकास कार्य पर यहां की समस्याएं भारी पड़ती हैं. इस पूरे इलाके में अघोषित बिजली कटौती से लोगों में भारी नाराजगी है, लेकिन यह सरकार के खिलाफ अधिक है. वहीं रोजगार एक बड़ी समस्या है और पलायन वाला क्षेत्र माना जाता है. स्कूल और अस्पताल की हालत खराब है. सड़कों का नेटवर्क बहुत कमजोर है.

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पानसेमल विधानसभा का चुनावी इतिहास और ब्यौरा: 2008 में पहली बार यह सीट अस्तित्व में आई और पहली बार में कुल 7 कैंडीडेट मैदान में उतरे. कांग्रेस की तरफ से बाला बच्चन, बीजेपी ने कन्हैया वीर सिंह सिसोदिया और इनके अलावा निर्दलीय सुरेश सोलंकी मुख्य थे. इनमें से बाला बच्चन ने 53742 और बीजेपी के कन्हैया वीर सिंह सिसोदिया ने 50178 वोट हासिल किए. बाला बच्चन यह इस सीट का पहला चुनाव कांग्रेस को 3564 वोट से जितवा दिया. 2013 में पानसेमल (एसटी) सीट से भारतीय जनता पार्टी ने दीवानसिंह विट्ठल पटेल को उम्मीदवार बनाया और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने कुमारी चंद्रभागा किराडे को उम्मीदवार बनाया. इस चुनाव में बीजेपी के पटेल ने 7382 वोटों से किराड़े को हरा दिया. 2018 में कांग्रेस ने पानसेमल (एसटी) सीट वापिस ले ली. इस बार भी कांग्रेस ने अपनी उम्मीदवार चंद्रभागा किराडे को बनाया, जबकि बीजेपी ने दीवान सिंह विठ्ठल पटेल को टिकट दिया. किराड़े ने इस बार बीजेपी के दीवान सिंह को 25222 वोटों से करारी शिकस्त दी.

बड़वानी। पानसेमल विधानसभा पर पहला चुनाव 2008 में हुआ और बाला बच्चन यहां से विधायक बने. 2013 में बीजेपी के दीवान सिंह पटेल और 2018 में कांग्रेस की चंद्रभागा किराड़े ने चुनाव जीता, अभी यह सीट कांग्रेस के पास है. लेकिन बीते दिनों जिस तरह से किराड़े को आक्रोश रैली में विराेध का सामना करना पड़ा, उससे विधायक के प्रति जनता का आक्रोश समझ आता है. चूंकि यह एसटी सीट है तो यहां सबसे अधिक वर्चस्व इसी वर्ग के मतदाआतों का है.

अगर बड़वानी जिले के पानसेमल विधानसभा सीट की बात करें तो यहां से कांग्रेस ने चंद्रभागा किराडे़ पर अपना भरोसा जताते हुए टिकट दिया है. जबकि बीजेपी श्याम बर्डे को टिकट दिया है. वहीं बीजेपी कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी भी यहां जोर आजमाइश कर रही है. आप ने दयाराम जाम सिंह डावर को टिकट दिया है. इसके अलावा रमेश भंगी निर्दलीय चुनावी मैदान में हैं.

Number of voters in Pansemal Assembly
पानसेमल विधानसभा में मतदाताओं की संख्या

अनुसूचित जनजाति तय करती है हार-जीत: यदि कुल मतदाताओं की बात करें तो पानसेमल विधानसभा में 2 लाख 40 हजार 864 के मतदाता हैं. इसमें से 1 लाख 20 हजार 162 पुरुष और 1 लाख 20 हजार 7 सौ महिला मतदाता है. यानी लगभग मामला बराबर का है. कुल वोटर में से 60 फीसदी वोटर अनुसूचित जनजाति वर्ग का है और यही हार जीत का फैसला करते हैं. लेकिन पानसेमल विधानसभा की कुल चार नगरपरिषद में शामिल पानसेमल, खेतिया, नवगठित निवाली और पलसूद नगर परिषद में दूसरे वर्ग के प्रत्याशी अब होल्ड करते हैं.

बीजेपी ने घोषित किया प्रत्याशी, कांग्रेस के सामने चुनौती: बीजेपी ने हाल ही में इस सीट से अपने प्रत्याशी के रूप में श्याम बर्डे का नाम घोषित कर दिया है. श्याम बर्डे की पत्नी को बीजेपी ने जिला पंचायत सदस्य चुनाव में खुलकर सहयोग किया था और खुद श्याम बर्थडे को भाजपा ने बड़वानी जिला महामंत्री के पद विराजित किया है. यह सरकारी नौकरी छोड़कर पार्टी में आए हैं. हालांकि इनके अलावा बीजेपी में लाल वसावे भी दावेदारी कर रहे हैं. पूर्व में 6 बार विधायक का चुनाव लड़ चुके पूर्व विधायक दीवान सिंह पटेल भी दावेदारों में शामिल हैं. इनके अलावा बीजेपी की तरफ से तीसरा नाम प्रोफेसर डॉ प्रकाश सोलंकी हैं. अब जबकि प्रत्याशी घोषित हो चुका है तो श्याम बर्डे को इन दावेदाराें को मनाना मुश्किल होगा.

Number of voters in Pansemal Assembly
पानसेमल विधानसभा सीट का रिजल्ट

पानसेमल में आम आदमी पार्टी सक्रिय: अब कांग्रेस की बात करें तो सबसे ऊपर पानसेमल की वर्तमान विधायक चंद्रभागा किराड़े हैं. यह कमलनाथ के करीबी नेताओं में शामिल हैं. दूसरा नाम गजानंद ब्राह्मणे का है, जो आदिवासी एकता परिषद के प्रदेश अध्यक्ष है. तीसरा नाम जयस संगठन की तरफ से डॉ. राजू पटेल का है. राजू पटेल जयस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष है. जबकि चौथा नाम प्रकाश धुरसिंह खेड़कर का है, जो मध्यप्रदेश आदिवासी विकास परिषद युवा विभाग से जुड़े हुए है और अगला नाम रमेश चौहान का है, जो घोडलीया पानी के सरपंच है. उनकी पत्नी निवाली क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य है. इस सीट पर आम आदमी भी सक्रिय है और आम आदमीं पार्टी की तरफ से महेश चौहान दावेदारी कर रहे हैं.

Number of voters in Pansemal Assembly
पिछले तीन सालों का रिजल्ट

पानसेमल क्षेत्र का विकास और समस्याएं: इस विधानसभा में ग्राम गुल्लर पानी में 4 करोड़ की लागत से सिंचाई तालाब का कार्य जारी है. वहीं विधायक निधि से पन्नाली में तालाब निर्माण, ग्राम पिपरानी में पुलिया, ग्राम पंचायत वांगरा मोविदा में कंक्रीट रोड और ग्राम पंचायतों में बिजली के पोल लगाए गए हैं. लेकिन इन विकास कार्य पर यहां की समस्याएं भारी पड़ती हैं. इस पूरे इलाके में अघोषित बिजली कटौती से लोगों में भारी नाराजगी है, लेकिन यह सरकार के खिलाफ अधिक है. वहीं रोजगार एक बड़ी समस्या है और पलायन वाला क्षेत्र माना जाता है. स्कूल और अस्पताल की हालत खराब है. सड़कों का नेटवर्क बहुत कमजोर है.

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पानसेमल विधानसभा का चुनावी इतिहास और ब्यौरा: 2008 में पहली बार यह सीट अस्तित्व में आई और पहली बार में कुल 7 कैंडीडेट मैदान में उतरे. कांग्रेस की तरफ से बाला बच्चन, बीजेपी ने कन्हैया वीर सिंह सिसोदिया और इनके अलावा निर्दलीय सुरेश सोलंकी मुख्य थे. इनमें से बाला बच्चन ने 53742 और बीजेपी के कन्हैया वीर सिंह सिसोदिया ने 50178 वोट हासिल किए. बाला बच्चन यह इस सीट का पहला चुनाव कांग्रेस को 3564 वोट से जितवा दिया. 2013 में पानसेमल (एसटी) सीट से भारतीय जनता पार्टी ने दीवानसिंह विट्ठल पटेल को उम्मीदवार बनाया और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने कुमारी चंद्रभागा किराडे को उम्मीदवार बनाया. इस चुनाव में बीजेपी के पटेल ने 7382 वोटों से किराड़े को हरा दिया. 2018 में कांग्रेस ने पानसेमल (एसटी) सीट वापिस ले ली. इस बार भी कांग्रेस ने अपनी उम्मीदवार चंद्रभागा किराडे को बनाया, जबकि बीजेपी ने दीवान सिंह विठ्ठल पटेल को टिकट दिया. किराड़े ने इस बार बीजेपी के दीवान सिंह को 25222 वोटों से करारी शिकस्त दी.

Last Updated : Nov 14, 2023, 8:24 PM IST
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