बड़वानी। लॉकडाउन के चलते मजदूरों का सफर खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. देश के कई हिस्सों में मजदूरों का पलायन चिंता का सबब बन गया है. एक ओर जहां बेघर मजदूर रोटी-पानी के लिए तरस रहे हैं, वहीं प्रशासन सुविधाएं देने के जो दावे कर रहा है, वो फेल होता नजर आ रहा है.
जिले के सेंधवा स्थित बिजासन घाट पर (जोकि महाराष्ट्र सीमा पर स्थित है) रोजाना हजारों प्रवासी मजदूरों का जमावड़ा लग रहा है, जिसके चलते जिला प्रशासन को भी प्रतिदिन बसों की संख्या बढ़ानी पड़ रही है, जबकि मजदूरों के बढ़ती संख्या के चलते प्रशासन की सारी सुविधाएं फीकी पड़ती नजर आ रही हैं.
मजदूरों के साथ उनके छोटे-छोटे बच्चे भी हैं, जो तपती धूप में बस के इंतजार में लाइन में खड़े हैं, बमुश्किल बस आती है तो भगदड़ मच जाती है, बस में जगह मिलती है मानो कोई जंग जीत ली हो ऐसा नजारा दिखाई देता है.
मजदूरों का कहना है कि महाराष्ट्र से आए 10 से 12 घंटे बीत जाने के बाद भी उन्हें न तो भोजन नसीब हुआ है और न ही आगे के सफर के लिए बस. तीन दिनों में महाराष्ट्र से बस में 15 से 20 हजार मजदूरों को छोड़ा गया है.