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सादगी से दी गई बप्पा को विदाई, नगर परिषद ने घाटों पर की व्यवस्था

बड़वानी जिले में प्रशासन द्वारा निर्धारित स्थान पर ही भगवान गणेश की प्रतिमाएं सादगी से विसर्जित की गईं. इस दौरान श्रद्धालुओं ने किसी प्रकार से ढोल-बाजे और जुलूस का आयोजन नहीं किया.

lord ganesh idols immersed
भगवान गणेश की मूर्तियों का विसर्जन
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Published : Sep 2, 2020, 1:17 AM IST

बड़वानी। हर साल की तरह इस बार भी पानसेमल नगर पंचायत में भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर मूर्ति विसर्जित की गई, मगर कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से उत्साह फीका नगर आया. जहां प्रतिवर्ष अनुस जोर-शोर से जुलूस के माध्यम से मूर्ति विसर्जित की जाती थी, लेकिन प्रशासनिक सख्ती के चलते पर्व पर ग्रहण लग गया. इस वजह से गणेश उत्सव सादगीपूर्ण और शांतिपूर्वक रूप से मनाया गया. एहतियात के तौर पर गणपति बप्पा की प्रतिमा सोशल डिस्टेंसिंग के साथ विसर्जित की गई.

कोरोना के मद्देनजर प्रशासन द्वारा विसर्जन स्थलों पर व्यवस्था और चौकसी बढ़ा दी गई थी. नगर परिषद ने विसर्जन घाट के पास ही अस्थाई विसर्जन कुंड बनाया, जिसमें मूर्तियां विसर्जित की गई. साथ ही सभी जगह से मूर्तियां इकट्ठा करने के लिए वाहन की व्यवस्था की गई, लेकिन आस्था के चलते श्रद्धालुओं ने घाट पर पहुंचकर ही निर्धारित कुंड में मूर्ति विसर्जन किया.

इसके लिए अनुविभागीय अधिकारी के नेतृत्व में आला अधिकारियों द्वारा कुछ दिन पूर्व से ही व्यवस्थाओं और विसर्जन स्थलों पर तैनाती को लेकर निरीक्षण किया गया जिसके चलते श्रद्धालु सादगी के साथ गणेश मूर्ति लेकर विसर्जन स्थल पहुंचे, जहां तैनात कर्मचारियों को पूजा-अर्चना कर मूर्तियां सौंपी गई और अस्थाई विसर्जन कुंड में मूर्तियों को विसर्जित किया गया. नगर परिषद उपाध्यक्ष मनोज चौधरी ने बताया कि परिषद ने घर-घर पहुंचकर भगवान गणेश की प्रतिमाएं इकट्ठा करने के लिए वाहन भी शहर में घुमाया था, लेकिन श्रद्धालुओं ने सादगी से विसर्जन स्थल पर पहुंचकर पूजा-अर्चना की, जिसके बाद तैनात कर्मचारियों को मूर्तियां सौंपी गईं और उन्हें विसर्जित किया गया.

बड़वानी। हर साल की तरह इस बार भी पानसेमल नगर पंचायत में भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर मूर्ति विसर्जित की गई, मगर कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से उत्साह फीका नगर आया. जहां प्रतिवर्ष अनुस जोर-शोर से जुलूस के माध्यम से मूर्ति विसर्जित की जाती थी, लेकिन प्रशासनिक सख्ती के चलते पर्व पर ग्रहण लग गया. इस वजह से गणेश उत्सव सादगीपूर्ण और शांतिपूर्वक रूप से मनाया गया. एहतियात के तौर पर गणपति बप्पा की प्रतिमा सोशल डिस्टेंसिंग के साथ विसर्जित की गई.

कोरोना के मद्देनजर प्रशासन द्वारा विसर्जन स्थलों पर व्यवस्था और चौकसी बढ़ा दी गई थी. नगर परिषद ने विसर्जन घाट के पास ही अस्थाई विसर्जन कुंड बनाया, जिसमें मूर्तियां विसर्जित की गई. साथ ही सभी जगह से मूर्तियां इकट्ठा करने के लिए वाहन की व्यवस्था की गई, लेकिन आस्था के चलते श्रद्धालुओं ने घाट पर पहुंचकर ही निर्धारित कुंड में मूर्ति विसर्जन किया.

इसके लिए अनुविभागीय अधिकारी के नेतृत्व में आला अधिकारियों द्वारा कुछ दिन पूर्व से ही व्यवस्थाओं और विसर्जन स्थलों पर तैनाती को लेकर निरीक्षण किया गया जिसके चलते श्रद्धालु सादगी के साथ गणेश मूर्ति लेकर विसर्जन स्थल पहुंचे, जहां तैनात कर्मचारियों को पूजा-अर्चना कर मूर्तियां सौंपी गई और अस्थाई विसर्जन कुंड में मूर्तियों को विसर्जित किया गया. नगर परिषद उपाध्यक्ष मनोज चौधरी ने बताया कि परिषद ने घर-घर पहुंचकर भगवान गणेश की प्रतिमाएं इकट्ठा करने के लिए वाहन भी शहर में घुमाया था, लेकिन श्रद्धालुओं ने सादगी से विसर्जन स्थल पर पहुंचकर पूजा-अर्चना की, जिसके बाद तैनात कर्मचारियों को मूर्तियां सौंपी गईं और उन्हें विसर्जित किया गया.

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