बड़वानी। जिला मुख्यालय पर राज भवन में जिले भर के विभिन्न संगठनों द्वारा नर्मदा बचाओ आंदोलन के नेतृत्व में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा लागू किसान से संबंधित कानून व श्रमिक अधिकारों को लेकर चर्चा की गई.
हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा तीन कानूनों को पारित किया गया जिसमें किसान एवं बिजली इससे संबंधित कानून प्रस्तावित है. इन कानून के विरोध में 300 से ज्यादा किसान संगठनों का साझा मंच अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, आगामी रणनीति के तहत देशभर के किसानों को संगठित करने की कड़ी में किसान सम्मेलन का आयोजन कर रहा है.
किसान विरोधी है केंद्र सरकार के कानून
भारतीय किसान राष्ट्रीय संघर्ष समन्वय समिति के अध्यक्ष ने बताया कि केंद्र सरकार के तीनों कानून किसान विरोधी है, जिसके चलते सरकार निजीकरण को बढ़ावा दे रही है. वहीं इस कानून के विरोध में और किसानों के हित में आगामी 26 नवंबर को पूरे देश में एक साथ जन आंदोलन किया जाएगा.
स्थानीय मुद्दे भी शामिल
आयोजित किसान सम्मेलन में जिले के किसान संबंधित समस्याओं को भी शामिल किया गया है, जिसमें खासकर सफेद सोना यानी कपास की पैदावार को लेकर कृषि उपज मंडी तथा व्यापारियों की मिलीभगत के चलते किसानों को उनकी उपज का सही दाम नहीं मिल पाना, जैसी समस्याएं शामिल है, वहीं मंडी अधिनियम में संशोधन करने से किसान को उपज का सही दाम नहीं मिल पा रहा है. क्योंकि मंडियों का दायरा सीमित कर दिया है, इस प्रकार की समस्याओं पर चर्चा की गई.