बड़वानी। किसानों को खेती के लिए भरपूर पानी मिले इसके लिए राज्य सरकार ने करोड़ों रूपये की लागत से जल परियोजनाएं शुरू की हैं. इन परियोजनाओं के जरिए शुरु में किसानों को बड़ा लाभ मिलता दिखाई दे रहा था लेकिन निर्माण एजेंसी और विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से गुणवत्ता विहीन निर्माण ने जल परियोजनाओं पर सवाल खड़ा कर दिया है.
बड़वानी जिले की दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक लोअर गोई जिसे अब शहीद भीमा नायक के नाम से जाना जाता है नहर के निर्माण में अनियमिताएं और राज्य सरकार के दांवों की पोल खुल गई है. करोड़ों की लागत से बनीं इंदिरा सागर परियोजना की नहरों ने दम तोड़ना शुरु कर दिया है. हालत ऐसे बन गए हैं कि हजारों क्यूसेक पानी बर्बाद हो रहा है. पानी बहकर किसानों के खेतों में घुस रहा है जिससे उनकी फसलों को भारी नुकसान हो रहा है.
बात करें इंदिरा सागर परियोजना की तो ये पश्चिम निमाड़ की एक वृहद जल परियोजना है. जो 3182 करोड़ की लागत से बनकर खण्डवा जिले से शुरू हुई थी लेकिन 10 साल बीत जाने के बाद अधूरी है.
परियोजना से 244 किमी लम्बी नहरों के जाल से कुल 1.23 लाख हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होने का लक्ष्य रखा गया है. जिसमें बड़वानी जिले में तृतीय व चतुर्थ चरण की नहरों से बड़वानी व राजपुर विधानसभा में लगभग 90 किमी लम्बाई होकर 721 करोड़ रुपए से नहरों का विस्तार होना है. जिले की 19 हजार 600 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी. जिससे करीब 134 गांवों के हजारों किसानों को फायदा मिलना है.