ETV Bharat / state

डूब प्रभावितों का दसवें दिन क्रमिक अनशन जारी, मुआवजे की आस में दे रहे धरना

सरदार सरोवर बांध से डूब प्रभावित नर्मदा के बढ़ते बैकवाटर के बीच ग्रामीण डटे हुए हैं. ग्रामीण क्रमिक अनशन कर रहे है, लेकिन उनकी खबर लेने अब तक कोई जनप्रतिनिधि और अधिकारी नहीं पहुंचा है. नाराज लोग भूअर्जन पुनर्वास कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं.

Hunger strike of affected victims in Barwani
बड़वानी में डूब प्रभावितों का अनशन
author img

By

Published : Sep 9, 2020, 11:05 PM IST

बड़वानी। मुआवजे की मांग को लेकर नर्मदा किनारे बसे गांवों में क्रमिक अनशन और दफ्तरों का घेराव साथ-साथ चल रहा है. जिसके चलते अवलदा के ग्रामीण एनवीडीए कार्यालय पहुंचे और भूअर्जन अधिकारी से सवाल जवाब किए. पिछोडी में क्रमिक अनशन का 12वां दिन है और अवलदा में 10वें दिन भी अनशन जारी है. नर्मदा का पानी धरना स्थल तक पहुंच गया है.

बड़वानी में डूब प्रभावितों का अनशन

विस्थापितों ने बताया कि, आज भी कई लोग 60 लाख की पात्रता वाले बाकी हैं, जीआरए के आदेश के बावजूद लोगों को मुआवजा नहीं मिला है. 15 लाख की पात्रता वाले भी कई प्रभावित बाकी हैं. जिनके घरों में बैकवाटर का पानी घुस रहा है, ऐसे 5 लाख 80 हजार की पात्रता वाले कई परिवार हैं. ग्रामीण दफ्तर के सामने लाइन लगाकर अपनी समस्या बता रहे हैं.

नवीन बैकवाटर के लेवल का धरातल पर सर्वे नहीं हुआ है. मध्यप्रदेश शासन द्वारा 1 अगस्त 2017 के आदेशानुसार आवासीय भूखण्ड के स्वामी अधिकार नहीं दिया गया है. टापू बन चुके स्थानों पर पहुच मार्गों का निर्माण बाकी है. कई लोगों की 25 प्रतिशत से कम जमीन डूबने वालों को लाभ मिलना बाकी है. पुनर्वास स्थलों पर अतिक्रमण और असुविधाओं का अंबार है. भूअर्जन पुर्नवास अधिकारी का कहना है कि, सभी डूब प्रभावित लोगों को सभी प्रकार का मुआवजा और पैकेज दे दिया गया है, कुछ लोग छूट गए होंगे, जिनका सर्वे कर लाभ दिया जाएगा.

बड़वानी। मुआवजे की मांग को लेकर नर्मदा किनारे बसे गांवों में क्रमिक अनशन और दफ्तरों का घेराव साथ-साथ चल रहा है. जिसके चलते अवलदा के ग्रामीण एनवीडीए कार्यालय पहुंचे और भूअर्जन अधिकारी से सवाल जवाब किए. पिछोडी में क्रमिक अनशन का 12वां दिन है और अवलदा में 10वें दिन भी अनशन जारी है. नर्मदा का पानी धरना स्थल तक पहुंच गया है.

बड़वानी में डूब प्रभावितों का अनशन

विस्थापितों ने बताया कि, आज भी कई लोग 60 लाख की पात्रता वाले बाकी हैं, जीआरए के आदेश के बावजूद लोगों को मुआवजा नहीं मिला है. 15 लाख की पात्रता वाले भी कई प्रभावित बाकी हैं. जिनके घरों में बैकवाटर का पानी घुस रहा है, ऐसे 5 लाख 80 हजार की पात्रता वाले कई परिवार हैं. ग्रामीण दफ्तर के सामने लाइन लगाकर अपनी समस्या बता रहे हैं.

नवीन बैकवाटर के लेवल का धरातल पर सर्वे नहीं हुआ है. मध्यप्रदेश शासन द्वारा 1 अगस्त 2017 के आदेशानुसार आवासीय भूखण्ड के स्वामी अधिकार नहीं दिया गया है. टापू बन चुके स्थानों पर पहुच मार्गों का निर्माण बाकी है. कई लोगों की 25 प्रतिशत से कम जमीन डूबने वालों को लाभ मिलना बाकी है. पुनर्वास स्थलों पर अतिक्रमण और असुविधाओं का अंबार है. भूअर्जन पुर्नवास अधिकारी का कहना है कि, सभी डूब प्रभावित लोगों को सभी प्रकार का मुआवजा और पैकेज दे दिया गया है, कुछ लोग छूट गए होंगे, जिनका सर्वे कर लाभ दिया जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.