बड़वानी। देश और प्रदेश में इकलौता ऐसा जिला बन गया है, जिसके सभी न्यायालय भवन आईएसओ अवार्ड प्राप्त है. विगत सत्र में न्यायालयों की गुणवत्ता को लेकर सुविधाएं और सहुलियतों के चलते सभी न्यायालयों को आईएसओ प्रमाणित घोषित किया गया था. सिर्फ इतना ही नहीं उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति द्वारा प्रमाण पत्र भी प्राप्त किया गया है.
इस दौरान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति एवं मुख्य संरक्षक म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के न्यायमूर्ति अजय कुमार मित्तल, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के न्यायमूर्ति संजय यादव, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय एवं प्रशासनिक न्यायाधिपति उच्च न्यायालय इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति सुरेशचंद शर्मा द्वारा ई-लोकापर्ण किया गया.
इस अवसर पर मुख्य न्यायाधिपति ने राजपुर, अंजड़ और खेतिया न्यायालय को प्राप्त आईएसओ प्रमाण पत्र भी प्रदान करने की कार्रवाई की. मध्यस्थता केंद्र राजपुर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश गुप्ता, न्यायाधीशगण निर्भयकुमार गरवा, मध्यस्था केंद्र पर विशेष न्यायाधीश दिनेश चंद्र थपलियाल, भूतपूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामेश्वर कोठे, न्यायाधीश अमूल मंडलोई और आभा गवली, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कृष्णा परस्ते, आशुतोष अग्रवाल, विशाल खाडे सहित संबंधित अभिभाषक संघ के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे.
बड़वानी प्रदेश और देश का प्रथम जिला बन गया है, जिसके सभी न्यायालय अपनी व्यवस्थाओं, पक्षकार उन्मुख वातावरण, अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार एक अच्छा परिवेश उपलब्ध कराने के लिए प्रसिद्ध है.
इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश गुप्ता ने बताया कि दूरस्थ तहसील स्थानों पर निर्मित मध्यस्थता केंद्र, पक्षकारों को मध्यस्थता की निःशुल्क सरल, गोपनीय प्रक्रिया के माध्यम से विवादों का शांतिपूर्ण, स्वैच्छिक, स्थाई समाधान करने और समाज में सौहार्द, शांति स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होंगे. इससे विधिक सहायता और सेवा की सभी गतिविधियों को भी दूरस्थ क्षेत्रों तक बढ़ाने में मदद मिलेगी.