बड़वानी। लॉकडाउन ने जहां लोगों की दौड़-भाग भरी जिंदगी के पहिए थाम दिए हैं, वहीं लोगों की जीवनशैली में भी खासा परिवर्तन आया है. हेल्थ कॉन्शियस और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों ने अपनी दिनचर्या में बदलाव कर लिया है. जो पार्क कभी योगा, एक्सरसाइज करने वाले लोगों से भरी होते थे, उसकी जगह अब घरों की छत और बालकनी ने ले ली है. कभी चिड़ियों की चहचहाहट, दोस्तों की खिलखिलाहट और प्रकृति के बीच खुली हवा में होने वाली दिन की शुरुआत इन दिनों घरों में अकेले हो रही है. देशभर में लगातार फैल रही कोरोना महामारी के कारण अलसुबह से मॉर्निंग वॉक, योगाभ्यास और कई तरह की एक्सरसाइज के शुरु होने वाली दिनचर्या में बड़ा बदलाव ला लिया है.
पिता-पुत्र ने छत पर शुरू की एक्सरसाइज
कभी सुबह सवेरे शहीद भीमा नायक कॉलेज परिसर में मॉर्निंग वॉक और जॉगर्स पार्क में एक्सरसाइज करने के साथ दोस्तों के साथ गलबहियां करने वाले देव शर्मा अब कोरोना संक्रमण से बचने के लिए दोस्तों से दूरी बनाकर अपने घर की छत पर ही एक्सरसाइज कर रहे हैं. देव के साथ ही उनके पिता मनीष शर्मा जो कभी अपने दोस्तों के साथ कलेक्ट्रेट परिसर के पीछे घूमने-फिरने निकलते थे, लॉकडाउन के बाद से अपने बेटे के साथ छत पर टहलते हैं. इस दौरान अपने बेटे को एक्सरसाइज करते देख स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने का हौसला भी बढ़ाते हैं.
मजबूरी में छत पर करे रहे योगा
सालों से जॉगर्स पार्क और कई हरे-भरे जगहों पर जाकर योगासन करने वाले मनोज इन दिनों अपने घर में ही योग कर रहे हैं. उनका कहना है कि, लॉकडाउन के पहले रोजाना बगीचों और हरियाली के बीच जाकर वे योग कर, अपने दिन की शुरुआत करते थे, लेकिन अब घर की छत पर ही वे योगासन करते हैं
कोरोना ने छुड़ाया दोस्तों का साथ
कोरोना के फैलते संक्रमण ने ऐसा कोहराम मचाया है कि, लॉकडाउन के बाद से लोगों के बीच आई जागरूकता ने कई ऐसे दोस्तों का साथ छुड़वा दिया, जो कभी सुबह-शाम इकट्ठे होकर कम से कम करीब पांच किलो मीटर पैदल घूमने निकलते थे. शहर के वरिष्ठ नागरिक सुनील सोनी और सन्दीप पटेल बताते हैं कि, बीमारी और स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने के कारण डॉक्टर की सलाह पर लॉकडाउन से पहले रोज सभी साथी एक साथ घूमने निकलते थे, लेकिन कोरोना महामारी के कारण बहुत सारे दोस्तों ने आना बंद कर दिया है. अब सब अपने स्तर पर वैकल्पिक रास्ते निकाल चुके हैं जिसमें कोई अपने घरों की छतों पर ही घूमना-फिरना कर लेता है, तो कोई बालकनी में.
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कोरोना महामारी के बीच हुए लॉकडाउन के बाद से अब लोगों के जीने का तरीका बदल गया है. जो सुबह कभी दोस्तों के साथ ठहाके के साथ गुजरती थी, वो अब मोबाइल और अकेले योग और वॉकिंग में गुजर रही है. भले ही कोरोना वायरस ने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने वाले लोगों की दिनचर्या और जगहों में बदलाव कर दिया, लेकिन उनके इरादों को अब तक नहीं बदल पाया है.