बड़वानी। आजादी के दशकों बाद भी प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में लोग बिजली से मरहूम हैं, सरकार वैसे तो घर-घर बिजली पहुंचाने के दावे करती है, वहीं कई योजनाएं संचालित हैं. किंतु कहीं ठेकेदार की लापरवाही तो कहीं बजट के चलते कई परिवार अभी भी रात को अंधेरे में सोने को मजबूर हैं. इसके इतर बिजली विभाग द्वारा ऐसे लोगों को बिजली के बिल थमा दिए गए, जिनके यहां मीटर ही नहीं लगे हैं. बिना मीटर बिजली के बिल दिए जाने से नाराज ग्रामीणों ने विद्युत मंडल का घेराव कर प्रदर्शन किया है.
जिले के सेंधवा विकासखंड अंतर्गत जुलवानिया के पास पानवा गांव के ग्रामीण 24 घंटे बिजली प्रदाय से अभी भी वंचित हैं. वहीं सालों से खेती के लिए दी जा रही बिजली से 10 घंटे बिजली ग्रामीणों को मिल रही है, वह भी चोरी छुपे या अधिकारियों की मिलीभगत के चलते. केंद्र सरकार की सौभाग्य योजना के चलते देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने के सरकारी दावे यहां फुस्स नजर आते हैं, क्योंकि यह गांव राष्ट्रीय राजमार्ग से लगा हुआ है इसके बावजूद यहां तक बिजली कनेक्शन नहीं मिल पाया है.
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उनके गांव में करीब 85 प्रतिशत लोगों के घरों में बिजली नहीं है. ठेकेदार ने बिजली के मीटर उनके घरों में रख दिए हैं किंतु विधुतीकरण नहीं किया. लोग खेती के लिए प्रदाय बिजली से तार डालकर सालों से 10 घण्टे वाली बिजली का उपयोग कर रहे हैं.
अधिकारी का कहना है कि जो बिल दिए गए हैं वह 10 घण्टे बिजली उपयोग करने के एवज में मिले हैं, जिसे भी ग्रामीण नहीं भर रहे हैं. वहीं सर्वे के बाद बजट आने पर बिजली प्रदाय होना शुरू हो जाएगी.
जिले के सैकड़ों गांवों में आज भी बिजली उपलब्ध नहीं है वहीं लोग जुगाड़ कर खेती के लिए प्रदाय विद्युत लाइन से कनेक्शन लेकर सालों से केवल 10 घंटे ही बिजली का उपयोग कर रहे हैं. विद्युत मंडल द्वारा बिना मीटर बिजली बिल दिए जाने से आक्रोशित ग्रामीणों ने कार्यालय का घेराव कर घरेलू बिजली की मांग की है.