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गरीबों के निवाले की कालाबाजारी पर कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

बड़वानी जिले में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में कालाबाजारी हो रही है. जिसके बाद कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं.

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Published : Aug 29, 2020, 1:38 PM IST

barwani
राशन दुकान पर मुफ्त राशन में कालाबाजारी

बड़वानी। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त मिलने वाला राशन खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के जिम्मेदारों की बदौलत कालाबाजारी की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है. इस योजना के तहत हर गरीब परिवार को कोरोना महामारी के दौरान मुफ्त गेहूं, चावल व चना हर महीने राशन दुकानों के माध्यम से दिया जा रहा है. गरीबों को बांटने की बजाय खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के जिम्मेदार खाद्यान्न की कालाबाजारी में लगे हैं. जिले में कई स्थानों पर गरीब कल्याण अन्न योजना का राशन नहीं मिलने की जानकारी मिली थी, कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा को मामले की जानकारी देने के बाद जांच व कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. कलेक्टर द्वारा कार्रवाई की बात पर जिले भर में राशन दुकानदारों में हड़कंप मचा है. जांच के बाद जो भी निष्कर्ष निकले, लेकिन राशन वितरण को लेकर उठाए गए मुद्दे के बाद जुलाई और अगस्त में रूटीन यानी तिगुना अनाज नहीं दिए जाने पर कलेक्टर ने गम्भीरता दिखाई है.

मुफ्त राशन की कालाबाजारी

बड़वानी जिले के राशन कार्ड धारकों को पहले तीन माह का मुफ्त राशन तो मिला है, लेकिन वर्तमान में जिले के दूरस्थ अंचलों की उचित मूल्य की दुकानों में अगस्त में जुलाई का राशन दिया जा रहा है तो कहीं राशन दुकानों पर मुफ्त राशन कम दिए जाने की शिकायत ग्रामीण कर रहे हैं और कई जगहों पर दुकानों में ताले लगे रहते हैं. एमपी स्टेट सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा खाद्यान्न का परिवहन जिले की राशन दुकानों पर किया जाता है, लेकिन अधिकारी कभी माल पूरा भेजने की बात करते हैं तो कभी कम भेजना स्वीकार कर रहे हैं. खाद्य अधिकारी किसी तरह की अनियमितता की बात नहीं होने का कह रहे हैं, जबकि उचित मूल्य की दुकान के संचालक का कहना है की केवल जुलाई का सामान आया है. अगस्त माह का कम परिवहन हुआ, जिसके चलते केवल एक माह का मुफ्त व रूटीन अनाज वितरण किया जा रहा है. कलेक्टर ने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए जांच के आदेश सभी एसडीएम व तहसीलदार को दिए हैं.

प्रधानमंत्री की मुफ्त अनाज वितरण योजना बड़वानी जिले में अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है. जिले के दूरस्थ अंचलों में एक माह का खाद्यान्न कम वितरित किया जा रहा है तो कई जगहों पर राशन नहीं पहुंच पा रहा है. ग्रामीणों को 5 किलो मुफ्त अनाज के बदले कम अनाज दिया जा रहा है. अनाज का आवंटन पर्याप्त मात्रा में स्टेट कॉर्पोरेशन द्वारा जिले में किया गया है, फिर कम माल का परिवहन सन्देह के घेरे में है.

बड़वानी। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त मिलने वाला राशन खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के जिम्मेदारों की बदौलत कालाबाजारी की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है. इस योजना के तहत हर गरीब परिवार को कोरोना महामारी के दौरान मुफ्त गेहूं, चावल व चना हर महीने राशन दुकानों के माध्यम से दिया जा रहा है. गरीबों को बांटने की बजाय खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के जिम्मेदार खाद्यान्न की कालाबाजारी में लगे हैं. जिले में कई स्थानों पर गरीब कल्याण अन्न योजना का राशन नहीं मिलने की जानकारी मिली थी, कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा को मामले की जानकारी देने के बाद जांच व कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. कलेक्टर द्वारा कार्रवाई की बात पर जिले भर में राशन दुकानदारों में हड़कंप मचा है. जांच के बाद जो भी निष्कर्ष निकले, लेकिन राशन वितरण को लेकर उठाए गए मुद्दे के बाद जुलाई और अगस्त में रूटीन यानी तिगुना अनाज नहीं दिए जाने पर कलेक्टर ने गम्भीरता दिखाई है.

मुफ्त राशन की कालाबाजारी

बड़वानी जिले के राशन कार्ड धारकों को पहले तीन माह का मुफ्त राशन तो मिला है, लेकिन वर्तमान में जिले के दूरस्थ अंचलों की उचित मूल्य की दुकानों में अगस्त में जुलाई का राशन दिया जा रहा है तो कहीं राशन दुकानों पर मुफ्त राशन कम दिए जाने की शिकायत ग्रामीण कर रहे हैं और कई जगहों पर दुकानों में ताले लगे रहते हैं. एमपी स्टेट सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा खाद्यान्न का परिवहन जिले की राशन दुकानों पर किया जाता है, लेकिन अधिकारी कभी माल पूरा भेजने की बात करते हैं तो कभी कम भेजना स्वीकार कर रहे हैं. खाद्य अधिकारी किसी तरह की अनियमितता की बात नहीं होने का कह रहे हैं, जबकि उचित मूल्य की दुकान के संचालक का कहना है की केवल जुलाई का सामान आया है. अगस्त माह का कम परिवहन हुआ, जिसके चलते केवल एक माह का मुफ्त व रूटीन अनाज वितरण किया जा रहा है. कलेक्टर ने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए जांच के आदेश सभी एसडीएम व तहसीलदार को दिए हैं.

प्रधानमंत्री की मुफ्त अनाज वितरण योजना बड़वानी जिले में अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है. जिले के दूरस्थ अंचलों में एक माह का खाद्यान्न कम वितरित किया जा रहा है तो कई जगहों पर राशन नहीं पहुंच पा रहा है. ग्रामीणों को 5 किलो मुफ्त अनाज के बदले कम अनाज दिया जा रहा है. अनाज का आवंटन पर्याप्त मात्रा में स्टेट कॉर्पोरेशन द्वारा जिले में किया गया है, फिर कम माल का परिवहन सन्देह के घेरे में है.

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