ETV Bharat / state

विकास यात्रा में मस्त मंत्रीजी! गृह ग्राम में जलसंकट से जूझ रही जनता, नल है लेकिन जल नहीं - Water crisis in Premsingh Patel home village

बड़वानी जिले का सुसतीखेड़ा गांव मूलभूत आवश्यकताओं से कमी से जूझ रहा है. कैबिनेट मंत्री प्रेमसिंह पटेल का गृह ग्राम सुसतीखेड़ा है. एक तरफ मंत्री गांव-गांव जाकर विकास यात्रा निकाल रहे हैं, विकास का ढिंढोरा पीट रहे हैं, लेकिन उनके ही गांव में जल संकट का होना समझ से परे है. नल है लेकिन उसमें जन नहीं आता. पानी की टंकी बनी है लेकिन नल गायब हैं, टीचर भी मनमर्जी से स्कूल आते हैं.

Drinking water crisis in Barwani sustikheda
मंत्री प्रेमसिंह पटेल के गृह ग्राम में जलसंकट
author img

By

Published : Feb 24, 2023, 3:55 PM IST

Updated : Feb 24, 2023, 4:25 PM IST

मंत्री प्रेमसिंह पटेल के गृह ग्राम में जलसंकट

बड़वानी। मध्य प्रदेश की बड़वानी विधानसभा का एक ऐसा गांव जिसने ऐसे गुदड़ी के लाल को जन्म दिया जिसका बोलबाला प्रदेश भर में है. इसके बावजूद उस गांव के लोग अब भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. खुद उनकी बहन बता रही है कि मंत्री के घर गांव में जल संकट है और आने वाले गर्मी के दिनों में जल संकट गहराने के आसार नजर आ रहे हैं. कैबिनेट मंत्री प्रेमसिंह पटेल के गृह ग्राम सुसतीखेड़ा में लोग पानी को तरस रहें हैं, आखिर यह कैसा विकास है?

Drinking water crisis in MP
मंत्री निकाल रहे विकास यात्रा

मंत्री जी के गांव में मूलभूत सुविधाओं की कमी: यह गांव है प्रेमसिंह पटेल का, जहां उन्होंने जन्म लिया, पले-बढ़े और आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. मंत्री, विधायक से कैबिनेट में पहुंच गए जो किसी सपने से कम नही है. इस समय मंत्री जी अपने बेटे जिला पंचायत अध्यक्ष बलवंत पटेल को साथ में लेकर इसी सुसतीखेड़ा के आसपास के गांवों में विकास का ढिंढोरा पीटते नजर आ रहे हैं. लेकिन स्थिति धरातल पर ठीक उल्टी दिखाई दे रही है. मंत्री जी लाखों करोड़ों के निर्माण कार्यों की सौगात गांव-गांव जाकर दे रहे हैं लेकिन सुसतीखेड़ा की जनता पूछ रही है उनके गांव में विकास कार्यो को लेकर इतनी सुस्ती क्यों?

Drinking water crisis in Barwani sustikheda
टंकी है लेकिन पानी नहीं

नल हैं लेकिन पानी नहीं आता: सुसतीखेड़ा में उनकी छोटी बहन रेता पटेल खुद बताती हैं कि ''उनके गांव में नल तो लगे है लेकिन पानी नहीं आता''. वहीं पटेल फलिया की संगीता बताती हैं कि ''उनके फलिए में 150 के लगभग रहवासी हैं जो पानी के लिए दूसरी जगहों पर भटकते हैं. सुसतीखेड़ा के लोग काम धंधे पर जाने से पहले पानी के लिए जतन करते है. इसी तरह पंचायत भवन भी उजड़ा दिखाई दे रहा है. यहां पानी की टंकी तो बनी है पर नल ही गायब है''. जानकारी के मुताबिक स्कूलों में शिक्षक भी मनमर्जी से आते जाते हैं. स्वास्थ्य विभाग की स्थिति भी राम भरोसे है. सवाल यह उठता है मंत्री जी का गृहग्राम उपेक्षा का शिकार क्यों हैं, क्यों यहां के लोग मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे हैं.

Also Read: जल संकट से संबंधित इन खबरों पर डालें एक नजर

विकास का ढिंढोरा पीट रहे मंत्री: प्रदेश भाजपा सरकार के मंत्री और जनप्रतिनिधि इन दिनों गांव-गांव जाकर विकास कार्यों के ढोल नगाड़े पीट रहे हैं और निर्माण कार्यो का लोकार्पण भी करते नजर आ रहे हैं. कैबिनेट मंत्री व पशुपालन सामाजिक न्याय मंत्री प्रेमसिंह पटेल जो की बड़वानी विधानसभा से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं. जिले के विकास की उनको ऐसी धुन चढ़ी की खुद का घर गांव ही भूल गए? सुस्तीखेड़ा के ग्रामीण आज भी पानी को तरस रहे हैं, योजनाएं बनी और कागजों पर दम तोड़ गई, नल तो है पर जल नहीं है.

मंत्री प्रेमसिंह पटेल के गृह ग्राम में जलसंकट

बड़वानी। मध्य प्रदेश की बड़वानी विधानसभा का एक ऐसा गांव जिसने ऐसे गुदड़ी के लाल को जन्म दिया जिसका बोलबाला प्रदेश भर में है. इसके बावजूद उस गांव के लोग अब भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. खुद उनकी बहन बता रही है कि मंत्री के घर गांव में जल संकट है और आने वाले गर्मी के दिनों में जल संकट गहराने के आसार नजर आ रहे हैं. कैबिनेट मंत्री प्रेमसिंह पटेल के गृह ग्राम सुसतीखेड़ा में लोग पानी को तरस रहें हैं, आखिर यह कैसा विकास है?

Drinking water crisis in MP
मंत्री निकाल रहे विकास यात्रा

मंत्री जी के गांव में मूलभूत सुविधाओं की कमी: यह गांव है प्रेमसिंह पटेल का, जहां उन्होंने जन्म लिया, पले-बढ़े और आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. मंत्री, विधायक से कैबिनेट में पहुंच गए जो किसी सपने से कम नही है. इस समय मंत्री जी अपने बेटे जिला पंचायत अध्यक्ष बलवंत पटेल को साथ में लेकर इसी सुसतीखेड़ा के आसपास के गांवों में विकास का ढिंढोरा पीटते नजर आ रहे हैं. लेकिन स्थिति धरातल पर ठीक उल्टी दिखाई दे रही है. मंत्री जी लाखों करोड़ों के निर्माण कार्यों की सौगात गांव-गांव जाकर दे रहे हैं लेकिन सुसतीखेड़ा की जनता पूछ रही है उनके गांव में विकास कार्यो को लेकर इतनी सुस्ती क्यों?

Drinking water crisis in Barwani sustikheda
टंकी है लेकिन पानी नहीं

नल हैं लेकिन पानी नहीं आता: सुसतीखेड़ा में उनकी छोटी बहन रेता पटेल खुद बताती हैं कि ''उनके गांव में नल तो लगे है लेकिन पानी नहीं आता''. वहीं पटेल फलिया की संगीता बताती हैं कि ''उनके फलिए में 150 के लगभग रहवासी हैं जो पानी के लिए दूसरी जगहों पर भटकते हैं. सुसतीखेड़ा के लोग काम धंधे पर जाने से पहले पानी के लिए जतन करते है. इसी तरह पंचायत भवन भी उजड़ा दिखाई दे रहा है. यहां पानी की टंकी तो बनी है पर नल ही गायब है''. जानकारी के मुताबिक स्कूलों में शिक्षक भी मनमर्जी से आते जाते हैं. स्वास्थ्य विभाग की स्थिति भी राम भरोसे है. सवाल यह उठता है मंत्री जी का गृहग्राम उपेक्षा का शिकार क्यों हैं, क्यों यहां के लोग मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे हैं.

Also Read: जल संकट से संबंधित इन खबरों पर डालें एक नजर

विकास का ढिंढोरा पीट रहे मंत्री: प्रदेश भाजपा सरकार के मंत्री और जनप्रतिनिधि इन दिनों गांव-गांव जाकर विकास कार्यों के ढोल नगाड़े पीट रहे हैं और निर्माण कार्यो का लोकार्पण भी करते नजर आ रहे हैं. कैबिनेट मंत्री व पशुपालन सामाजिक न्याय मंत्री प्रेमसिंह पटेल जो की बड़वानी विधानसभा से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं. जिले के विकास की उनको ऐसी धुन चढ़ी की खुद का घर गांव ही भूल गए? सुस्तीखेड़ा के ग्रामीण आज भी पानी को तरस रहे हैं, योजनाएं बनी और कागजों पर दम तोड़ गई, नल तो है पर जल नहीं है.

Last Updated : Feb 24, 2023, 4:25 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.