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लॉकडाउन में ऑटो रिक्शा के थमे पहिए, आगे बढ़ने हो सकती है परेशानी

बड़वानी में लॉक डाउन के चलते ऑटो रिक्शा चलाने वालो को भी पालन करना पड़ रहा है. जिससे उनके सामने आने वाले दिनों में रोजी रोटी का संकट आ सकता है.

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लॉकडाउन में ऑटो रिक्शा के थमे पहिए
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Published : Apr 7, 2020, 4:56 PM IST

बड़वानी। जिले में कोरोना वायरस के चलते टोटल लॉकडाउन होने से हर व्यवसाय व वाहन चालकों को परेशान होना पड़ रहा है. शहर में ऑटो रिक्शा चलाने वालों को भी टोटल लॉकडाउन का पालन करना पड़ रहा है. जिसके चलते ऑटो रिक्शा के पहिए थमे हुए हैं. हालांकि शहर की सीमा ज्यादा लंबी नहीं होने से बहुत कम संख्या में रिक्शा हैं इसके बावजूद ऑटो रिक्शा वाले इन दिनों अपने घरों में कैद हैं.

लॉकडाउन में ऑटो रिक्शा के थमे पहिए
कोरोना वायरस की सूचना शहर के विभिन्न कॉलोनी मोहल्लों में पहुंचाने के लिए प्रशासन ने एकमात्र रिक्शा को शहर में घूमने की अनुमति दी है. वहीं अधिकांश रिक्शा चालकों ने अपने घर पर ही रिक्शा खड़े कर दिए हैं. रिक्शा चालक भुरू ने बताया कि लॉकडाउन के चलते उनके व्यवसाय पर फर्क तो पड़ा है पर अभी इतना ज्यादा असर दिखाई नहीं दे रहा है. लेकिन अगर धीरे-धीरे यह आगे बढ़ता है तो रिक्शा चलाने वालों के परिवार वाले मुसीबत में आ जाएंगे. हालांकि मीडिया के माध्यम से उन्हें प्रशासन द्वारा पूर्ण सहयोग मिलेगा ऐसा विश्वास भी है. जिला मुख्यालय पर 15 से 20 ऑटो रिक्शा हैं जो सुबह से देर रात तक मुसाफिरों को उनके मुकाम पर पहुंचाते हैं. पर कोरोना महामारी के चलते शहर में लॉकडाउन की स्थिति है ऐसे में सभी ऑटो रिक्शा अपने घरों पर खड़े कर रखे हैं. लॉकडाउन खत्म होने में कुछ दिन बचे हुए हैं.

बड़वानी। जिले में कोरोना वायरस के चलते टोटल लॉकडाउन होने से हर व्यवसाय व वाहन चालकों को परेशान होना पड़ रहा है. शहर में ऑटो रिक्शा चलाने वालों को भी टोटल लॉकडाउन का पालन करना पड़ रहा है. जिसके चलते ऑटो रिक्शा के पहिए थमे हुए हैं. हालांकि शहर की सीमा ज्यादा लंबी नहीं होने से बहुत कम संख्या में रिक्शा हैं इसके बावजूद ऑटो रिक्शा वाले इन दिनों अपने घरों में कैद हैं.

लॉकडाउन में ऑटो रिक्शा के थमे पहिए
कोरोना वायरस की सूचना शहर के विभिन्न कॉलोनी मोहल्लों में पहुंचाने के लिए प्रशासन ने एकमात्र रिक्शा को शहर में घूमने की अनुमति दी है. वहीं अधिकांश रिक्शा चालकों ने अपने घर पर ही रिक्शा खड़े कर दिए हैं. रिक्शा चालक भुरू ने बताया कि लॉकडाउन के चलते उनके व्यवसाय पर फर्क तो पड़ा है पर अभी इतना ज्यादा असर दिखाई नहीं दे रहा है. लेकिन अगर धीरे-धीरे यह आगे बढ़ता है तो रिक्शा चलाने वालों के परिवार वाले मुसीबत में आ जाएंगे. हालांकि मीडिया के माध्यम से उन्हें प्रशासन द्वारा पूर्ण सहयोग मिलेगा ऐसा विश्वास भी है. जिला मुख्यालय पर 15 से 20 ऑटो रिक्शा हैं जो सुबह से देर रात तक मुसाफिरों को उनके मुकाम पर पहुंचाते हैं. पर कोरोना महामारी के चलते शहर में लॉकडाउन की स्थिति है ऐसे में सभी ऑटो रिक्शा अपने घरों पर खड़े कर रखे हैं. लॉकडाउन खत्म होने में कुछ दिन बचे हुए हैं.
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