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भाभी-ननद ने जीती कोरोना की जंग, पैरामेडिकल स्टॉफ-डॉक्टरों ने दिया अपनापन

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Published : May 22, 2021, 8:09 AM IST

बड़वानी के खेतिया में 2 बहू और ननद कोरोना संक्रमित होने के बाद 2 छोटे बच्चों के साथ कोरोना देखभाल केंद्र में भर्ती हुई थी. जहां से वे पूरी तरह ठीक होकर घर लौट गईं हैं, देखभाल केंद्र में डॉक्टरों के अच्छे व्यवहार की उन्होंने तारीफ की.

2 sisters-in-law and sister-in-law won the battle of Corona
2 भाभी और ननद ने जीती कोरोना की जंग

बड़वानी। पानसेमल के खेतिया में एक परिवार की 2 बहू और उनकी ननद कोरोना से ठीक होकर घर लौट गई,इनके साथ ढाई साल का बेटा और 7 महीने की बेटी भी साथ रही, कोरोना से जंग जीतने के बाद उन्होंने कोरोना देखभाल केंद्र के डॉक्टरों और स्टॉफ की तारीफ की.

कोरोना संक्रमितों के इलाज में दवा के साथ-साथ अपनत्व भरा अहसास और पारिवारिक माहौल से पीड़ितों को जल्दी ठीक करने में बहुत मदद मिलती है. यह खेतिया के कोरोना देखभाल केन्द्र में प्रतिदिन देखने को मिल रहा है, यहां से ठीक होकर घर जाने वाले लोग केन्द्र में पदस्थ डॉक्टरों, पैरामेडिकल दल की देखभाल और अपनत्व के व्यवहार की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं. इसी का नतीजा है कि अभी तक इस कोरोना केन्द्र से 99 रोगी ठीक होकर अपने घर खुशी-खुशी वापस लौट रहे हैं. पैरामेडिकल के सदस्यों ने बच्चों की देखभाल भी परिवार के सदस्यों के समान की.

जन्म देते ही हुई मां की मौत, 18 दिन की कोरोना संक्रमित बच्ची ने जीती जिंदगी की जंग

यहां से ठीक होकर घर लौटी हर्षिता गोले कहना है कि वे अपनी भाभी ममता गोले और माधुरी गोले के साथ इस केन्द्र में भर्ती हुई थी. दोनों भाभियों के साथ ढाई साल का बेटा और 7 माह की बेटी को भी मजबूरी में लाना पड़ा, केन्द्र पर आते समय वे बेहद डर गई थी कि इलाज के दौरान दोनों बच्चों की देखभाल किस प्रकार कर पाएंगे, लेकिन डॉक्टरों और पैरामेडिकल दल के अपने पन से कभी लगा ही नहीं, कि वे अस्पताल में रहकर कोविड का इलाज करा रही है.

बड़वानी। पानसेमल के खेतिया में एक परिवार की 2 बहू और उनकी ननद कोरोना से ठीक होकर घर लौट गई,इनके साथ ढाई साल का बेटा और 7 महीने की बेटी भी साथ रही, कोरोना से जंग जीतने के बाद उन्होंने कोरोना देखभाल केंद्र के डॉक्टरों और स्टॉफ की तारीफ की.

कोरोना संक्रमितों के इलाज में दवा के साथ-साथ अपनत्व भरा अहसास और पारिवारिक माहौल से पीड़ितों को जल्दी ठीक करने में बहुत मदद मिलती है. यह खेतिया के कोरोना देखभाल केन्द्र में प्रतिदिन देखने को मिल रहा है, यहां से ठीक होकर घर जाने वाले लोग केन्द्र में पदस्थ डॉक्टरों, पैरामेडिकल दल की देखभाल और अपनत्व के व्यवहार की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं. इसी का नतीजा है कि अभी तक इस कोरोना केन्द्र से 99 रोगी ठीक होकर अपने घर खुशी-खुशी वापस लौट रहे हैं. पैरामेडिकल के सदस्यों ने बच्चों की देखभाल भी परिवार के सदस्यों के समान की.

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यहां से ठीक होकर घर लौटी हर्षिता गोले कहना है कि वे अपनी भाभी ममता गोले और माधुरी गोले के साथ इस केन्द्र में भर्ती हुई थी. दोनों भाभियों के साथ ढाई साल का बेटा और 7 माह की बेटी को भी मजबूरी में लाना पड़ा, केन्द्र पर आते समय वे बेहद डर गई थी कि इलाज के दौरान दोनों बच्चों की देखभाल किस प्रकार कर पाएंगे, लेकिन डॉक्टरों और पैरामेडिकल दल के अपने पन से कभी लगा ही नहीं, कि वे अस्पताल में रहकर कोविड का इलाज करा रही है.

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