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बालाघाट: पुलिस शहीद स्मृति दिवस पर शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि

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Published : Oct 21, 2019, 11:57 PM IST

Updated : Oct 22, 2019, 7:01 AM IST

पुलिस शहीद स्मृति दिवस पर बालाघाट के पुलिस रक्षित केंद्र स्थित शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गयी.

राष्ट्रीय पुलिस शहीद स्मृति दिवस

बालाघाट। पुलिस शहीद स्मृति दिवस पर बालाघाट के पुलिस रक्षित केंद्र स्थित शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गयी. पिछले वर्षों में पूरे देश में आंतरिक सुरक्षा में लगे 292 पुलिसकर्मी शहीद हुये थे, जिनको शहीद स्मारक पर विशेष परेड के साथ नमन किया गया.

1990 से आज तक बालाघाट जिले में नक्सलियों से लोहा लेते हुये 38 पुलिस के जवान शहीद हुए. वहीं 42 ग्रामीणों की नक्सली हमले में मौत हुई है. उनको भी आज श्रद्धासुमन अर्पित किया गया. साथ ही शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों को शाल और श्रीफल देकर सम्मानित किया गया.

कार्यक्रम में शहीदों के परिजनों ने शहीदों के नाम पर स्कूलों का नामकरण करने की मांग की, जिस पर पुलिस महानिरीक्षक ने अपनी सहमति प्रदान की. वहीं कलेक्टर दीपक आर्य ने भी इस प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी.

बालाघाट में 16 जुलाई 1991 से अब तक नक्सलियों की उपस्थिति बालाघाट में बरकरार है. इन वर्षों में लगभग एक सैकड़ों पुलिस और मुखबिर के साथ- साथ ग्रामीण नक्सलियों के शिकार हुए हैं. अकेले पुलिस ने ही अपने 38 पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को खोया है.

बालाघाट। पुलिस शहीद स्मृति दिवस पर बालाघाट के पुलिस रक्षित केंद्र स्थित शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गयी. पिछले वर्षों में पूरे देश में आंतरिक सुरक्षा में लगे 292 पुलिसकर्मी शहीद हुये थे, जिनको शहीद स्मारक पर विशेष परेड के साथ नमन किया गया.

1990 से आज तक बालाघाट जिले में नक्सलियों से लोहा लेते हुये 38 पुलिस के जवान शहीद हुए. वहीं 42 ग्रामीणों की नक्सली हमले में मौत हुई है. उनको भी आज श्रद्धासुमन अर्पित किया गया. साथ ही शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों को शाल और श्रीफल देकर सम्मानित किया गया.

कार्यक्रम में शहीदों के परिजनों ने शहीदों के नाम पर स्कूलों का नामकरण करने की मांग की, जिस पर पुलिस महानिरीक्षक ने अपनी सहमति प्रदान की. वहीं कलेक्टर दीपक आर्य ने भी इस प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी.

बालाघाट में 16 जुलाई 1991 से अब तक नक्सलियों की उपस्थिति बालाघाट में बरकरार है. इन वर्षों में लगभग एक सैकड़ों पुलिस और मुखबिर के साथ- साथ ग्रामीण नक्सलियों के शिकार हुए हैं. अकेले पुलिस ने ही अपने 38 पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को खोया है.

Intro:राष्ट्रीय पुलिस शहीद स्मृति दिवस पर शहीदो को दी गयी श्रद्धांजली
शहीद के परिजनो को शाल श्रीफल से किया गया सम्मान
शहीदो के नाम पर जिले के शासकीय शालाओ का किया जायेगा नामकरण
5 शहीदो के परिजनो को बनाया गया पुलिस कांस्टेबल
बालाघाट। राष्ट्रीय पुलिस शहीद स्मृति दिवस पर बालाघाट के पुलिस रक्षित केंद्र स्थित शहीद स्मारक पर शहीदो को श्रद्दांजली दी गयी....गौरतलब है कि एक वर्ष में पुरे देश में आंतरिक सुरक्षा में लगे 292 पुलिस कर्मी शहीद हुये है...उनको आज शहीद स्मारक में विशेष परेड के साथ श्रदांजली दी गयी.....आपको बता दूं कि 1990 से आज तक बालाघाट जिले में नक्सलियो से लोहा लेते हुये 38 पुलिस के जवान शहीद हुये वहीं 42 ग्रामिणो की नक्सली हमले में मौत हुयी है...उनको भी आज श्रद्धासुमन अर्पित किया गया..साथ ही शदीह पुलिस कर्मियो के परिजनो को शाल -श्रीफल से सम्मानित किया गया.......
Body:बालाघाट में पुलिस शहीद स्मृति दिवस प्रतिवर्ष की तरह इस साल भी बालाघाट पुलिस लाइन स्थित रक्षित केंद्र के शहीद स्मारक स्थल में मनाया गया । इस कार्यक्रम में पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन, पुलिस महानिरीक्षक केपी वेंकटेश्वर राव ,डीआईजी आर. एस.डेहरिया, पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी, .कलेक्टर दीपक आर्य. सहित कई गणमान्य नागरिक प्रशासनिक अमला आमजन शामिल हुए।
बता दें कि बालाघाट में शहीद स्मृति दिवस की अलग ही पहचान है । इसकी वजह बालाघाट का नक्सल प्रभावित जिला होना । इस नक्सल प्रभावित जिले में 16 जुलाई 1991 से नक्सलियों की घुसपैठ सामने आई है और तब से अब तक नक्सलियों की उपस्थिति बालाघाट में बरकरार है। इन बीते वर्षों में लगभग 1 सैकडा पुलिस व मुखबिर तथा ग्रामीण नक्सलियों के शिकार हुए। पुलिस ने ही अपने 38 पुलिस अधिकारी कर्मचारियों को खोया है। इन शहीद पुलिस अधिकारी कर्मचारियों का स्मरण इस शहीद स्मृति दिवस के अवसर पर किया गया ।। Conclusion:आज से 60 वर्ष पूर्व 21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख में भारत तिब्बत सीमा की सुरक्षा के लिये ‘हाॅट-स्प्रिंग‘ में तैनात केन्द्रीय पुलिस बल की तीसरी बटालियन की कंपनी के 21 जवानों का गस्तीदल गस्त कर रहा था, तभी चीनी फौज के एक बहुत बड़े दस्ते ने इस गस्ती टुकड़ी पर घात लगाकर आक्रमण कर दिया, तब पुलिस बल के मात्र 21 जवानों ने चीनी आक्रमणकारियों का डटकर मुकाबला किया एवं मातृृभूमि की रक्षा के लिये लड़ते हुये 10 शूरवीर जवानों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया था। तब से प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर का दिन सम्पूर्ण भारत में पुलिस के ऐसे परमवीरों की शौर्यगाथा को याद कर उन्हें श्रृृद्धाजंली देने हेतु ‘‘पुलिस स्मृृति दिवस‘‘ के रूप में मनाया जाता है।
शोक परेड के साथ शहीद स्मृति दिवस प्रारंभ हुआ जिसके पश्चात देश भर विगत एक साल में 292 जवान जो शहीद हुये है उन शहीदों के नामों की सूची का वाचन आई जी द्वारा किया गया उसके पश्चात पुलिस के जवानो द्वारा उन्हें सलामी तथा शोक धुन पर पुलिस बैंड पार्टी के बीच देशभक्ति गीत के माध्यम से शहीद स्मारक स्थल पर सभी शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई । इसके अलावा पुलिस के शहीद जवानो व सैनिकों के परिवार के सदस्यों का साल श्रीफल से सम्मानित किया गया । कार्यक्रम में कुछ परिजनों ने शहीदों के नाम पर स्कूलों का नामकरण करने की मांग रखी ।जिस पर पुलिस महानिरीक्षक ने अपनी सहमति प्रदान की वही कलेक्टर दीपक आर्य ने भी इस प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगाते हुए शहीद जवानों व सैनिकों के नाम पर स्कूलों का नामकरण करने का प्रस्ताव तैयार करने की बात कही है ।।
बाईट- गौरीशंकर बिसेन पूर्व कृषि मंत्री
बाइट केपी वेंकटेश्वर राव आईजी बालाघाट
बाइट दीपक आर्य कलेक्टर बालाघाट
श्रीनिवास चौधरी ईटीवी भारत बालाघाट
Last Updated : Oct 22, 2019, 7:01 AM IST
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