बालाघाट। जिले के बैहर में आयोजित बैगा ओलम्पिक का सोमवार को समापन हो गया. इस आयोजन में आदिवासी प्रतिभाओं को अपने हुनर का जलवा दिखाने का मौका मिला, तो वहीं सांस्कृतिक आयोजनों के जरिए आदिवासियों की संस्कृति की झलकियां भी देखने मिली. जिन्हें देखकर हर कोई मंत्र मुग्ध हो गया.
आयोजन के समापन अवसर पर ऐसा समा बंधा की मंत्री कमलेश्वर पटेल, और प्रदीप जायसवाल के साथ विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कांवरें भी डीजे की धुन पर भी खिलाड़ियों के साथ थिरकतीं नजर आयी. मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि पांच सालों से हो रहा ये आयोजन आदिवासी वर्ग के विकास में निर्णायक साबित हो रहा है. बैगा आलंपिक जैसे आयोजन से ग्रामीण पर्यटन को प्रोत्साहन मिलता है और प्रदेश सरकार की भी मंशा है कि ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को रोजगार के साथ सीखने का अवसर मिले.
कार्यक्रम में पहुंची विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कांवरे ने भी बैगा ओलंपिक की तारीफ की. उन्होंने कहा कि बैगा आलंपिक जैसे आयोजन के लिए बधाई का पात्र है. जो जनजाति के लोगों को प्रकृति के करीब रहने के कारण ईश्वर ने उन्हें प्राकृतिक रूप से मजबूत बनाया है. खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल ने कहा कि, आगे इस आयोजन को और बड़े रुप में आयोजित कराएंगे. जिसका फायदा बैगा जनजाति के लोगों को मिलेगा और उन्हें बड़े मंचों पर अपना हुनर दिखाने का मौका भी मिलेगा.
9 जिलों के 508 खिलाड़ियों ने लिया था भाग
चार जनवरी सें शुरु हुआ बैगा ओलंपिक तीन दिनों तक चला. जिसमें मध्य प्रदेश के सात और छत्तीसगढ़ दो जिलों के करीब 508 खिलाड़ी शामिल हुए. बैगा ओलंपिक में 11 प्रकार के खेलों का आयोजन करवाया गया. इस आयोजन में बालाघाट और डिंडौरी के खिलाड़ियों ने सबसे ज्यादा 68-68 पदक जीते. सबसे अधिक स्वर्ण पदक जीतने की वजह से डिंडौरी को विजेता घोषित किया गया.