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महात्मा ज्योतिबा फुले स्मृति दिवस पर कार्यक्रम, मंत्री प्रदीप जायसवाल और हिना कावरे हुए शामिल

वारासिवनी में सामाजिक-सांस्कृतिक भवन में मरार माली समाज ने महात्मा ज्योतिबा फुले की 129वीं पुण्यतिथि मनाई.

Mahatma Phule Memorial Day
महात्मा फुले स्मृति दिवस
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Published : Dec 2, 2019, 3:06 PM IST

बालाघाट। जिले के वारासिवनी में सामाजिक-सांस्कृतिक भवन में मरार माली समाज ने महात्मा ज्योतिबा फुले की 129वीं पुण्यतिथि मनाई गई. इस कार्यक्रम में विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कावरे, कैबिनेट मंत्री प्रदीप जायसवाल, मरार माली समाज जिला अध्यक्ष रमेश मरार और अन्य सामाजिक बंधुगण उपस्थित थे. कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया.

इस मौके पर मंत्री प्रदीप जायसवाल ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि मनाकर उन्हें याद करना ही फुले को श्रद्धांजलि देना नहीं है. हमें उनके बताए हुए मार्ग पर चलना भी होगा और प्रयास करना होगा कि हम उनके जैसा तो नहीं पर उनके जैसी थोड़ी बहुत सोच लेकर चल सकें. उन्होंने कहा कि बिना किताब और शिक्षा से गांव देश और समाज का विकास नहीं हो सकता. महात्मा ज्योतिबा फुले ने कहा था कि अगर एक परिवार में एक महिला शिक्षित हो जाती है तो पूरा परिवार अपने आप शिक्षित हो जाएगा. महात्मा ज्योतिबा फुले और राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले ने महिलाओं को घर से बाहर निकाल कर शिक्षा का अधिकार दिलाया, क्योंकि पहले महिलाओं को शिक्षा का अधिकार नहीं मिल पाता था और इसके लिए उन्होंने संघर्ष किया.

महात्मा फुले स्मृति दिवस

उन्होंने कहा कि जो समाज को सही दिशा में ले जाने और परिवर्तन करने का प्रयास करते हैं तो उसका ही विरोध होता है. फुले का भी विरोध हुआ, लेकिन वे सत्य की राह पर चलते गए और अपने उद्देश्य में सफल होकर समाज को शिक्षित करने में सफल हुए. बता दें कि महात्मा ज्योतिबा फुले ने जाति भेद, वर्ण भेद, लिंग भेद, ऊंच-नीच के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ी.

बालाघाट। जिले के वारासिवनी में सामाजिक-सांस्कृतिक भवन में मरार माली समाज ने महात्मा ज्योतिबा फुले की 129वीं पुण्यतिथि मनाई गई. इस कार्यक्रम में विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कावरे, कैबिनेट मंत्री प्रदीप जायसवाल, मरार माली समाज जिला अध्यक्ष रमेश मरार और अन्य सामाजिक बंधुगण उपस्थित थे. कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया.

इस मौके पर मंत्री प्रदीप जायसवाल ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि मनाकर उन्हें याद करना ही फुले को श्रद्धांजलि देना नहीं है. हमें उनके बताए हुए मार्ग पर चलना भी होगा और प्रयास करना होगा कि हम उनके जैसा तो नहीं पर उनके जैसी थोड़ी बहुत सोच लेकर चल सकें. उन्होंने कहा कि बिना किताब और शिक्षा से गांव देश और समाज का विकास नहीं हो सकता. महात्मा ज्योतिबा फुले ने कहा था कि अगर एक परिवार में एक महिला शिक्षित हो जाती है तो पूरा परिवार अपने आप शिक्षित हो जाएगा. महात्मा ज्योतिबा फुले और राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले ने महिलाओं को घर से बाहर निकाल कर शिक्षा का अधिकार दिलाया, क्योंकि पहले महिलाओं को शिक्षा का अधिकार नहीं मिल पाता था और इसके लिए उन्होंने संघर्ष किया.

महात्मा फुले स्मृति दिवस

उन्होंने कहा कि जो समाज को सही दिशा में ले जाने और परिवर्तन करने का प्रयास करते हैं तो उसका ही विरोध होता है. फुले का भी विरोध हुआ, लेकिन वे सत्य की राह पर चलते गए और अपने उद्देश्य में सफल होकर समाज को शिक्षित करने में सफल हुए. बता दें कि महात्मा ज्योतिबा फुले ने जाति भेद, वर्ण भेद, लिंग भेद, ऊंच-नीच के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ी.

Intro:वारासिवनी( बालाघाट)- बालाघाट जिले के वारासिवनी में राष्ट्रमाता सावित्री फुले सामाजिक सांस्कृतिक भवन में मरार माली समाज द्वारा समाज क्रांति के जनक राष्ट्रपिता महात्मा ज्योतिबा फुले की 129 वी पुण्यतिथि मनाई गई। इस कार्यक्रम में विधानसभा उपाध्यक्ष हिना लिखीराम कावरे कैबिनेट मंत्री प्रदीप जायसवाल मरार माली समाज जिला अध्यक्ष बालाघाट रमेश मरार अन्य सामाजिक बंधुगण उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ महात्मा ज्योतिबा फुले माता सावित्री फुले रामचरण भवरे के छाया चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण किया गया।
इस मौके पर मंत्री प्रदीप जायसवाल ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि मना कर याद करना ही श्री फुले को श्रद्धांजलि नहीं है। हमें उनके बताए हुए मार्ग पर चलना भी होगा और प्रयास करना होगा कि हम उनके जैसा तो नहीं पर उनके जैसी थोड़ी बहुत सोच लेकर चल सके। उन्होंने कहाकि बिना किताब व शिक्षा से गांव देश व समाज का विकास नही हो सकता महात्मा ज्योतिबा फुले ने कहा था कि अगर एक परिवार में एक महिला शिक्षित हो जाती हैं तो पूरा परिवार अपने आप शिक्षित हो जाएंगा महात्मा ज्योतिबा फुले एवं राष्ट्रमाता सावित्री बाई फुले ने महिलाओं को घर से बाहर निकाल कर शिक्षा का अधिकार दिलाया क्योंकि पहले महिलाओं को शिक्षा का अधिकार नही मिल पाता था और इस बात को लेकर उन्होंने संघर्ष किया उन्होंने कहाकि जो समाज को सही दिशा में में ले जाने और परिवर्तन करने का प्रयास करते हैं तो उसका ही विरोध होता हैं फुले का भी विरोध हुआ लेकिन वे सत्य की राह पर चलते गए और अपने उद्देश्य में सफल होकर समाज को शिक्षित करने में सफल हुए महात्मा ने शिक्षा के रूप में नींव रखी तभी आज भारत विकासशील देशों में शामिल हुआ और विश्व मे भारत सबसे बड़ा बाजार भी हैं। Body:सम्बोधन-- प्रदीप जायसवाल खनिज मंत्रीConclusion:
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