बालाघाट। पारसवाड़ा में शासकीय उचित मूल्य की दुकान से गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को एक रूपए किलो गेहूं और चावल उपलब्ध करवाया जा रहा है, जबकि किरोसिन और शक्कर सहित अन्य वस्तुएं भी न्यूनतम दर पर प्रतिमाह प्रदाय की जाती हैं, ताकि गरीब परिवारों को जीवन यापन आसानी से हो सके. प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद कई गरीब इससे वंचित रह जाते हैं. बुधवार को परेशान ग्रामीणों ने इसे लेकर जिला पंचायत सीईओ को समस्या से अवगत कराते हुए निराकरण की मांग की है.
गरीब परिवारों को नहीं मिल रहा राशन
ऐसा ही एक मामला तहसील मुख्यालय परसवाड़ा के भीकेवाड़ा गांव में देखने को मिला है, जहां गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले 18 परिवारों को बीते एक साल से अधिक समय बीतने के बाद भी राशन नहीं मिल पा रहा है, जबकि उनके पास गरीबी रेखा राशन कार्ड और राशन पात्रता पर्ची दोनों है. ग्रामीणों की माने तो पहले उन्हें इसी राशन कार्ड और पात्रता पर्ची पर राशन मिलता था, लेकिन साल से अधिक समय बीतने के बाद भी उन्हें राशन नहीं मिला है.
खाद्यान्न पोर्टल से गायब हुए नाम
उचित मूल्य की दुकान के विक्रेता खेमेश्वर बिसेन का कहना है कि इन लोगों के खाद्यान्न पोर्टल से नाम हटा दिया गया है. पीडीएस मशीन में उक्त सभी 18 परिवारों के नाम नहीं हैं, जिसके चलते इन्हें राशन वितरण नहीं किया जा रहा है. हालांकि, पहले इन्हें निर्धारित मात्रा में राशन और अन्य सामग्रियों का वितरण किया जाता था, लेकिन अब इनका नाम नहीं दिख रहा है. जिसके चलते राशन वितरण में समस्या आ रही है. मामले को लेकर कई बार उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया जा चुका है, लेकिन कोई सुधार नहीं किया जा रहा है.
मुखिया की मृत्यु के बाद पोर्टल से हटे नाम
लोगों ने बताया कि कि पहले इन सभी परिवारों को राशन वितरण किया जाता था, लेकिन जब से इन परिवारों के मुखिया की मृत्यु हुई है, तब से खाद्यान्न पोर्टल से नाम हट गए हैं, परिवार के सारे सदस्यों के नाम पीडीएस मशीन से हट गया है, जबकि परिवार के मुखिया की मृत्यु के बाद उसका नाम हटाकर परिवार के अन्य सदस्यों को राशन वितरण किया जाना चाहिए.
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी परसवाड़ा पहुंचे तो ग्रामीणों ने अपनी समस्या से उनको अवगत कराया. साथ ही अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि उक्त सभी परिवार को एक साल से ज्यादा का समय हो गया है, लेकिन अभी तक उन्हें राशन नहीं मिला है. कई बार शिकायत करने के बाद भी उनकी समस्या का कोई उचित हल नहीं निकाला जा रहा है. जिसके चलते उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सीईओ ने ग्रामीणों की समस्या का जल्द निराकरण कराने का आश्वासन दिया है.