बालाघाट। नक्सल प्रभावित जिला बालाघाट में आगामी होने वाले चुनाव के मद्देनजर पुलिस प्रशासन ने अपनी कमर कस ली है. लगातार बालाघाट की सीमा पर नक्सलियों का मूवमेंट बना हुआ है और नक्सली चुनाव में बड़ी वारदात को अंजाम देने के फिराक में हैं. लेकिन, पुलिस ने भी शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए कड़े इंतेजाम करते हुए बालाघाट जिले को हाई अलर्ट पर रख हुआ है. इसके साथ ही बालाघाट से सटे छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा को सील कर दिया है. साथ ही एरिया डोमिनेशन और पुलिस प्रशासन ने सर्चिंग तेज कर दी है.
गौरतलब है कि जिले में लोकसभा चुनाव कराना पुलिस के बड़ा टास्क है क्योंकि बालाघाट में लगातार नक्सलियों का मूवमेंट बना हुआ है. बालाघाट में 1637 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिसमे 591 क्रिटिकल और 238 नक्सल प्रभावित अति संवेदनशील मतदान केंद्र हैं. इसी कारण से सुरक्षा चाक चौबंद करना पुलिस के लिए बहुत जरूरी है. इस मामले में जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण चुनाव आयोग से 58 सीएपीएफ की कंपनियों की मांग की गई है, जो कि बालाघाट को मिल गई है.
साथ ही दोनों प्रदेशों से सटी सीमा को सील कर एरिया डोमिनेशन के साथ ही सर्चिंग की जा रही है. नक्सलियों का लगतार मूवमेंट बना हुआ है, जिसपर नजर रखी जा रही है. इसके साथ ही एंटर स्टेट 14 और एंटर डिस्ट्रिक्ट दो दर्जन से ज्यादा चेक पोस्ट बनाकर जांच की जा रही है. वहीं अति संवेदनशील मतदान केंद्रों पर सीएपीएफ की कंपनी लगाकर सीसीटीवी से नजर रख रही है. हर बूथ के लिए माइक्रो ऑब्जर्वर की टीम है, जो वीडियो ग्राफी भी करवाएगी. चुनाव आयोग द्वारा बालाघाट के लिये दो हेलीकॉप्टर भी उपलब्ध करवाए गए हैं, जिससे अति संवेदनशील मतदान केंद्र या जहां पर अप्रोच नही है, वहां पर भी पुलिस पार्टी और मतदान दलों को भेजा जाएगा. साथ ही कोई घटना दुर्घटना के समय इसकी मदद तत्काल हॉस्पिटल या अन्य जगहों पर पहुंचने के लिए ली जाएगी.