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महिला नक्सली का शव लेने नहीं पहुंचे परिजन, 24 घंटे बाद दाह संस्कार की तैयारी में पुलिस - cremation of a large number of Naxalites in Naxalite encounter

देवरबेली पुलिस चौकी के पुजारीटोला में कुछ दिनों पहले पुलिस और हॉकफोर्स के जवानों द्वारा नक्सली एनकाउंटर में ढेर की गई महिला नक्सली नंदे उर्फ राने के शव का छह दिन बीतने के बाद भी दाह संस्कार नहीं किया गया है.

महिला नक्सली का शव
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Published : Jul 15, 2019, 8:20 PM IST

Updated : Jul 15, 2019, 10:32 PM IST

बालाघाट। जिले के देवरबेली पुलिस चौकी के पुजारीटोला में कुछ दिनों पहले एनकाउंटर में मारी गई महिला नक्सली के शव का छह दिन बीतने के बाद भी दाह संस्कार नहीं किया गया है. दरअसल अभी तक उसके परिजन शव को लेने नहीं पहुंचे हैं. जबकि बालाघाट पुलिस द्वारा एनकाउंटर के दूसरे दिन ही नक्सली महिला के परिजनों को सूचना भिजवा दी गयी थी.

महिला नक्सली का शव लेने नहीं पहुंचे परिजन

महिला नक्सली नंदे का शव जिला अस्पताल के शवगृह में कड़े सुरक्षा के बीच रखा गया है. मामले पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश भूरिया ने बताया कि महिला नक्सली के शव को लेने के लिये उसके परिजनों को सूचित किया गया है. लेकिन परिजन अभी तक नहीं पहुंचे हैं. आगामी 24 घंटे तक इंतजार करने के बाद शव की विधि के अनुसार दाह संस्कार करने की प्रक्रिया कर दी जायेगी. शव लेने नहीं आने की वजह के संदर्भ में पुलिस अधीक्षक ने बताया कि नंदे के अधिकांश परिजन नक्सली दल में भर्ती हैं. नंदे का मामा भी नक्सली कमांडर है. संभवत: इसी वजह से शव लेने नहीं पहुंच रहे हैं.

क्या था नक्सली एनकाउंटर का मामला ?

कुछ दिनों पहले देवरबेली पुलिस चौकी अंतर्गत पुजारीटोला में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में 14-14 लाख रूपये के ईनामी नक्सली मंगेश उर्फ अशोक और महिला नक्सली नंदे की मौत हो गई थी. शव का बालाघाट मुख्यालय के जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया था. दोनों नक्सली छत्तीसगढ़ से होने के चलते पुलिस ने परिजनों को सूचित किया. मंगेश के शव को उसके परिजन अंतिम संस्कार के लिये ले गये, लेकिन महिला नक्सली नंदे के शव को लेने कोई परिजन नहीं पहुंचा. जिससे शव के खराब होने की स्थिति बनने लगी है और अस्पताल कैम्पस में परेशानी हो रही है. पुलिस ने शव की निगरानी में गार्ड तैनात किया है.

बालाघाट। जिले के देवरबेली पुलिस चौकी के पुजारीटोला में कुछ दिनों पहले एनकाउंटर में मारी गई महिला नक्सली के शव का छह दिन बीतने के बाद भी दाह संस्कार नहीं किया गया है. दरअसल अभी तक उसके परिजन शव को लेने नहीं पहुंचे हैं. जबकि बालाघाट पुलिस द्वारा एनकाउंटर के दूसरे दिन ही नक्सली महिला के परिजनों को सूचना भिजवा दी गयी थी.

महिला नक्सली का शव लेने नहीं पहुंचे परिजन

महिला नक्सली नंदे का शव जिला अस्पताल के शवगृह में कड़े सुरक्षा के बीच रखा गया है. मामले पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश भूरिया ने बताया कि महिला नक्सली के शव को लेने के लिये उसके परिजनों को सूचित किया गया है. लेकिन परिजन अभी तक नहीं पहुंचे हैं. आगामी 24 घंटे तक इंतजार करने के बाद शव की विधि के अनुसार दाह संस्कार करने की प्रक्रिया कर दी जायेगी. शव लेने नहीं आने की वजह के संदर्भ में पुलिस अधीक्षक ने बताया कि नंदे के अधिकांश परिजन नक्सली दल में भर्ती हैं. नंदे का मामा भी नक्सली कमांडर है. संभवत: इसी वजह से शव लेने नहीं पहुंच रहे हैं.

क्या था नक्सली एनकाउंटर का मामला ?

कुछ दिनों पहले देवरबेली पुलिस चौकी अंतर्गत पुजारीटोला में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में 14-14 लाख रूपये के ईनामी नक्सली मंगेश उर्फ अशोक और महिला नक्सली नंदे की मौत हो गई थी. शव का बालाघाट मुख्यालय के जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया था. दोनों नक्सली छत्तीसगढ़ से होने के चलते पुलिस ने परिजनों को सूचित किया. मंगेश के शव को उसके परिजन अंतिम संस्कार के लिये ले गये, लेकिन महिला नक्सली नंदे के शव को लेने कोई परिजन नहीं पहुंचा. जिससे शव के खराब होने की स्थिति बनने लगी है और अस्पताल कैम्पस में परेशानी हो रही है. पुलिस ने शव की निगरानी में गार्ड तैनात किया है.

Intro:बालाघाट- बालाघाट के देवरबेली पुलिस चौकी के पुजारीटोला में 9 व 10 जुलाई की दरमियानी रात पुलिस व हॉकफोर्स के जवानों द्वारा नक्सली एनकाउंटर में ढेर की गई महिला नक्सली नंदे उर्फ राने के शव को 6 दिन बीतने के बाद भी दाह संस्कार का इंतजार है... । दरअसल नक्सली महिला के शव को बालाघाट उसके परिजन लेने के लिये नहीं पहुंचे है जबकि बालाघाट पुलिस द्वारा नक्सली एनकाउंटर के दुसरे दिन ही नक्सली महिला के परिजनो को सूचना भिजवा दिया गया था..... महिला नक्सली नंदे का शव इस समय जिला अस्पताल के मचुर्री में कङे सुरक्षा के बीच रखा गया हैं। जिसकी सुरक्षा में 24 घंटे 1 चार की गार्ड की तैनाती की गई हैं।
Body: बता देवें कि विगत 9 जुन की रात देवरबेली पुलिस चौकी अंतर्गत पुजारीटोला में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में 14-14 लाख रूपये के ईनामी नक्सली मंगेश उर्फ अशोक और महिला नक्सली नंदे की मौत हो गई थी। 10 जुलाई को शव बालाघाट मुख्यालय के जिला अस्पताल में पीएम कराया गया था। दोनों नक्सली छत्तीसगढ़ से होने के चलते पुलिस ने परिजनों को सूचित किया। मंगेश के शव को उसके परिजन अंतिम संस्कार के लिये ले गये । लेकिन महिला नक्सली नंदे के शव लेने हेतु कोई परिजन नहीं पहुंचें हैं। नंदे सुकमा के बैलाडिला की रहने वाली हैं। जिसके परिजनों का पुलिस इंतजार कर रही हैं। पर इन बीते 6 दिनों में नंदे के परिजन शव लेने नहीं पहुंचें हैं। जिससे शव की खराब होने की स्थिति बनने लगी हैं और अस्पताल कैम्पस में परेशानी होने लगी हैं। पुलिस ने शव की निगरानी में एक चार की गार्ड तैनात की हुई हैं। Conclusion:इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश भूरिया ने बताया कि महिला नक्सली के शव लेने के लिये छग की पुलिस के मार्फत उसके परिजनों को सूचित किया गया हैं। लेकिन परिजन नहीं पहुंचें हैं। आगामी 24 घंटे तक इंतजार करने के बाद शव की विधिअनुसार दाह संस्कार करने की प्रक्रिया कर दी जायेगी।
शव लेने नहीं आने की वजह के संदर्भ में उन्होने बताया कि नंदे के अधिकांश परिजन नक्सली दलम में भर्ती हैं। नंदे का मामा भी नक्सली कमांडर हैं। संभवत: इस वजह से शव लेने नहीं पहुंच रहे हैं।
बाईट- आकाश भूरिया अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बालाघाट।
श्रीनिवास चौधरी ईटीवी भारत बालाघाट
Last Updated : Jul 15, 2019, 10:32 PM IST
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