बालाघाट। जिले के देवरबेली पुलिस चौकी के पुजारीटोला में कुछ दिनों पहले एनकाउंटर में मारी गई महिला नक्सली के शव का छह दिन बीतने के बाद भी दाह संस्कार नहीं किया गया है. दरअसल अभी तक उसके परिजन शव को लेने नहीं पहुंचे हैं. जबकि बालाघाट पुलिस द्वारा एनकाउंटर के दूसरे दिन ही नक्सली महिला के परिजनों को सूचना भिजवा दी गयी थी.
महिला नक्सली नंदे का शव जिला अस्पताल के शवगृह में कड़े सुरक्षा के बीच रखा गया है. मामले पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश भूरिया ने बताया कि महिला नक्सली के शव को लेने के लिये उसके परिजनों को सूचित किया गया है. लेकिन परिजन अभी तक नहीं पहुंचे हैं. आगामी 24 घंटे तक इंतजार करने के बाद शव की विधि के अनुसार दाह संस्कार करने की प्रक्रिया कर दी जायेगी. शव लेने नहीं आने की वजह के संदर्भ में पुलिस अधीक्षक ने बताया कि नंदे के अधिकांश परिजन नक्सली दल में भर्ती हैं. नंदे का मामा भी नक्सली कमांडर है. संभवत: इसी वजह से शव लेने नहीं पहुंच रहे हैं.
क्या था नक्सली एनकाउंटर का मामला ?
कुछ दिनों पहले देवरबेली पुलिस चौकी अंतर्गत पुजारीटोला में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में 14-14 लाख रूपये के ईनामी नक्सली मंगेश उर्फ अशोक और महिला नक्सली नंदे की मौत हो गई थी. शव का बालाघाट मुख्यालय के जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया था. दोनों नक्सली छत्तीसगढ़ से होने के चलते पुलिस ने परिजनों को सूचित किया. मंगेश के शव को उसके परिजन अंतिम संस्कार के लिये ले गये, लेकिन महिला नक्सली नंदे के शव को लेने कोई परिजन नहीं पहुंचा. जिससे शव के खराब होने की स्थिति बनने लगी है और अस्पताल कैम्पस में परेशानी हो रही है. पुलिस ने शव की निगरानी में गार्ड तैनात किया है.