बालाघाट । प्रदेश में लॉकडाउन के बाद जिले के सीमा से लगे इलाकों से हजारों की तादाद में ग्रामीण वापस आए हैं. ये लोग प्रवासी मजदूर के रुप में अन्य राज्यों में काम कर रहे थे. इनमें से अधिकांश मजदूर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीण अंचलों से हैं. कोरोना की वजह से इन प्रवासी मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. नक्सली संगठनों ने इन इलाकों में घुसपैठ करके दलम विस्तार की योजना पर काम करना शुरु कर दिया है.
अन्य राज्यों से लौट रहे मजदूर
दरअसल छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र राज्य की सीमावर्ती इलाकों जिनमें लांजी, किरनापुर और बिरसा क्षेत्र के हजारों मजदूरों ने अन्य प्रदेशों में रहकर रोजगार प्राप्त किया था. लेकिन कोरोना संकट के चलते ये सभी अपने पैतृक गांव लौटने लगे हैं. इन इलाकों में पहले से ही रोजगार का संकट था. ऐसे में अब बड़ी समस्या इन प्रवासी मजदूरों के सामने नये सिरे से रोजगार पाने का है.
भर्ती का दबाब बना रहे नक्सली
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन इलाकों में नक्सली संगठनों ने बेरोजगार ग्रामीणों को नक्सल संगठनों में शामिल करने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है. लेकिन प्रशासन किसी भी नक्सली प्रभाव का खंडन कर रहा है. पूरे देश में कोरोना की वजह से बेरोजगारी का संकट लोगों के सामने आने वाला समय चुनौती पूर्ण है. जहां एक और देश की सरकार बिगड़ी अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने का प्रयास कर रही है. वहीं दूसरी ओर प्रवासी मजदूरों को रोजगार देकर प्रदेश की सरकार इनके बेहतर जीवन यापन की व्यवस्था में लगी हुई है.
पुलिस ने किया सर्चिंग अभियान तेज
पुलिस प्रशासन अलर्ट है और लगातार दोनों राज्यों के पुलिस प्रशासन से संपर्क में रहकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं. प्रदेश के सीमावर्ती इलाके जो कि छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र राज्य से लगे हुए हैं, इन इलाकों में पुलिस ने सर्चिंग अभियान तेज कर दिया है. कुछ दिन पहले राजनांदगांव में नक्सली एनकाउंटर में एक पुलिस अधिकारी के शहीद होने के बाद इस क्षेत्र में प्रशासन को सूचनाएं मिल रही हैं कि नक्सली संगठन अपनी ताकत बढ़ाने के लिए ग्रामीण युवाओं को शामिल करना चाहता है.