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एमपी के बालाघाट में डाक मतपत्रों में हेरफेर से सियासी तूफान, कौन हैं कलेक्टर गिरीश मिश्रा जिन्हे हटाने के लिए कांग्रेस ने दी धमकी

Balaghat Postal Ballot Controversy: एमपी में 3 दिसंबर को होने वाली मतगणना से पहले ही बालाघाट में डाक मतपत्रों की गिनती को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. कलेक्टर ने लापरवाह अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है लेकिन कांग्रेस की मांग के बाद अब क्या कलेक्टर पर भी गाज गिरेगी. कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि अगर पार्टी सत्ता में आई तो इस मामले में जरुर एक्शन लेगी.

Balaghat Collector
अब क्या कलेक्टर पर भी गिरेगी गाज
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 29, 2023, 3:43 PM IST

Updated : Nov 29, 2023, 4:45 PM IST

बालाघाट। समय से पहले डाक मतपत्रों की गिनती शुरू करने के मामले में बालाघाट कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार मिश्रा विवादों में गिर गए हैं.हालांकि उन्होंने जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई कर दी है लेकिन कांग्रेस की मांग है कि इस मामले में डॉ गिरीश कुमार मिश्रा की जिम्मेदारी भी तय होनी चाहिए और उन्हें पद से हटाया जाना चाहिए. मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 के वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होनी है लेकिन इसके पहले ही 27 नवंबर को बालाघाट में एक बड़ा विवाद सामने आया है.

बालाघाट में ऐसा क्या हुआ: इस मामले में एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें एक सरकारी अधिकारी ने अपने स्टाफ के साथ डाक मतपत्रों की गिनती पहले ही शुरू कर दी और इस मामले में किसी को जानकारी भी नहीं दी. इस वीडियो के सामने आने के बाद बालाघाट के कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार मिश्रा ने तहसीलदार और नोडल अधिकारी हिम्मत सिंह को सस्पेंड कर दिया है साथ ही बालाघाट एसडीएम गोपाल सोनी को भी निलंबित कर दिया गया है लेकिन अब कांग्रेस ने बालाघाट कलेक्टर को ही इस मामले में दोषी मानते हुए उन्हें हटाने की मांग की है.

  • मप्र के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी @rajananupam1 जी और कलेक्टर बालाघाट क्या आप दोनों ही यह स्पष्ट करेंगे कि संलग्न VDO और सरकारी दस्तावेज किसी K J बिसेन का है,जो 3 माह पूर्व सेवानिवृत होकर बालाघाट से BJP प्रत्याशी गौरी शंकर बिसेन जी के रिश्तेदार भी बताए जा रहे हैं....?

    *वे किस… pic.twitter.com/Dib5uEfxUs

    — KK Mishra (@KKMishraINC) November 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कौन हैं डॉ गिरीश कुमार मिश्रा: (Who is Collector Girish Kumar Mishra) डॉ गिरीश कुमार मिश्रा की कलेक्टर के रूप में यह पहली पोस्टिंग है वे 2013 बैच के अधिकारी हैं हालांकि वे इसके पहले भारतीय वन सेवा के अधिकारी थे. बतौर आईएएस डॉ गिरीश कुमार मिश्रा को बिहार कैडर मिला था लेकिन उनकी पत्नी मीना मिश्रा भी मध्य प्रदेश में आईएएस अधिकारी हैं और वे 2011 बैच की अधिकारी हैं क्योंकि वह एमपी कैडर में थी इसलिए डॉ गिरीश कुमार मिश्रा ने भी अपना ट्रांसफर मध्य प्रदेश में ले लिया और फिलहाल दोनों ही मध्य प्रदेश में तैनात हैं. डॉ गिरीश कुमार मिश्रा बालाघाट कलेक्टर बनने के पहले आबकारी विभाग में अपर आयुक्त आबकारी थे और उनकी पोस्टिंग ग्वालियर में थी इस बीच छतरपुर और दमोह में भी रहे हैं.

सरकारी शिक्षक के हैं बेटे: हालांकि डॉ गिरीश कुमार मिश्रा का कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं है. वे एक सरकारी शिक्षक के बेटे हैं और ग्रामीण परिवेश में पले बड़े हैं. डॉ गिरीश कुमार मिश्रा का कहना है कि उन्होंने आईएएस बनने के लिए लंबा संघर्ष किया है ऐसी स्थिति में किसी राजनीतिक दल को फायदा पहुंचाने वाली स्थिति नजर नहीं आती बल्कि हिम्मत सिंह की लापरवाही की वजह से यह घटना घटी ऐसी संभावना ज्यादा है.

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डॉ गिरीश मिश्रा से कांग्रेस नाराज: समय से पहले बालाघाट का स्ट्रांग रूम किसके इशारे पर खोला गया इस बात को लेकर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति दर्ज की है. मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ का कहना है कि समय से पहले डाक मतपत्रों को खोलना अपराध है. कमलनाथ का कहना है कि बालाघाट में जो हुआ वह कदाचरण की श्रेणी में आता है वहीं कांग्रेस की ओर से मध्य प्रदेश के चुनाव आयुक्त को बालाघाट कलेक्टर को हटाने की मांग को लेकर एक ज्ञापन सौंपा गया है. यह तय है कि यदि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है तो डॉ गिरीश कुमार मिश्रा के सामने संकट खड़ा हो जाएगा.

कमलनाथ ने दी चेतावनी: कमलनाथ ने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि एक-एक कर्मचारी और अधिकारी की रिपोर्ट जनता के पास है और यदि कांग्रेस की सरकार बनती है तो सब का हिसाब होगा.

घटना के पीछे कौन: बालाघाट की घटना पर एक सवाल यह भी खड़ा होता है कि क्या यह केवल अधिकारियों की लापरवाही थी या फिर इसके पीछे कोई राजनीतिक मनसा थी. हिम्मत सिंह ने जो किया उसकी हिम्मत उसके पास कहां से आई. क्या बालाघाट कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार मिश्रा इस पूरे मामले में शामिल हैं या इसमें किसी राजनीतिक दल या नेता का दबाव शामिल था यह जांच का विषय है.

बालाघाट। समय से पहले डाक मतपत्रों की गिनती शुरू करने के मामले में बालाघाट कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार मिश्रा विवादों में गिर गए हैं.हालांकि उन्होंने जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई कर दी है लेकिन कांग्रेस की मांग है कि इस मामले में डॉ गिरीश कुमार मिश्रा की जिम्मेदारी भी तय होनी चाहिए और उन्हें पद से हटाया जाना चाहिए. मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 के वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होनी है लेकिन इसके पहले ही 27 नवंबर को बालाघाट में एक बड़ा विवाद सामने आया है.

बालाघाट में ऐसा क्या हुआ: इस मामले में एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें एक सरकारी अधिकारी ने अपने स्टाफ के साथ डाक मतपत्रों की गिनती पहले ही शुरू कर दी और इस मामले में किसी को जानकारी भी नहीं दी. इस वीडियो के सामने आने के बाद बालाघाट के कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार मिश्रा ने तहसीलदार और नोडल अधिकारी हिम्मत सिंह को सस्पेंड कर दिया है साथ ही बालाघाट एसडीएम गोपाल सोनी को भी निलंबित कर दिया गया है लेकिन अब कांग्रेस ने बालाघाट कलेक्टर को ही इस मामले में दोषी मानते हुए उन्हें हटाने की मांग की है.

  • मप्र के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी @rajananupam1 जी और कलेक्टर बालाघाट क्या आप दोनों ही यह स्पष्ट करेंगे कि संलग्न VDO और सरकारी दस्तावेज किसी K J बिसेन का है,जो 3 माह पूर्व सेवानिवृत होकर बालाघाट से BJP प्रत्याशी गौरी शंकर बिसेन जी के रिश्तेदार भी बताए जा रहे हैं....?

    *वे किस… pic.twitter.com/Dib5uEfxUs

    — KK Mishra (@KKMishraINC) November 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कौन हैं डॉ गिरीश कुमार मिश्रा: (Who is Collector Girish Kumar Mishra) डॉ गिरीश कुमार मिश्रा की कलेक्टर के रूप में यह पहली पोस्टिंग है वे 2013 बैच के अधिकारी हैं हालांकि वे इसके पहले भारतीय वन सेवा के अधिकारी थे. बतौर आईएएस डॉ गिरीश कुमार मिश्रा को बिहार कैडर मिला था लेकिन उनकी पत्नी मीना मिश्रा भी मध्य प्रदेश में आईएएस अधिकारी हैं और वे 2011 बैच की अधिकारी हैं क्योंकि वह एमपी कैडर में थी इसलिए डॉ गिरीश कुमार मिश्रा ने भी अपना ट्रांसफर मध्य प्रदेश में ले लिया और फिलहाल दोनों ही मध्य प्रदेश में तैनात हैं. डॉ गिरीश कुमार मिश्रा बालाघाट कलेक्टर बनने के पहले आबकारी विभाग में अपर आयुक्त आबकारी थे और उनकी पोस्टिंग ग्वालियर में थी इस बीच छतरपुर और दमोह में भी रहे हैं.

सरकारी शिक्षक के हैं बेटे: हालांकि डॉ गिरीश कुमार मिश्रा का कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं है. वे एक सरकारी शिक्षक के बेटे हैं और ग्रामीण परिवेश में पले बड़े हैं. डॉ गिरीश कुमार मिश्रा का कहना है कि उन्होंने आईएएस बनने के लिए लंबा संघर्ष किया है ऐसी स्थिति में किसी राजनीतिक दल को फायदा पहुंचाने वाली स्थिति नजर नहीं आती बल्कि हिम्मत सिंह की लापरवाही की वजह से यह घटना घटी ऐसी संभावना ज्यादा है.

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डॉ गिरीश मिश्रा से कांग्रेस नाराज: समय से पहले बालाघाट का स्ट्रांग रूम किसके इशारे पर खोला गया इस बात को लेकर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति दर्ज की है. मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ का कहना है कि समय से पहले डाक मतपत्रों को खोलना अपराध है. कमलनाथ का कहना है कि बालाघाट में जो हुआ वह कदाचरण की श्रेणी में आता है वहीं कांग्रेस की ओर से मध्य प्रदेश के चुनाव आयुक्त को बालाघाट कलेक्टर को हटाने की मांग को लेकर एक ज्ञापन सौंपा गया है. यह तय है कि यदि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है तो डॉ गिरीश कुमार मिश्रा के सामने संकट खड़ा हो जाएगा.

कमलनाथ ने दी चेतावनी: कमलनाथ ने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि एक-एक कर्मचारी और अधिकारी की रिपोर्ट जनता के पास है और यदि कांग्रेस की सरकार बनती है तो सब का हिसाब होगा.

घटना के पीछे कौन: बालाघाट की घटना पर एक सवाल यह भी खड़ा होता है कि क्या यह केवल अधिकारियों की लापरवाही थी या फिर इसके पीछे कोई राजनीतिक मनसा थी. हिम्मत सिंह ने जो किया उसकी हिम्मत उसके पास कहां से आई. क्या बालाघाट कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार मिश्रा इस पूरे मामले में शामिल हैं या इसमें किसी राजनीतिक दल या नेता का दबाव शामिल था यह जांच का विषय है.

Last Updated : Nov 29, 2023, 4:45 PM IST
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