बालाघाट। कभी नक्सल वारदातों के लिए कुख्यात मध्य प्रदेश के बालाघाट में कितना बदलाव आया है? विकास के दावे कितने सच और कितना फसाना है? इसकी पोल खोलता एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर गर्दिश कर रहा है, जिसमें एक मरीज को खाट पर लिटाकर लोग पुल पार करा रहे हैं. वीडियो 19 जुलाई की शाम का बताया जा रहा है जिसमें ग्रामीणों की मजबूरी और विकास के दावों की कलई खुल रही है. बालाघाट से नैनपुर मार्ग पर पड़ने वाली मंकुवर नदी के डायवर्सन पर पुल के बह जाने के चलते इलाके का संपर्क टूट गया है, जहां मजबूरी में लोग अपने मरीज को खाट पर लिटाकर नदी पार कराते नजर आ रहे हैं.
डायवर्सन पुल का हाल: बालाघाट के गांव घंघरिया में मंकुवर नदी पर बना डायवर्सन पुल पिछले दो बार के तेज बहाव में बह गया. जिसके कारण बालाघाट से नैनपुर का संपर्क पूरी तरह से टूट गया. घंघरिया निवासी राजू नगपुरे को बालाघाट अस्पताल इलाज के लिए ले जाया गया था, जिन्हे वापस 19 जुलाई को बालाघाट से एंबुलेंस लेकर आई और मंकुवर नदी के एक छोर पर छोड़कर चली गई जहां मरीज का नदी के दूसरे छोर पर मकान होने के कारण परिजन ने ग्रामीणों की मदद से मरीज को चौपाई खाट पर लिटाकर नदी पार कराया.
बालाघाट प्रशासन की लचर व्यवस्था: मनकुंवर नदी पर लबे समय से पुल का निर्माण कार्य किया जा रहा है. आवागमन के लिए डायवर्सन पुल का निर्माण किया गया लेकिन वह भी दो बार पानी के तेज बहाव में बह गया. जिसके कारण अब बालाघाट से नैनपुर मार्ग का संपर्क पूरी तरह से टूट चुका है. गांव घघरिया मंकुवर नदी के दोनों छोर पर बसा हुआ है. जहां ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर आए दिन नदी को पार करना पड़ता है. इसी बीच इस वीडियो के आने के बाद ऐसा लग रहा है कि आज भी इस इलाके में विकास की बयार नहीं बह पा रही. जिला प्रशासन की लचर व्यवस्था के कारण ग्रामीण और मरीजों को बेहद परेशान होना पड़ रहा है.
पुल को पार करना आसान नहीं: मरीज राजू नगपुर ने कहा कि "पुल बहने से दोनों ओर का गांव संपर्क टूट गया. हमें एंबुलेंस ने उस पार के घाट छोड़ दिया था. गांव आने के लिए मुझे खाट का सहारा लेना पड़ा. स्थानीय लोगों ने शासन और प्रशासन से शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है." परिजन भरत नगपुर ने कहा कि " पुल टूटने से सामस्या का सामना करना पड़ रहा है. थोड़ी सी बारिश में आवागमन बाधित हो जाता है. बालाघाट मुख्यालय जाना है और मरीज को ले जाना है यह सभी समस्या आती है. मेरा भाई का एक्सीडेंट हुआ था उसे घाट पर लेकर पुल को पार किया. घायल भाई को एंबुलेंस से बालाघाट ले गये और आते समय भी समस्या हुई."
ठेकेदार पर लापरवाही का आरोप: महिला स्वास्थ्य कर्मचारी अंजली बाघ ने कहा कि "पुल के टूटने से आवाजाही में समस्या आ रही है. मैं स्वास्थ्य कर्मचारी हूं. मुझे इस पुल से नियमित अस्पताल जाना पड़ता है. थोड़ी सी बारिश में पुल को पार कर पाना मुश्किल होता है. हालांकि पुल का काम हुआ था. बारिश के पानी में वह बह गया. इस वजह से गांव का कनेक्शन टूट गया है. बालाघाट चांगुर गांव से संपर्क टूट चुका है." योगेश राहंगडाले, सरपंच प्रतिनिधि योगेश राहंगडाले ने कहा कि " ठेकेदार के लापरवाही से पुलिया टूट है. उसने कहा था कि बारिश पहले पुल बनाकर दे दूंगा ऐस वह नहीं किया. ग्रामीणों को आने- जाने में समस्या हो रही है."