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सिवनी जिले के मॉब लिंचिंग मामले में आदिवासी समुदाय ने ज्ञापन सौंपा, उग्र आंदोलन की चेतावनी

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Published : May 5, 2022, 4:31 PM IST

सिवनी जिले में मॉब लिचिंग के मामले (Mob lynching case) में आक्रोशित आदिवासी समुदाय ने पारसवाड़ा के पुलिस थाने पुहंचकर ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई है. अगर सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. (Mob lynching case of Seoni district) (Tribal community submitted memorandum) (Tribal warning of violent agitation)

Tribal community submitted memorandum
आदिवासी समुदाय ने ज्ञापन सौंपा

बालाघाट। सिवनी के ग्राम सिमरिया में आदिवासियों की पीट-पीटकर सुनियोजित तरीके से हत्या करने से आक्रोशित आदिवासी समुदाय के ग्रामीणों ने जिला पंचायत सदस्य दलसिंह पन्द्रे के नेतृत्व में पुलिस थाना पारसवाड़ा पहुंचकर महामहिम राज्यपाल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से आदिवासी समुदाय का कहना है कि 2 मई को सिवनी जिले के खुरई थाना अंतर्गत ग्राम सिमरिया गांव में गाय काटने के शक में बजरंग दल एवं श्रीराम सेना के कार्यकर्ताओं द्वारा दो आदिवासियों को लाठी से मार- मारकर हत्या कर दी गई. एक को घायल किया गया है.

आरोपियों को फांसी की सजा दी जाए : सिमरिया निवासी धानसा इनवाती 45 वर्ष और समिति गांव सागर के संपत बट्टी 50 वर्ष ने मंगलवार को ही सुबह दम तोड़ दिया था. बृजेश वट्टी 25 वर्ष का उपचार जारी है. इस प्रकार की घटना को अंजाम देकर धार्मिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने हिंसा का रास्ता अपनाकर कानून व्यवस्था को तार-तार किया है. उन्हें किसी प्रकार से कानून व्यवस्था का डर नहीं है. ऐसे संगठनों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. आरोपियों पर आदिवासी अत्याचार निवारण कानून के तहत कार्रवाई हो. यही नहीं आरोपियों को फांसी की सजा दी जाए.

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कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया : ज्ञापन में मांग की गई है कि पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा देकर उन्हें न्याय दिया जाए. आदिवासियों के लिए संविधान में संरक्षण के लिए विशेष प्रावधान होने के बावजूद इस प्रकार की घटनाओं का होना देश की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान है. उक्त घटना से आदिवासी समुदाय आक्रोशित है. साथ ही देश की कानून व्यवस्था पर अविश्वास की स्थिति निर्मित हो गई है. कहीं ऐसा ना हो कि कानून व्यवस्था पर विश्वास ना कर कानून अपने हाथों में लेने की नौबत आ जाए. (Mob lynching case of Seoni district) (Tribal community submitted memorandum) (Tribal warning of violent agitation)

बालाघाट। सिवनी के ग्राम सिमरिया में आदिवासियों की पीट-पीटकर सुनियोजित तरीके से हत्या करने से आक्रोशित आदिवासी समुदाय के ग्रामीणों ने जिला पंचायत सदस्य दलसिंह पन्द्रे के नेतृत्व में पुलिस थाना पारसवाड़ा पहुंचकर महामहिम राज्यपाल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से आदिवासी समुदाय का कहना है कि 2 मई को सिवनी जिले के खुरई थाना अंतर्गत ग्राम सिमरिया गांव में गाय काटने के शक में बजरंग दल एवं श्रीराम सेना के कार्यकर्ताओं द्वारा दो आदिवासियों को लाठी से मार- मारकर हत्या कर दी गई. एक को घायल किया गया है.

आरोपियों को फांसी की सजा दी जाए : सिमरिया निवासी धानसा इनवाती 45 वर्ष और समिति गांव सागर के संपत बट्टी 50 वर्ष ने मंगलवार को ही सुबह दम तोड़ दिया था. बृजेश वट्टी 25 वर्ष का उपचार जारी है. इस प्रकार की घटना को अंजाम देकर धार्मिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने हिंसा का रास्ता अपनाकर कानून व्यवस्था को तार-तार किया है. उन्हें किसी प्रकार से कानून व्यवस्था का डर नहीं है. ऐसे संगठनों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. आरोपियों पर आदिवासी अत्याचार निवारण कानून के तहत कार्रवाई हो. यही नहीं आरोपियों को फांसी की सजा दी जाए.

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कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया : ज्ञापन में मांग की गई है कि पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा देकर उन्हें न्याय दिया जाए. आदिवासियों के लिए संविधान में संरक्षण के लिए विशेष प्रावधान होने के बावजूद इस प्रकार की घटनाओं का होना देश की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान है. उक्त घटना से आदिवासी समुदाय आक्रोशित है. साथ ही देश की कानून व्यवस्था पर अविश्वास की स्थिति निर्मित हो गई है. कहीं ऐसा ना हो कि कानून व्यवस्था पर विश्वास ना कर कानून अपने हाथों में लेने की नौबत आ जाए. (Mob lynching case of Seoni district) (Tribal community submitted memorandum) (Tribal warning of violent agitation)

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