बालाघाट। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते एक ओर पूरे प्रदेश में सबसे अधिक प्रवासी मजदूरों की वापसी बालाघाट जिले में हुई हैं. वहीं दूसरी तरफ रोजगार की कमी लोगों के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है, चूंकि ग्रामीण अंचलों में बारिश के दिनों में वैसे भी काम धंधे व रोजगार के अवसर कम ही होते हैं, जिसको ध्यान में रखते हुए जिले में बाहर से आए प्रवासी मजदूरों को वर्षा काल में उपलब्ध कार्यों में रोजगार ग्राम पंचायत द्वारा दिलाया जा सकता है. ऐसे कार्यों को ध्यान में रखते हुए एवं विभिन्न कार्यों की स्वीकृति देने के लिए उन्हें प्रारंभ करने को लेकर बैठक का आयोजन किया गया.
बैठक जनपद पंचायत परसवाड़ा के सभागार में जिला पंचायत सीईओ रजनी सिंह, अनुभाग अधिकारी राजस्व बैहर गुरुप्रसाद, परसवाड़ा तहसीलदार नितिन चौधरी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी रितेश चौहान की उपस्थिति में की गई. बैठक में उपयंत्री, ग्राम सचिवों व रोजगार सहायकों की उपस्थिति रही. बैठक के दौरान ग्राम सचिवों व रोजगार सहायकों और उपयंत्रियों को दिशा-निर्देश दिए गये कि जितने भी प्रवासी मजदूर कोरोना काल में वापस आए हैं, तत्काल उन्हें रोजगार उपलब्ध कराएं जायें और यथासंभव जो कार्य ग्रामों में कराए जा सकते हैं, उन ग्रामों में प्रवासी मजदूरों को कार्य दिए जाएं. ताकि बाहर से आए हुए प्रवासी मजदूर बेरोजगार ना रहें और उन्हें किसी प्रकार की समस्या ना रहे व सभी को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकें.
पत्रकारों से चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि पीएम आवास निर्माण कार्य पूरा कराने में रेत की उपलब्धता के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जो समस्या उत्पन्न हो रही है. उसके लिए जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी रजनी सिंह के द्वारा कहा गया कि कलेक्टर महोदय से चर्चा कर प्रयास करेंगे, ताकि पीएम आवास निर्माण करने वाले ग्रामीणों को रियायत दर पर रेत उपलब्ध कराया जा सके व प्रधानमंत्री आवास निर्माण पूर्ण कराया जा सके. हालांकि चर्चा के दौरान जिला पंचायत मुख्यकार्यपालन अधिकारी रजनी सिंह ने कहा कि पूरे जिले मे रेत के संदर्भ में ऐसी कोई समस्या सामने अब तक नहीं आई है.