बालाघाट। चिल्कोना गांव से पिछले चार दिन से नक्सलियों के चंगुल में फंसे नेगलाल मसराम के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है. जानकारी के मुताबिक नेगलाल पुलिस का मुखबिर नहीं, बल्कि नक्सली संगम सदस्य बताया जा रहा है.
पुलिस मुखबिर नहीं, नक्सली संगम सदस्य है
दरअसल, लांजी थाना इलाके के चिल्कोना गांव में 17 नवंबर को ग्रामीणों ने नेगलाल के अपरहण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. ग्रामीणों ने बताया था कि नक्सलियों ने आकर उसका अपहरण किया है. वहीं अब तक नेगलाल को पुलिस का मुखबिर को समझा जा रहा था, लेकिन जिला पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने बताया कि वो हमारा मुखबिर नहीं, बल्कि नक्सलियों का संगम सदस्य था.
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नक्सलियों को मुहैया करता था रसद और कई सामान
पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने बताया कि नेगलाल नक्सलियों का संगम सदस्य था. नक्सली अपने कृत्य छुपाने के लिए पुलिस मुखबिरी के नाम का सहारा ले रहे थे. वो नक्सलियों से लगातार संपर्क में था और नक्सलियों को रसद सहित अन्य सामग्री मुहैया कराता था.
अलग-अलग पुलिस पार्टी सर्चिंग के लिए हुई रवाना
गौरतलब है कि चार दिन बीतने के बाद भी अपहृत नेगलाल मसराम का अभी तक पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा है. हालांकि पुलिस ने नक्सल प्रभावित थाना चौकियों को अलर्ट पर रखते हुए उसकी खोजबीन के लिए अलग-अलग पुलिस पार्टी को सर्चिंग के लिए रवाना कर दिया है.