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नक्सलियों के चंगुल में फंसा अपहृत पुलिस मुखबिर नहीं, नक्सली संगम सदस्य है - man kidnapped by naxalites is not police informer

बालाघाट में नक्सलियों की चंगुल में फंसा युवक पुलिस का मुखबिर नहीं है, बल्की वो नक्सली संगम का सदस्य निकला.

नक्सलियों के चंगुल में फंसा अपहृत पुलिस मुखबिर नहीं
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Published : Nov 21, 2019, 9:49 PM IST

बालाघाट। चिल्कोना गांव से पिछले चार दिन से नक्सलियों के चंगुल में फंसे नेगलाल मसराम के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है. जानकारी के मुताबिक नेगलाल पुलिस का मुखबिर नहीं, बल्कि नक्सली संगम सदस्य बताया जा रहा है.

नक्सलियों के चंगुल में फंसा अपहृत पुलिस मुखबिर नहीं


पुलिस मुखबिर नहीं, नक्सली संगम सदस्य है

दरअसल, लांजी थाना इलाके के चिल्कोना गांव में 17 नवंबर को ग्रामीणों ने नेगलाल के अपरहण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. ग्रामीणों ने बताया था कि नक्सलियों ने आकर उसका अपहरण किया है. वहीं अब तक नेगलाल को पुलिस का मुखबिर को समझा जा रहा था, लेकिन जिला पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने बताया कि वो हमारा मुखबिर नहीं, बल्कि नक्सलियों का संगम सदस्य था.

ये भी पढ़े : नक्सलियों के चंगुल में नेगलाल , 48 घंटे बाद भी नहीं लगा कोई सुराग


नक्सलियों को मुहैया करता था रसद और कई सामान

पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने बताया कि नेगलाल नक्सलियों का संगम सदस्य था. नक्सली अपने कृत्य छुपाने के लिए पुलिस मुखबिरी के नाम का सहारा ले रहे थे. वो नक्सलियों से लगातार संपर्क में था और नक्सलियों को रसद सहित अन्य सामग्री मुहैया कराता था.


अलग-अलग पुलिस पार्टी सर्चिंग के लिए हुई रवाना

गौरतलब है कि चार दिन बीतने के बाद भी अपहृत नेगलाल मसराम का अभी तक पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा है. हालांकि पुलिस ने नक्सल प्रभावित थाना चौकियों को अलर्ट पर रखते हुए उसकी खोजबीन के लिए अलग-अलग पुलिस पार्टी को सर्चिंग के लिए रवाना कर दिया है.

बालाघाट। चिल्कोना गांव से पिछले चार दिन से नक्सलियों के चंगुल में फंसे नेगलाल मसराम के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है. जानकारी के मुताबिक नेगलाल पुलिस का मुखबिर नहीं, बल्कि नक्सली संगम सदस्य बताया जा रहा है.

नक्सलियों के चंगुल में फंसा अपहृत पुलिस मुखबिर नहीं


पुलिस मुखबिर नहीं, नक्सली संगम सदस्य है

दरअसल, लांजी थाना इलाके के चिल्कोना गांव में 17 नवंबर को ग्रामीणों ने नेगलाल के अपरहण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. ग्रामीणों ने बताया था कि नक्सलियों ने आकर उसका अपहरण किया है. वहीं अब तक नेगलाल को पुलिस का मुखबिर को समझा जा रहा था, लेकिन जिला पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने बताया कि वो हमारा मुखबिर नहीं, बल्कि नक्सलियों का संगम सदस्य था.

ये भी पढ़े : नक्सलियों के चंगुल में नेगलाल , 48 घंटे बाद भी नहीं लगा कोई सुराग


नक्सलियों को मुहैया करता था रसद और कई सामान

पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने बताया कि नेगलाल नक्सलियों का संगम सदस्य था. नक्सली अपने कृत्य छुपाने के लिए पुलिस मुखबिरी के नाम का सहारा ले रहे थे. वो नक्सलियों से लगातार संपर्क में था और नक्सलियों को रसद सहित अन्य सामग्री मुहैया कराता था.


अलग-अलग पुलिस पार्टी सर्चिंग के लिए हुई रवाना

गौरतलब है कि चार दिन बीतने के बाद भी अपहृत नेगलाल मसराम का अभी तक पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा है. हालांकि पुलिस ने नक्सल प्रभावित थाना चौकियों को अलर्ट पर रखते हुए उसकी खोजबीन के लिए अलग-अलग पुलिस पार्टी को सर्चिंग के लिए रवाना कर दिया है.

Intro:बालाघाट ।बालाघाट में पुलिस मुखबिरी के शक पर 17 नवंबर को ग्रामीणों ने नेगलाल मसराम का अपहरण नक्सलियों ने उसके गांव चिलकोना से कर लिया था, जिसका पता 4 दिन बाद भी पुलिस नहीं लगा पाई है। वही अब यह बात चौकाने वाली आ रही है कि वह पुलिस का मुखबिर नहीं .... बल्कि नक्सलियों का संगम सदस्य था। वह नक्सलियों के लगातार संपर्क में रहते हुये उसके द्वारा नक्सलियों को रसद सहित अन्य सामग्री मुहैया कराता था। जी हां बालाघाट जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि वह नक्सलियों का संगम सदस्य था ना कि पुलिस का मुखबिर ।नक्सली अपने कृत्य को छुपाने के लिए पुलिस मुखबिरी के नाम का सहारा ले रहे हैं। गौरतलब है कि 4 दिन बीतने के बाद भी अपहृत नेगलाल मसराम का अभी तक पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा है। हालांकि पुलिस ने नक्सल प्रभावित थाना चौकियों को अलर्ट पर रखते हुए उसके खोजबीन हेतु अलग-अलग पुलिस पार्टी को सर्चिंग के लिए रवाना कर दिया है।


Body:लांजी थाना क्षेत्र के देवर बेली पुलिस चौकी अंतर्गत आने वाला ग्राम चिल्कोना से नक्सलियों ने ग्रामीण नेग लाल मसराम का अपहरण इसलिए कर लिया था कि उन्हें शक था कि वह पुलिस के लिए नक्सलियों खिलाफ मुखबिरी का कार्य करता था। गौरतलब है कि 17 नवंबर को रात 8:00 से 9:00 के बीच तीन हथियारबंद महिला पुरुष नक्सली नेग लाल मसराम के घर पर आये और उसकी पत्नी के साथ मारपीट करके ग्रामीण के हाथ बांधकर उठाकर ले गए... जिसके बाद से आज तक पुलिस उसका सुराग नहीं लगा पाई है ।नेग लाल की पत्नी शांति बाई ने बताया कि देर रात जंगल से नक्सली रात को 8:00 बजे आए और उसके पति को बुलाकर बोला कि तुम पुलिस के लिए मुखबिरी करते हो... यह कहते हुए उसको उठाकर घर से लेकर जंगल चले गए। यह बात भी सामने आई है कि कुछ दिन पूर्व ही गांव में नक्सलियों ने पर्चे भी फेंके थे।


Conclusion:वही ईटीवी भारत से चर्चा करते हुए पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने बताया कि उसकी पत्नी द्वारा लांजी थाना में अपने पति का नक्सलियों द्वारा अपहरण करने की शिकायत दर्ज कराई है। जिसके बाद से पूरे क्षेत्र में पुलिस पार्टी द्वारा सर्चिंग किया जा रहा है लेकिन अभी तक अपहृत नेग लाल का कोई सुराग नहीं मिला है लेकिन जल्दी जल्द ही नेग लाल को ढूंढ लिया जाएगा ।वहीं अभिषेक तिवारी ने बताया कि नेगलाल पुलिस का मुखबिर नहीं था बल्कि उसका संबंध नक्सलियों से था ।वह नक्सली संगम सदस्य था। लेकिन बालाघाट का नागरिक होने के नाते उसका पता लगाना पुलिस की पहली प्राथमिकता है। वहीं यह भी कहा कि अभी तक किसी प्रकार की नक्सल पर्चे पुलिस को नहीं मिला है लेकिन इस घटना के बाद से नक्सल प्रभावित थाना चौकियों को हाई अलर्ट पर रखा हुआ है साथ ही अपहृत नेग लाल के तलाश में पुलिस पार्टी को सर्चिंग के लिए रवाना कर दिया गया है जल्द ही नेग लाल का पता पुलिस लगा लेगी।
बाइट अभिषेक तिवारी पुलिस अधीक्षक बालाघाट
श्रीनिवास चौधरी ईटीवी भारत बालाघाट
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