बालाघाट। परसवाड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुद वेंटिलेटर पर है. यहां स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है. 30 बिस्तरों वाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुविधाओं और डॉक्टरों की कमी के चलते अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है. इलाज के नाम पर यहां सिर्फ मरहम-पट्टी कर मरीज को जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है.
महिला डॉक्टर की पदस्थापना नहीं होने से महिला मरीज यहां इलाज करवाने से कतराती हैं. स्टाफ की कमी के चलते दूरदराज से आने वाले मरीजों को इलाज के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है. जब डॉक्टर नहीं मिलते, तो बिना इलाज कराए ही उन्हें वापस घर लौटना पड़ता है. हालत ये है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक भी स्थायी डॉक्टर नहीं है.
मरीजों का आरोप है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने पर उन्हें इलाज के नाम पर सिर्फ पर्ची थमा दी जाती है. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की समस्याओं को लेकर स्टाफ ने कई बार आला अधिकारियों को रू-ब-रू कराया. इसके बावजूद हालात नहीं बदले. नर्स पार्वती राठौर के मुताबिक यहां डॉक्टरों की कमी है, कोई स्थायी डॉक्टर नहीं है. डॉक्टर समय पर भी नहीं आते, इसलिए नर्स ही सभी तरह के मरीजों का काम करती हैं.
इस मामले में क्षेत्रीय विधायक रामकिशोर कावरे का कहना है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत बेहद खराब है. उन्होंने कहा कि वे इस संबंध में कलेक्टर से बात करेंगे और इसके बाद भी हालात नहीं सुधरे, तो आने वाले समय में आंदोलन किया जाएगा.