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धड़ल्ले से चल रहा अवैध खनन, ब्लास्टिंग से ग्रामीण परेशान - रायल्टी

बालाघाट में अवैध रूप से गिट्टी खदान से अवैध खनन कर परिवहन किया जा रहा है. खदान से मिट्टी निकालकर ट्रैक्टर से परिवहन कर बेचने के दौरान जो रॉयल्टी विभाग से लगती है वो भी मिट्टी का अवैध कारोबार करने वाले नहीं ले रहे है.

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अवैध रूप में गिट्टी खदान से मिट्टी का परिवहन
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Published : Dec 2, 2019, 2:36 PM IST

बालाघाट। खनिज संपदा से परिपूर्ण बालाघाट में खनिजों का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. खनिज के अवैध उत्खनन और परिवहन के साथ बिना रॉयल्टी के बेचने पर रोक लगाने वाले जिम्मेदार आखिर कार्रवाई करने से गुरेज क्यों कर रहे हैं. खनिजों का अवैध कारोबार बिना रोक-टोक चल रहा है.

धड़ल्ले से चल रहा अवैध खनन


बालाघाट के कायदी में संचालित गिट्टी खदानों से सफाई करने की आड़ में जेसीबी, पोकलेन मशीन की मदद से मिट्टी निकालकर बड़े-बड़े गड्ढे किए जा रहे हैं और निकाली गई मिट्टी को बेचा भी जा रहा है. यहां गिट्टी निकालने के दौरान होने वाली ब्लास्टिंग से ग्रामीण हमेशा ही परेशान रहते हैं. वहीं वर्तमान समय में खनिज विभाग ने मिट्टी खोदकर बेचने की अनुमति लिए बिना ही मिट्टी खोदकर बड़े-बड़े गड्ढे किए जा रहे है और 250 रुपए से अधिक के रेट पर एक ट्रैक्टर-ट्रॉली मिट्टी बेची जा रही है.


जानकारी के अनुसार खदान से मिट्टी निकालकर ट्रैक्टर से परिवहन कर बेचने के दौरान जो रॉयल्टी विभाग से लगती है वो भी मिट्टी का अवैध कारोबार करने वाले नहीं ले रहे हैं. जिसका कारण ये है कि इस तरह का काम करने की अनुमति ही नहीं है. बावजूद इसके मिट्टी का अवैध उत्खनन का काम धड़ल्ले से किया जा रहा है.

बालाघाट। खनिज संपदा से परिपूर्ण बालाघाट में खनिजों का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. खनिज के अवैध उत्खनन और परिवहन के साथ बिना रॉयल्टी के बेचने पर रोक लगाने वाले जिम्मेदार आखिर कार्रवाई करने से गुरेज क्यों कर रहे हैं. खनिजों का अवैध कारोबार बिना रोक-टोक चल रहा है.

धड़ल्ले से चल रहा अवैध खनन


बालाघाट के कायदी में संचालित गिट्टी खदानों से सफाई करने की आड़ में जेसीबी, पोकलेन मशीन की मदद से मिट्टी निकालकर बड़े-बड़े गड्ढे किए जा रहे हैं और निकाली गई मिट्टी को बेचा भी जा रहा है. यहां गिट्टी निकालने के दौरान होने वाली ब्लास्टिंग से ग्रामीण हमेशा ही परेशान रहते हैं. वहीं वर्तमान समय में खनिज विभाग ने मिट्टी खोदकर बेचने की अनुमति लिए बिना ही मिट्टी खोदकर बड़े-बड़े गड्ढे किए जा रहे है और 250 रुपए से अधिक के रेट पर एक ट्रैक्टर-ट्रॉली मिट्टी बेची जा रही है.


जानकारी के अनुसार खदान से मिट्टी निकालकर ट्रैक्टर से परिवहन कर बेचने के दौरान जो रॉयल्टी विभाग से लगती है वो भी मिट्टी का अवैध कारोबार करने वाले नहीं ले रहे हैं. जिसका कारण ये है कि इस तरह का काम करने की अनुमति ही नहीं है. बावजूद इसके मिट्टी का अवैध उत्खनन का काम धड़ल्ले से किया जा रहा है.

Intro:बालाघाट।
खनिज संपदा से परिपूर्ण बालाघाट में खनिजों का अवैध कारोबार धड़ल्ले से
चल रहा है। खनिज के अवैध उत्खनन और परिवहन के साथ बिना रायल्टी के बेचने पर रोक लगाने के लिए जिम्मेदार अमला जानबूझकर या फिर दबाव में कार्रवाई करने से गुरेज बरतता है। जिसके कारण खनिजों का अवैध कारोबार बिना रोक-टोकके चल रहा है।

Body:ऐसा ही एक मामला इन दिनों बालाघाट के कायदी में संचालित गिट्टी खदानों

में देखा जा सकता है, जहां गिट्टी निकालने के लिए सफाई करने की आड़ में

जेसीबी, पोकलेन मशीन की मदद से मिट्टी निकालकर बड़े-बड़े गड्ढे किए जा

रहे है और निकाली गई मिट्टी को ट्रैक्टर के माध्यम से बेचा भी जा रहा है।

व्यवसाय के लिए खोदने की अनुमति न परिवहन की रायल्टी

कायदी में संचालित गिट्टी खदानों को स्थानीय निवासियों ने कई मर्तबा

विरोध भी किया है। यहां गिट्टी निकालने के दौरान होने वाली ब्लास्टिंग से

ग्रामीण हमेशा ही परेशान रहते हैं। वहीं वर्तमान समय में खनिज विभाग ने

मिट्टी खोदकर बेचने की अनुमति लिए बिना ही मिट्टी खोदकर बड़े-बड़े गड्ढे

किए जा रहे है और 250 रुपए से अधिक के रेट पर एक ट्रैक्टर ट्राली मिट्टी

बेची भी जा रही है। वहीं जानकारी के अनुसार खदान से मिट्टी निकालकर

ट्रैक्टर से परिवहन कर बेचने के दौरान जो रायल्टी विभाग से लगती है वह भी

मिट्टी का अवैध कारोबार करने वाले नहीं ले रहे है। जिसका कारण ये है कि

इस तरह का कार्य करने की अनुमति ही नहीं है बावजूद इसके मिट्टी का अवैध

उत्खनन का कार्य धड़ल्ले से किया जा रहा हैं।

प्लाटिंग समेत अन्य कार्यो में बेची जा रही मिट्टी

कायदी में संचालित अनिल बक्शी की स्वीकृत गिट्टी  खदान समेत अन्य खदानों

से  मिट्टी निकालकर डोगरिया में स्थित आरटीओ कार्यालय के सामने की जमीन

पर डाला जा रहा है जानकारी के अनुसार यहां की जमीन पर प्लाटिंग का कार्य

किया जा रहा है और इस कार्य के लिए बड़ी मात्रा में मिट्टी खदान से

निकालकर डाली जा रही है। इतना ही नहीं अन्य खदानों से भी मिट्टी निकालकर

शहरीक्षेत्र के साथ ही अन्य क्षेत्र जहां निर्माण कार्यो में मिट्टी का

उपयोग किया जा रहा हैं।

धूल से बचाव मुश्किल

बरबसपुर गांव से लेकर आरटीओ कार्यालय डोगरिया तक करीब 2 किलोमीटर का सफर

तय करना होता है। इस मार्ग पर संचालित खदान से मिट्टी निकाले जाने के

दौरान न तो किसी प्रकार के सुरक्षा के इंतजाम अपनाए जा रहे है और न ही

सड़क पर गिरने वाली मिट्टी को हटाने के इंतजाम किए जा रहे है। जिसका

नतीजा ये हो रहा है कि मिट्टी निकालने के कार्य में लगे मजदूर को तो धूल

से श्वास समेत अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। वहीं आसपास रहने वाले

ग्रामीण भी धूल से परेशान हो रहे हैं। जिन खदानों से मिट्टी निकालने का

कार्य किया जा रहा है वहां का तो आलम यह है कि मजदूर और ट्रैक्टर चालक को

भी धूल के बीच एक दूसरे तक के चेहरे को देख नहीं पाते है। वहीं खदान से

लेकर सड़क तक आई मिट्टी भी राहगीरों के लिए सड़क दुर्घटनाओ का कारण बन

रही हैं।

Conclusion:ग्रामीणों के अनुसार पत्थर खदानों में पत्थरों की खुदाई के दौरान ही पूरे

कायदी भर में जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे कर दिए गए है। इन गड्ढों में भरा

पानी वैसे भी दुर्घटनाओ को आमद दे रहा है। वहीं खदान की बंद होने की

स्थिति में मिट्टी से ही गड्ढों को भरा जाना है, लेकिन रुपयों की लालच के

चलते पत्थर खदानों से मिट्टी भी खोदकर बेची जा रही है। ऐसे में मिट्टी

खत्म हो जाने की स्थिति में गड्ढों को भरने के लिए मिट्टी ही नहीं रहेगी

और बिना भरे गड्ढों जान लेवा साबित होंगे। इसलिए ग्रामीणों ने भी प्रशासन

से मांग की है कि जल्द ही मिट्टी खुदाई के कार्य को रोक लगाकर गड्ढों को

भरने का प्रयास किया जाना चाहिए।वही जब खदान के मैनेजर राजू से चर्चा किया गया तो कुछ भी बोलने से इनकार करते हुए नजर आया।

वही जब खनिज अधिकारी सोहन सलामे से चर्चा करने की कोशिश किया तो जिले से बाहर होने का हवाला दिया ...फोन पर चर्चा के दौरान कहा कि
कायदी में संचालित गिट्टी खदानों से व्यवसायिक उपयोग के लिए मिट्टी खुदाई

का कार्य बिना रायल्टी के नहीं किया जा सकता हैं। मिट्टी को खोदकर खदान

को समतल करने का कार्य किया जा सकता हैं। बिना रायल्टी के मिट्टी खोदकर

बेचने का कार्य किया जा रहा है तो निश्चित ही मौके पर पकड़कर जब्त करने

की कार्रवाई की जाएगी।

बाइट- राजू खदान मैनेजर
श्रीनिवास चौधरी ईटीवी भारत बालाघाट

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