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बालाघाट: बिना रोक-टोक ईंट भट्टों में हो रहा अवैध मिट्टी, लकड़ी और रेत का उपयोग - प्रभारी तहसीलदार शोभना ठाकुर

बालाघाट में बिना रोक-टोक ईंट भट्टों में अवैध रूप से मिट्टी, लकड़ी और रेत का उपयोग किया जा रहा है, जिस पर जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं. यह लोग टैक्स का कुछ पैसा बचाने के लिए अवैध रूप से ईंट भट्टे लगाकर कमाई कर रहे हैं.

Illegal clay, wood, sand are being used
अवैध रूप से मिट्टी, लकड़ी, रेत का उपयोग
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Published : Jun 25, 2020, 7:06 PM IST

बालाघाट। जिले के तिरोड़ी जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाले अर्जुनटोला गांव में लगातार ईंट भट्ठों में अवैध रूप से मिट्टी, लकड़ी और रेत का उपयोग किया जा रहा है, जिसके रोकथाम करने के बजाए जिम्मेदार आंख मूंद कर बैठे हुए है. ऐसे में ना तो इन लोगों को कानून का भय है और ना ही कार्रवाई का. एक तरफ जहां ईंट भट्ठों का संचालन बे-रोकटोक किया जा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर जिम्मेदार महज बयान देकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं.

पठार क्षेत्र की मिट्टी ईंट निर्माण के लिए काफी मुफीद मानी जाती है, इसीलिए क्षेत्र के लोग इसका फायदा उठाते हैं. टैक्स का कुछ रुपए बचाने के चक्कर में अवैध रूप से ईंट भट्टे लगाकर खूब कमाई की जाती है, जहां ईंट बनाने के लिए जंगल से लकड़ी, तो वहीं नदी-नालों से चोरी-छुपे रेत लाई जाती है.

जिम्मेदार अधिकारी की मिलीभगत

ऐसे ही एक ईंट भट्टा संचालक गोलू साकरे ने अवैध रूप से ईंट भट्ठा संचालन की बात को स्वीकारा है. उसने यह भी बताया कि इस अवैध काम में जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत की वजह से यह संभव होता है. इस मामले में तिरोड़ी की प्रभारी तहसीलदार शोभना ठाकुर का कहना है की अगर ऐसी लापरवाही की जा रही है तो ये वाकई चिंता का विषय है, इसकी गंभीरता से जांच की जा रही है.

बालाघाट। जिले के तिरोड़ी जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाले अर्जुनटोला गांव में लगातार ईंट भट्ठों में अवैध रूप से मिट्टी, लकड़ी और रेत का उपयोग किया जा रहा है, जिसके रोकथाम करने के बजाए जिम्मेदार आंख मूंद कर बैठे हुए है. ऐसे में ना तो इन लोगों को कानून का भय है और ना ही कार्रवाई का. एक तरफ जहां ईंट भट्ठों का संचालन बे-रोकटोक किया जा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर जिम्मेदार महज बयान देकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं.

पठार क्षेत्र की मिट्टी ईंट निर्माण के लिए काफी मुफीद मानी जाती है, इसीलिए क्षेत्र के लोग इसका फायदा उठाते हैं. टैक्स का कुछ रुपए बचाने के चक्कर में अवैध रूप से ईंट भट्टे लगाकर खूब कमाई की जाती है, जहां ईंट बनाने के लिए जंगल से लकड़ी, तो वहीं नदी-नालों से चोरी-छुपे रेत लाई जाती है.

जिम्मेदार अधिकारी की मिलीभगत

ऐसे ही एक ईंट भट्टा संचालक गोलू साकरे ने अवैध रूप से ईंट भट्ठा संचालन की बात को स्वीकारा है. उसने यह भी बताया कि इस अवैध काम में जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत की वजह से यह संभव होता है. इस मामले में तिरोड़ी की प्रभारी तहसीलदार शोभना ठाकुर का कहना है की अगर ऐसी लापरवाही की जा रही है तो ये वाकई चिंता का विषय है, इसकी गंभीरता से जांच की जा रही है.

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