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बाढ़ की विनाशलीला में बह गये 30 मकान, सरकारी मदद की राह देख रहे पीड़ित

बालाघाट में बैनगंगा नदी के किनारे बसे आधा दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में हैं, जहां 30 मकान पूरी तरह मिट्टी में मिल गये, जबकि 40 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गये हैं.

बैनगंगा नदी के किनारे बसे आधा दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में
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Published : Sep 12, 2019, 2:15 PM IST


बालाघाट। शहर में दो दिन पहले भीमगढ़ बांध से पानी छोड़े जाने के बाद बैनगंगा नदी में भीषण बाढ़ आ गई थी. जिसके चलते बैनगंगा नदी के किनारे बसे आधा दर्जन गांव पानी-पानी हो गये हैं, कुम्हारी ग्राम पंचायत में बाढ़ ने भीषण तबाही मचा रखी है. जहां 30 मकान पूरी तरह मिट्टी में मिल गये, जबकि 40 आंशिक रुप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. जिसके बाद से पीड़ित सिर पर तिरपाल तक के लिए मोहताज हैं और छांव की आस में दर-ब-दर भटक रहे हैं.

बैनगंगा नदी के किनारे बसे आधा दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में


ईटीवी भारत को ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ का पानी अचानक इतनी तेजी गांव में आया कि वे अपने घरों से कुछ भी निकाल नहीं पाये, जिसमें उनके दस्तावेज और कीमती समान सहित पूरी गृहस्थी बर्बाद हो गयी हैं. साथ ही उनके खेतों में लगी फसलें भी पूरी तरह से तबाह हो गयी हैं. अभी दूसरे स्थान पर अस्थायी तौर पर उनके रहने के लिए इंतजाम किये गये हैं और प्रशासनिक टीम ने उनको मदद का भरोसा भी दिया है, पर उन्हें अब तक कुछ भी मदद नहीं मिली है.


सरपंच पति ने बताया कि छोटी कुम्हारी व बड़ी कुम्हारी में 30 मकान बाढ़ के चलते गिर गये हैं. इससे अधिक आंशिक रूप से प्रभावित हुये हैं. पीड़ितों को सामुदायिक भवन व स्कूलों में रहने का इंतजाम किया गया है, जहां उनके खानपान की व्यवस्था भी की गई है. प्रशासनिक स्तर से चावल व कपड़ा प्रदाय किया जायेगा.


बालाघाट। शहर में दो दिन पहले भीमगढ़ बांध से पानी छोड़े जाने के बाद बैनगंगा नदी में भीषण बाढ़ आ गई थी. जिसके चलते बैनगंगा नदी के किनारे बसे आधा दर्जन गांव पानी-पानी हो गये हैं, कुम्हारी ग्राम पंचायत में बाढ़ ने भीषण तबाही मचा रखी है. जहां 30 मकान पूरी तरह मिट्टी में मिल गये, जबकि 40 आंशिक रुप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. जिसके बाद से पीड़ित सिर पर तिरपाल तक के लिए मोहताज हैं और छांव की आस में दर-ब-दर भटक रहे हैं.

बैनगंगा नदी के किनारे बसे आधा दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में


ईटीवी भारत को ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ का पानी अचानक इतनी तेजी गांव में आया कि वे अपने घरों से कुछ भी निकाल नहीं पाये, जिसमें उनके दस्तावेज और कीमती समान सहित पूरी गृहस्थी बर्बाद हो गयी हैं. साथ ही उनके खेतों में लगी फसलें भी पूरी तरह से तबाह हो गयी हैं. अभी दूसरे स्थान पर अस्थायी तौर पर उनके रहने के लिए इंतजाम किये गये हैं और प्रशासनिक टीम ने उनको मदद का भरोसा भी दिया है, पर उन्हें अब तक कुछ भी मदद नहीं मिली है.


सरपंच पति ने बताया कि छोटी कुम्हारी व बड़ी कुम्हारी में 30 मकान बाढ़ के चलते गिर गये हैं. इससे अधिक आंशिक रूप से प्रभावित हुये हैं. पीड़ितों को सामुदायिक भवन व स्कूलों में रहने का इंतजाम किया गया है, जहां उनके खानपान की व्यवस्था भी की गई है. प्रशासनिक स्तर से चावल व कपड़ा प्रदाय किया जायेगा.

Intro:बालाघाट- बालाघाट में पिछले दो दिन पहले भीमगढ़ बांध के पानी छोड़े जाने के बाद बैनगंगा नदी में भीषण बाढ़ आ गई थी। जिसके चलते बैनगंगा नदी के किनारे बसे आधा दर्जन गांवों में पानी-पानी हो गया था। जिसके चलते ग्राम पंचायत कुम्हारी के छोटी कुम्हारी और बड़ी कुम्हारी में बहुत ज्यादा तबाही व नुकसानी का मंजर सामने आया हैं। यहां पर पीड़ितों को इस समय अपने मकान के गिरने के बाद रहने की समस्या बन गयी हैं। जिन्हें अब प्रशासनिक मदद की दरकरार हैं
Body: ग्राम पंचायत कुम्हारी के दोनों प्रभावित ग्रामों का प्रभावितों से उनकी जुबानी जानने का प्रयास किया। जिसमें 30 मकान पूरी तरह से नीचे धराशाही हो गये और 40 मकान आशिंक रूप से नुकसानी हुई हैं। असल में बाढ़ इतनी तीव्र गति से इन मकानों में पहुंची की वहां पर रहने वाले लोग अपने कोई भी सामान नहीं निकाल सके। जिसके चलते उनके गृहस्थी के सामान सहित अन्य सभी बाढ़ व धराशाही हुये मकान मे दब गये हैं। कई प्रभावितों के दस्तावेज भी खराब हो गये।
बाढ़ प्रभावितों के साथ में किसानों का खेत भी पूरी तरह से तबाह हो गया हैं। सैकड़ो एकड़ जमीन इस समय आशिंक हरी दिखाई दे रही अन्यथा पूरी तरह से तबाही की कहानी बयां कर रही हैं। बाढ़ के इस मंजर से प्रभावित परिवार दूसरे स्थान पर अस्थायी तौर पर ठहराये गये हैं। जिनके चांवल, दाल से लेकर तमाम वस्तुऐं, कपड़ा सभी भिंग गये हैं।
बाढ़ से मकान धराशाही होने से पीड़ित सुनीता बाई रोकड़े बताती हैं कि उसके परिवार में पति व एक छोटा बेटा हैं। बाढ़ से पूरा मकान गिर गया और कूलर पंखा, टीव्ही सभी उसमें दब गये। चांवल भी उसमें दब गये।
इसी तरह से बिरन बाई बताती हैं कि मकान गिरने के कारण वह अब अपने दूसरे बेटे के घर जाकर रह रही हैं। प्रशासनिक स्तर पर अभी उन्हें मदद भी नहीं मिली हैं।
Conclusion:ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ ऐसे अचानक पहुंची की सबकुछ उनके मकान में ही दब गया। परिवार के सामने रहने का संकट हैं। खानपान की सामान भी भिंग गयी हैं। प्रशासनिक टीम ने मदद का भरोसा दिया हैं पर उन्हें कुछ नहीं मिल पाया हैं।
वही सरपंच पति ने बताया कि छोटी कुम्हारी व बड़ी कुम्हारी में 30 मकान बाढ़ के कारण गिर गये हैं। इससे अधिक आंशिक रूप से प्रभावित हुये हैं। पीड़ितों को सामुदायिक भवन व स्कूल में ठहराकर उनके खानपान की व्यवस्था की गई हैं। प्रशासन स्तर से चांवल व कपड़ा प्रदाय किया जायेगा।
बाईट- बिरनबाई पीड़िता
बाईट- सुनीता बाई पीड़िता
बाईट- संतलाल उपवंशी सरपंच पति
श्रीनिवास चौधरी ईटीवी भारत बालाघाट
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