बालाघाट। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए किए गए लॉकडाउन की वजह से सब कुछ थम गया है. लॉकडाउन के कारण बंद हुए व्यापार-व्यवसाय के चलते हुए मजदूरों का हाल किसी से छिपा नहीं है. एक ओर जहां दाने-दाने के लिए मजदूर तरस रहे हैं, वहीं ऐसे हालातों में अपनी बदहाली देख मजदूर अंदर ही अंदर परेशान हो रहे हैं. इसी कड़ी में आर्थिक तंगी से परेशान होकर एक पिता कब अपने आठ साल के बेटे का हत्यारा बन गया ये उसे एहसास भी नहीं हुआ. हालांकि, पुलिस ने हत्यारे पिता को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया है.
घटना शहर के सरस्वती नगर निवासी सुनील जायसवाल के घर घटित हुई. बता दें, लॉकडाउन के कारण काफी समय से काम नहीं करने के कारण सुनील आर्थिक तंगी से गुजर रहा था, इस दौरान वह अपने परिवार का पालन पोषण करने में मुश्किलों का सामना कर रहा था और परेशान होकर उसने ये कदम उठाया.
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जानकारी के मुताबिक सुनील जायसवाल की पुत्री का शनिवार को जन्मदिन था. इस दौरान वह बेटी से केक लेने का कहकर अपने आठ साल के मासूम पुत्र के साथ घर से निकला लेकिन वह केक की दुकान जाने के बजाए वेनगंगा नदी नहाने पहुंच गया और अपने पुत्र को नदी में डुबाकर उसकी हत्या कर दी.
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पिता की करतूत सिर्फ यहीं तक नहीं थमी उसने अपने पुत्र को मारने के बाद बेल्ट से फंदा बनाकर उसको नदी के ही स्टापडेम में बांध दिया, जिससे उसका शव बाहर न निकले.
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इस घटना को अंजाम देने के बाद सुनील ने पूरा घटनाक्रम अपने छोटे भाई सुजीत को बताया. सुजीत ने जब यह सब जाना तो उसने कोतवाली थाने में शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने मौके पर जाकर मासूम के शव को नदी से निकालकर पोस्मार्टम कराया. वहीं हत्यारे पिता को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया.