ETV Bharat / state

आक्रोशित किसानों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ शुरू की भूख हड़ताल - परसवाड़ा तहसील

बालाघाट के परसवाड़ा तहसील के किसानों ने पिछले साल धान की खरीदी का सरकार द्वारा शेष भुगतान नहीं मिलने पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का ऐलान कर दिया है.

Angry farmers started hunger strike against state government
आक्रोशित किसानों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ शुरू की भूख हड़ताल
author img

By

Published : Dec 16, 2019, 11:22 PM IST

बालाघाट। जिले में परसवाड़ा तहसील के किसानों ने तहसील कार्यालय के सामने पंडाल लगाकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का ऐलान कर दिया है. जहां भारी संख्या में किसानों ने एकत्रित होकर प्रदेश सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल शुरू कर दी है.


लंबित भुगतान नहीं मिलने तक जारी रहेगी हड़ताल
जिले के परसवाड़ा में पिछले साल में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान का शेष भुगतान सरकार द्वारा नहीं दिये जाने पर आवेदन, निवेदन, धरना प्रदर्शन के साथ ही बैलगाड़ियों से रैली निकालकर शासन प्रशासन को चेताया गया था. लेकिन प्रदेश सरकार ने अभी तक किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया है. जिसके चलते किसानों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का ऐलान कर दिया है.

आक्रोशित किसानों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ शुरू की भूख हड़ताल


हजारों किसानों का बाकि है भुगतान
जिले के अलग-अलग खरीदी केन्द्रों के अंतर्गत समर्थन मूल्य पर खरीदे गए हजारों किसानों की धान का भुगतान एक साल बीतने के बाद भी लंबित पड़ा है. जबकि शासन के निर्देशानुसार समर्थन मूल्य पर 1750 रूपये प्रति क्विंटल से खरीदी की गई और 1400 रूपये से भुगतान राशि किसानों के खाते में राशि डाली गई. वहीं 350 रूपये शेष राशि एक साल बीतने के बाद भी नहीं दिया गया है. जिसकों लेकर आक्रोशित किसानों ने अब भूख हड़ताल शुरू कर दी है.

बालाघाट। जिले में परसवाड़ा तहसील के किसानों ने तहसील कार्यालय के सामने पंडाल लगाकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का ऐलान कर दिया है. जहां भारी संख्या में किसानों ने एकत्रित होकर प्रदेश सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल शुरू कर दी है.


लंबित भुगतान नहीं मिलने तक जारी रहेगी हड़ताल
जिले के परसवाड़ा में पिछले साल में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान का शेष भुगतान सरकार द्वारा नहीं दिये जाने पर आवेदन, निवेदन, धरना प्रदर्शन के साथ ही बैलगाड़ियों से रैली निकालकर शासन प्रशासन को चेताया गया था. लेकिन प्रदेश सरकार ने अभी तक किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया है. जिसके चलते किसानों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का ऐलान कर दिया है.

आक्रोशित किसानों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ शुरू की भूख हड़ताल


हजारों किसानों का बाकि है भुगतान
जिले के अलग-अलग खरीदी केन्द्रों के अंतर्गत समर्थन मूल्य पर खरीदे गए हजारों किसानों की धान का भुगतान एक साल बीतने के बाद भी लंबित पड़ा है. जबकि शासन के निर्देशानुसार समर्थन मूल्य पर 1750 रूपये प्रति क्विंटल से खरीदी की गई और 1400 रूपये से भुगतान राशि किसानों के खाते में राशि डाली गई. वहीं 350 रूपये शेष राशि एक साल बीतने के बाद भी नहीं दिया गया है. जिसकों लेकर आक्रोशित किसानों ने अब भूख हड़ताल शुरू कर दी है.

Intro:अपनी मेहनत की उपज के वाजिब दाम के लिए भटक रहे किसान , आक्रोशित किसानों ने शुरू की भूख हड़ताल,
विगत वर्ष समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान का लंबित है भुगतान, कमलनाथ सरकार को चेताने कर रहे भूख हड़ताल,Body:परसवाड़ा (बालाघाट):- जिस देश में किसान को अन्नदाता कहा जाता हो, जो स्वयं मेहनत करके पूरे देश के लिए अन्न उगाने का कार्य करता हो, वहीं स्वयं शोषित, पीड़ित और वंचित नजर आए, तथा अपनी मेहनत से उगाई हुई फसल का दाम पाने के लिए दर दर भटकने के बाद अंततः भूख हड़ताल पर बैठने को मजबूर हो जाए, इससे बड़ी देश के लिए क्या विडम्बना हो सकती है ? जहां बुजुर्गों के द्वारा उत्तम खेती मध्यम रोजगार की संज्ञा दी जाती थी, आज उस उत्तम खेती की क्या हालत हो चली है, आखिर इन सब के लिए कौन जिम्मेदार है? आखिर क्या कारण है कि खेतों में हल चलाने वाला किसान सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने को मजबूर है, आखिरकार ऐसी परिस्थिति के लिए जवाबदेही किसकी है कि संपूर्ण देशवासियों का पेट भरने वाला किसान आज खुद भूखा नजर आ रहा है ?
         
तहसील कार्यालय के सामने किसान बैठे भूख हड़ताल पर
पूरा मामला जिले के आदिवासी बाहुल्य तहसील परसवाड़ा का मामला हैं, जहां विगत वर्ष में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान का शेष भुगतान सरकार द्वारा नही दिये जाने पर आवेदन, निवेदन, धरना प्रदर्शन के साथ साथ बैलगाड़ियों से रैली निकालकर शासन प्रशासन को चेताने का कार्य किया गया, किन्तु किसानों का आरोप है कि प्रदेश की गूंगी बहरी सरकार उनकी बातों को अनसूना करने का ढोंग कर रही है, वहीं प्रशासनिक अमला भी सरकार की हां में हां मिलाकर अपना अलग राग अलाप रहा है। ऐसे में मजबूर किसान जाए तो जाए कहां जाए, आखिरकार अब क्षेत्र के किसानों ने तहसील कार्यालय के समक्ष पंडाल लगाकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का ऐलान कर दिया है, जहां पर भारी संख्या में उपस्थित होकर किसान साथी अपनी ऐकता का परिचय दे रहें है।
लंबित भुगतान नही मिलने तक जारी रहेगी हड़ताल
इस दौरान भूख हड़ताल पर बैठे किसानों का कहना रहा कि जब तक जिले भर के किसानों का विगत वर्ष का लंबित भुगतान नही दिया जाता है, तब तक किसानों की भूख हड़ताल जारी रहेगी। वहीं किसानों ने कहा कि हम सरकार से खैरात नही मांग रहें हैं, हम अपनी मेहनत की उपज का वाजिब दाम मांग रहें है, जो सरकार को देना पडे़गा, अब किसानों ने मन बना लिया है कि जब तक शेष राशि का भुगतान नही हो जाता किसान अपनी हड़ताल समाप्त नही करने वाले है।
जिले भर के हजारों किसानों का बाकि है भुगतान
इस दौरान बताया गया कि बालाघाट जिले के अलग अलग खरीदी केन्द्रों के अंतर्गत समर्थन मूल्य पर खरीदे गए हजारों किसानों की धान का भुगतान एक साल बीतने के बाद भी लंबित पड़ा है, जबकि शासन के निर्देशानुसार समर्थन मूल्य पर 1750 रू प्रति कि्ंवटल से खरीदी की गई, और 1400 रू से भुगतान किसानों के खाते में राशि डाली गई, जबकि 350 रू शेष राशि एक साल बीतने के बाद भी नहीं दिया गया है, जिसकों लेकर आक्रोशित किसानों ने अब भूख हड़ताल प्रारंभ कर दी है।
ज्ञात हो कि परसवाड़ा क्षेत्रांतर्गत 540 किसानो का लगभग 40 हजार कि्ंवटल धान की राशि का भुगतान शेष है, वहीं पूरे जिले में 1687 किसानों का लगभग 81 हजार 6 सौ 06 क्विंटल धान की राशि 2 करोड़ 86 लाख रू शेष बकाया है।
         
बाईट:- 1 रामेश्वर कटरे, किसान
2 ओमप्रकाश पटले, किसान
3 अशोक कटरे, किसान
4 केशो राय, पीड़ित किसान
5 बिसनु लाल पटले, पीड़ित किसानConclusion:बहरहाल परिस्थितियां जो भी हो किन्तु किसानों के साथ हो रहे अन्याय और जुल्म के लिए सीधे तौर पर शासन प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े होना लाजमी है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.