बालाघाट। अन्नदाता पर कभी मौसम की मार, तो कभी सरकार की नीतियों की मार, लेकिन इस बार ओलावृष्टि ने किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें उकेर दी हैं, होली के दिन हुई ओलावृष्टि किसानों के लिए आफत बन कर आई है, जिसमें किसानों की मेहनत के उगाई गई सारी फसल बर्बाद कर दी.
जब देश होली के जश्न में डूबा हुआ था, लेकिन 12 गांवों के किसानों के चेहरों से खुशी गायब थी, चिंता ने उनके चेहरे पर अजीब सी उदासी ला दी थी. हो भी क्यों ना अचानक हुई ओलावृष्टि ने गांव बोटटा हजारी, पवारी टोला, बिरसोला, खोंगाटोला, सुरजाटोला, मोहगांव, साल्हे, गोंडीटोला समेत 12 गांव के किसानों की फसल चौपट कर दी है. किसानों की रबी, गेंहू, अलसी, चना की फसल के साथ उम्मीदें भी खत्म हो गई हैं.
जिस फसल की कटाई होनी थी वो जमीदोंज हो गयी, बेमौसम हुई ओलावृष्टि ने हजारों अन्नदाता के सपने को चकनाचूर कर दिया, किसी को बेटे का विवाह का करना था तो किसी को मकान बनाने था और किसी का कर्ज चुकाने का बोझ पूरी तरह से जमीन में दफन कर दिया.
फसल की तबाही के बाद अब किसान मुआवजे की आस लगाये हुये हैं,किसान चाहते हैं कि अब उनके जख्म पर मुआवजे का ही मरहम लग जाये. हालांकि जिला प्रशासन ने सर्वे कराने के निर्देश दिये हैं.आसमान से गिरी आफत ने हजारों किसानों की साल भर की मेहनत की कमाई को कुछ की मिनटों में जमीदोंज कर दिया, अब उन्हें सरकार से मुआवजे के मरहम की उम्मीद है. ईटीवी भारत मध्यप्रदेश