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शहर में पांव पसार रहे झोलाछाप डॉक्टर, जड़ी-बूटी के नाम पर परोस रहे जहर

बालाघाट के वारासिवनी तहसील में झोलाछाप डॉक्टर अपने पैर पसार रहे हैं, जड़ी-बूटी के नाम पर जहर रूपी दवाएं परोस रहे हैं.

जड़ी-बूटी के नाम पर परोस रहे जहर
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Published : Oct 20, 2019, 2:33 PM IST

बालाघाट। जिले में इन दिनों झोलाछाप डॉक्टरों की दुकान फल-फूल रही है. ये झोलाछाप डॉक्टर भोले-भाले ग्रामीणों को जड़ी-बूटी के नाम पर जहररूपी दवाएं परोस रहे हैं. गौर करने वाली बात तो ये है कि हर मर्ज का इलाज के नाम पर जो दवाएं ग्रामिणों को दी जा रही हैं, उसका न कोई नाम है और न ही वो दवा में किससे बनी है ये लिखा हुआ है. यहां तक की आर्युर्वेदिक पद्धति से इलाज करने की न तो डिग्री है और न ही लायसेंस. और तो और जिला प्रशासन जिले की इन दुकानों से बेखबर है.

शहर में बढ़ रहे झोलाछाप डॉक्टर


वारासिवनी तहसील में पंजाब-हरियाणा से वैद्य बनकर आए झोलाछाप डॉक्टर, अलग-अलग जगहों पर किराये से रहकर जड़ी-बूटी के नाम पर नकली दवा बेच रहे हैं. जानकारी के मुताबिक दूर-दूर से लोग जिले में आकर हर बीमारी का इलाज करने का दावा करते हैं. ये झोलाछाप डॉक्टर गठिया रोग, अस्थमा, बवासीर, मोटा-पतला होने की साथ ही गुप्त रोग जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज करने का दावा कर रहै हैं. गौरतलब है कि बी के कौशिक नामक व्यक्ति जो कि अपनेआप को हरियाणा राज्य का बताता है, जिले के अलग-अलग जगहों पर महीने की अलग-अलग तारीखों में ग्रामिण अंचलो में जाकर ग्रामिणों का इलाज करता है. दवा खाने के बाद ग्रामिणों को काफी नुकसान होता है. लेकिन जब तक वे शिकायत करते हैं, तब तक गिरोह अपना ठिकाना बदल लेता है.


अलग-अलग शिशियो में लिक्विड रुपी दवा और पुड़ियों में पाउडर में बनाकर ये दवाएं 200 -200 रुपये में बेची जा रही है. जब ग्रामिण इसे खाते है तो उसका उनके शरीर पर विपरित असर पड़ता है. बिना लायेंसेंस और बिना कोई डिग्री के खुलेआम हर मर्ज का इलाज होने का दावा करते हुए ये झोलाछाप डॉक्टर दवाएं बेचते है.

जब इस मामले में वारासिवनी एसडीएम संदीप सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ये गैर कानूनी रुप से काम कर रहे हैं. जल्द ही एक टीम बनाकर पूरे जिले में अभियान चलाकर उनको पकड़ा जाएगा. साथ ही इन पर मामला दर्ज कर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

बालाघाट। जिले में इन दिनों झोलाछाप डॉक्टरों की दुकान फल-फूल रही है. ये झोलाछाप डॉक्टर भोले-भाले ग्रामीणों को जड़ी-बूटी के नाम पर जहररूपी दवाएं परोस रहे हैं. गौर करने वाली बात तो ये है कि हर मर्ज का इलाज के नाम पर जो दवाएं ग्रामिणों को दी जा रही हैं, उसका न कोई नाम है और न ही वो दवा में किससे बनी है ये लिखा हुआ है. यहां तक की आर्युर्वेदिक पद्धति से इलाज करने की न तो डिग्री है और न ही लायसेंस. और तो और जिला प्रशासन जिले की इन दुकानों से बेखबर है.

शहर में बढ़ रहे झोलाछाप डॉक्टर


वारासिवनी तहसील में पंजाब-हरियाणा से वैद्य बनकर आए झोलाछाप डॉक्टर, अलग-अलग जगहों पर किराये से रहकर जड़ी-बूटी के नाम पर नकली दवा बेच रहे हैं. जानकारी के मुताबिक दूर-दूर से लोग जिले में आकर हर बीमारी का इलाज करने का दावा करते हैं. ये झोलाछाप डॉक्टर गठिया रोग, अस्थमा, बवासीर, मोटा-पतला होने की साथ ही गुप्त रोग जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज करने का दावा कर रहै हैं. गौरतलब है कि बी के कौशिक नामक व्यक्ति जो कि अपनेआप को हरियाणा राज्य का बताता है, जिले के अलग-अलग जगहों पर महीने की अलग-अलग तारीखों में ग्रामिण अंचलो में जाकर ग्रामिणों का इलाज करता है. दवा खाने के बाद ग्रामिणों को काफी नुकसान होता है. लेकिन जब तक वे शिकायत करते हैं, तब तक गिरोह अपना ठिकाना बदल लेता है.


अलग-अलग शिशियो में लिक्विड रुपी दवा और पुड़ियों में पाउडर में बनाकर ये दवाएं 200 -200 रुपये में बेची जा रही है. जब ग्रामिण इसे खाते है तो उसका उनके शरीर पर विपरित असर पड़ता है. बिना लायेंसेंस और बिना कोई डिग्री के खुलेआम हर मर्ज का इलाज होने का दावा करते हुए ये झोलाछाप डॉक्टर दवाएं बेचते है.

जब इस मामले में वारासिवनी एसडीएम संदीप सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ये गैर कानूनी रुप से काम कर रहे हैं. जल्द ही एक टीम बनाकर पूरे जिले में अभियान चलाकर उनको पकड़ा जाएगा. साथ ही इन पर मामला दर्ज कर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

Intro:बालाघाट।आदिवासी बाहुल्य बालाघाट जिले में इन दिनो झोलाछाप डॉक्टरो ने अपनी पैर पसार कर ग्रामिणो के जान के साथ खिलवाङ कर रहै है...जी हाँ मध्यप्रदेश के बाहर के राज्यो से जिले में आकर भोले भाले आदिवासी ग्रामिणो को जङी बूटी के नाम पर जहररुपी दवा दिया जा रहा है...गौर करने वाली बात है कि हर मर्ज का इलाज के नाम पर जो यह दवा ग्रामिणो को दे रहे उसका ना कोई नाम है ना ही उस दवा में क्या क्या सामाग्री बनाकर बना रहै वह लिखा हुआ है....यहां तक देखा जा रहा है कि उनके पास न कोई आर्युर्वेदी पद्धति से इलाज करने की डिग्री है ना ही लायसेंस....जिला प्रशासन के नाक के नीचे रोजाना ग्रामिणो को जहर रुपी दवा दे रहे है लेकिन प्रशासन के नुमांइंदे इन झोलाछाप डॉक्टरो पर कार्यवाही करने से बच रहै है।

Body:जिले के बालाघाट बैहर लांजी वारासिवनी कटंगी तहसील में झोलाछाप डाक्टरो द्वारा भोले भाले आदिवासी ग्रामिणो को इलाज के नाम पर जान के साथ खिलवाङ कर रहै है....पंजाब हरियाणा से बैद्य बनकर बालाघाट जिले के अलग अलग स्थानो पर किराये पर रहकर जङी बूटी के नाम पर दवा रुपी जहर ग्रामिणो को हर मर्ज के दवा के नाम पर दे रहै है...बताया जाता है कि दर्जनो की संख्या मेंं दुसरे प्रदेशो के आकर बालाघाट जिले में हर बीमारी का इलाज करने का दावा कर रहै है जिसमें गठिया,दम्मा,बाबासीर,मोटा पतला होने की साथ ही गुप्त रोग जैसी गंभीर बीमारियो का इलाज करने का दावा कर रहै है।गौरतलब है कि बी के कौशिक नामक व्यक्ति जो कि अपने आप को हरियाणा राज्य का है जो जिले के अलग अलग स्थानो पर किराये पर रुम लेकर महीने के अलग अलग तारीखों में ग्रामिण अंचलो में जाकर ग्रामिणो का इलाज करते है.... दवा खाने के बाद ग्रामिणो को काफी नुकसान हो रहा है लेकिन जब तक यह शिकायत करते तब तक इनका गिरोह अपना ठिकाना बदल लेता है..और दुसरी जगह जाकर भोले भाले ग्रामिणो को दवा के नाम पर दवा रुपी जहर बेचने लगता है।

Conclusion:आपको बात दूं कि जो यह दवा ग्रामिणो को बेचते उस पैकेट यह भी नहींं लिखा रहता है कि यह दवा कैसे बनी है और इसका नाम क्या है...अलग अलग शिशियो में लिक्विड रुपी दवा और पुङियो में बनाकर 200 -200 रुपये मेंं दवा बेच रहै है...जब ग्रामिणो इसको खाते है तो उसका उनके शरीर पर बिपरित असर पङ रहा है।यहाँ तक कि इनके पास आयुर्वेद इलाज करने का ना ही लायेंसेंस है ना ही कोई डिग्री उनके पास है।फिर भी खुलेआम हर मर्ज का इलाज होने का दावा करते हुये बेचते है। जब इस मामले में वारासिवनी के एस डी एम संदीप सिंह से चर्चा किया गया तो उनका कहना है कि यह गैर कानूनी रुप से यह काम कर रहै है... जल्द ही एक टीम बनाकर पुरे जिले में अभियान चलाकर उनको पकङा जायेगा...साथ इन पर मामला दर्ज कर सख्त से सख्त कार्यवाही की जायेगी।
बाईट-संदीप सिंह एस डी एम वारासिवनी
श्रीनिवास चौधरी ईटीवी भारत बालाघाट


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