बालाघाट। जिले में इन दिनों झोलाछाप डॉक्टरों की दुकान फल-फूल रही है. ये झोलाछाप डॉक्टर भोले-भाले ग्रामीणों को जड़ी-बूटी के नाम पर जहररूपी दवाएं परोस रहे हैं. गौर करने वाली बात तो ये है कि हर मर्ज का इलाज के नाम पर जो दवाएं ग्रामिणों को दी जा रही हैं, उसका न कोई नाम है और न ही वो दवा में किससे बनी है ये लिखा हुआ है. यहां तक की आर्युर्वेदिक पद्धति से इलाज करने की न तो डिग्री है और न ही लायसेंस. और तो और जिला प्रशासन जिले की इन दुकानों से बेखबर है.
वारासिवनी तहसील में पंजाब-हरियाणा से वैद्य बनकर आए झोलाछाप डॉक्टर, अलग-अलग जगहों पर किराये से रहकर जड़ी-बूटी के नाम पर नकली दवा बेच रहे हैं. जानकारी के मुताबिक दूर-दूर से लोग जिले में आकर हर बीमारी का इलाज करने का दावा करते हैं. ये झोलाछाप डॉक्टर गठिया रोग, अस्थमा, बवासीर, मोटा-पतला होने की साथ ही गुप्त रोग जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज करने का दावा कर रहै हैं. गौरतलब है कि बी के कौशिक नामक व्यक्ति जो कि अपनेआप को हरियाणा राज्य का बताता है, जिले के अलग-अलग जगहों पर महीने की अलग-अलग तारीखों में ग्रामिण अंचलो में जाकर ग्रामिणों का इलाज करता है. दवा खाने के बाद ग्रामिणों को काफी नुकसान होता है. लेकिन जब तक वे शिकायत करते हैं, तब तक गिरोह अपना ठिकाना बदल लेता है.
अलग-अलग शिशियो में लिक्विड रुपी दवा और पुड़ियों में पाउडर में बनाकर ये दवाएं 200 -200 रुपये में बेची जा रही है. जब ग्रामिण इसे खाते है तो उसका उनके शरीर पर विपरित असर पड़ता है. बिना लायेंसेंस और बिना कोई डिग्री के खुलेआम हर मर्ज का इलाज होने का दावा करते हुए ये झोलाछाप डॉक्टर दवाएं बेचते है.
जब इस मामले में वारासिवनी एसडीएम संदीप सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ये गैर कानूनी रुप से काम कर रहे हैं. जल्द ही एक टीम बनाकर पूरे जिले में अभियान चलाकर उनको पकड़ा जाएगा. साथ ही इन पर मामला दर्ज कर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.