बालाघाट। पुलिस ने अन्तर्राजीय साइबर फ्रॉड गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस पूरे नेटवर्क में अभी तक आठ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिसमें 300 से अधिक मोबाइल, 10 लाख नगद, 30 से ज्यादा बैंक खाते फ्रिज, 75 से अधिक क्रेडिट कार्ड को जब्त किया गये हैं. इसमें 700 से अधिक ऑपरेटर को चिह्नित किया गया है. पूरे देश में 20 करोड़ से अधिक के मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क का खुलासा हुआ है. यह नेटवर्क 18 राज्यो में फैला हुआ है. उन राज्यों की पुलिस भी इस पूरे मामले में जांच कर रही. पुलिस ने आयकर विभाग और ईडी से भी संपर्क किया है.
700 से अधिक ऑपरेटर कर रहे थे काम
इस पूरे मामले के संदर्भ में पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने मीडिया से रूबरू होते हुए बताया कि गृह मंत्रालय, भारत सरकार और मध्य प्रदेश पुलिस, झारखंड पुलिस, आंध्र प्रदेश पुलिस और कई राज्यों की पुलिस टीमें वित्तीय फ्रॉड शाखा ने मिलकर कार्रवाई करते हुए एक बड़े अंतर राज्यीय साइबर धोखाधड़ी मेगा नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है. इसमें 700 से अधिक ऑपरेटर थे, जो ओटीपी धोखाधड़ी, क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, ई-कॉमर्स धोखाधड़ी, फर्जी आईडी, फर्जी मोबाइल नंबर, फर्जी पते, कालाबाजारी कर चोरी, मनी लांड्रिंग और आदतन चोरी के माल के लेनदेन में शामिल होकर इसे विभिन्न चरणों में चला रहे थे.
18 से अधिक राज्यों में फैला नेटवर्क
खुफिया इनपुट के माध्यम से जांच की गई तो पता चला कि भारत के 18 से अधिक राज्यों में यह नेटवर्क चल रहा है. इसमें विविध एजेंसियों के माध्यम से लगातार विवेचना जारी है. प्रथम दृष्टया नेटवर्क के मुख्य आठ संचालकों को गिरफ्तार किया गया है. इसमें बालाघाट से दो, झारखंड से चार और आंध्र प्रदेश के दो आरोपी शामिल हैं. आरोपियों के पास से 300 से अधिक मोबाइल फोन, 10 लाख नगद, 30 से ज्यादा बैंक खाते फ्रीज, 75 से अधिक क्रेडिट कार्ड, हार्ड डिस्क, लैपटॉप, टीवी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य बरामद किए गए हैं.
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पुलिस ने बालाघाट जबलपुर गोंदिया के मोबाइल संचालकों के पास से भी लगभग एक सैकड़ा मोबाइल जब्त किए हैं. जहां पर इन आरोपियों द्वारा मोबाइल को खपाने का कार्य किया जा रहा था. इस दौरान पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इस मामले का अनुसंधान जारी है. इसमें और भी आरोपी शामिल होंगे. सभी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. इसके अलावा अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है. जिन राज्यों से यह फर्जीवाड़ा जुड़ा है, उन राज्यों की पुलिस भी अलग से जांच कर रही है. यह पूरी जांच भारत सरकार गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार हो रही है.