बालाघाट। जिले की ग्राम पंचायत येरवाघाट की कृष्णयुग आजीविका स्वसहायता समूह की महिलाओं ने वारासिवनी SDM के नाम ज्ञापन सौंपा है. तहसीलदार राजेन्द्र टेकाम को सौंपे गए इस ज्ञापन में महिलाओं ने निलंबित राशन दुकान को फिर से समूह को देने की मांग की है.
दरअसल, शासन द्वारा शासकीय उचित मूल्य की दुकानें स्वसहायता समूहों को भी देने का प्रावधान किया गया था. जिसके तहत पिछले साल मार्च में कृष्णयुग आजीविका स्वसहायता समूह को राशन दुकान मिली थी. समूह इसे सफलतापूर्वक चला भी रहा था. लेकिन इसी बीच अप्रैल में समूह की सदस्यों को शिकायत मिली कि सेल्समैन द्वारा राशन के बदले में उपभोक्ताओं से राशि वसूली जा रही है. जिसके बाद सदस्यों ने सेल्समैन को ऐसा करने से मना कर पहले का हिसाब मांगा. लेकिन सेल्समैन ने हिसाब देना दो दूर उपभोक्ताओं से राशन के बदले में पैसे लेते रहने की समूह के सदस्यों को चुनौती दे डाली. सेल्समैन पर 58 हजार रुपए गबन करने के आरोप लगे हैं.
शिकायत पर SDM ने दुकान की निलंबित
राशन दुकान में सेल्समैन और सदस्यों के बीच विवाद से यह पूरा मामला सुर्खियों में आ गया. जिसके बाद सदस्यों ने सेल्समैन रितिका चौहान को समूह से हटाकर उसके द्वारा किए जा रहे कृत्य की शिकायत वारासिवनी SDM संदीप सिंह से की. जिस पर SDM ने सुनवाई के दौरान येरवाघाट की राशन दुकान को ही 12 मई को निलंबित करने का आदेश सुना दिया. SDM के इस आदेश से गांव के लोगों को राशन मिलने में काफी परेशानी हो रही है. जिस वजह समूह की सदस्यों ने फिर से राशन दुकान खोलने देने की मांग की है. और इस संबंध में SDM के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा.
सेल्समैन पर गंभीर आरोप
SDM ऑफिस पहुंचकर ज्ञापन सौंपने के बाद समूह की सदस्यों ने बताया कि, सेल्समैन द्वारा राशन वितरण में लगातार अनियमितता बरती जा रही थी. सेल्समैन मुफ्त में राशन बांटने के बदले पात्र उपभोक्ताओं से पैसे लेती थी. समूह की सदस्यों ने सेल्समैन पर बाजार में भी राशन बेचने के आरोप लगाए थे. वहीं हजारों रुपए की राशि गबन करने के भी आरोप थे. वहीं मामले में SDM की कार्रवाई के बाद राशन दुकान को निलंबित कर दिया गया. जिसके बाद अब महिलाएं फिर से राशन दुकान खोलने देने की मांग कर रही हैं.